घरौनी के लिए 74 हजार गांवों का ड्रोन सर्वे पूरा


ग्रामीण आवास प्रमाण पत्र तैयार करने में देश में सबसे आगे है उत्तर प्रदेश

अगले साल अक्टूबर तक सभी ढाई करोड़ परिवारों को घरौनी प्रमाण पत्र देने


का है लक्ष्य


अबतक तैयार हो चुके हैं 37 लाख से अधिक घरौनी प्रमाण पत्र

प्रदेश के जालौन जनपद में शत प्रतिशत घरौनी बांट चुकी है योगी सरकार

लखनऊ, 15 सितंबर।

राजस्व विवाद के स्थायी समाधान और ग्रामीण परिवारों को उनके घर

का कानूनी मालिकाना हक दिलाने के उद्देश्य से शुरू की गई भारत सरकार की

प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की

अगुवाई में तेजी से मूर्त रूप ले रही है। बीते जून माह तक लगभग 35 लाख

परिवारों को ग्रामीण परिवार प्रमाण पत्र (घरौनी) वितरित की जा चुकी है। वहीं

अब तक 22 जिलों के 74 हजार से अधिक गांवों का ड्रोन सर्वे पूरा कर लिया

गया है। जालौन जनपद शत प्रतिशत घरौनी तैयार करने का खिताब पहले ही

अपने नाम कर चुका है। अक्टूबर 2023 तक प्रदेश सरकार ने सभी एक लाख दस

हजार राजस्व गांवों के ढाई करोड़ ग्रामीण परिवारों को घरौनी प्रमाण पत्र

उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है।

2020 में हुई थी योजना की शुरुआत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल 2020 को ग्रामीण परिवार प्रमाण पत्र

(घरौनी) के नाम से प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना की शुरुआत की थी। मुख्यमंत्री

योगी आदित्यनाथ का महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने को साकार करने

में अहम भूमिका निभाने वाली इस योजना के क्रियान्वयन पर खासा जोर है।

राजस्व विभाग इसको अमलीजामा पहनाने में तेजी से जुटा है। योजना के

क्रियान्वयन में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है। बीते 25 जून तक 3469879 परिवारों

को घरौनी प्रमाण पत्र वितरित किया जा चुका है। जून के बाद 241415 नये

घरौनी प्रमाण पत्र तैयार किये जा चुके हैं । इस प्रकार अबतक 25824 गावों के

3711294 ग्रामीण आवास प्रमाण पत्र तैयार किए जा चुके हैं। वहीं अन्य जिलों

के ड्रोन सर्वे लगातार जारी है। अब तक 22 जिलों के 74657 गांवों में सर्वे की

प्रक्रिया पूरी कर घरौनी तैयार की जा रही है। मुख्यमंत्री योगी ने 25 जून को

11 लाख परिवारों को डिजिटली रूप से घरौनी का वितरण करते हुए ऐलान


किया था कि अक्टूबर 23 तक प्रदेश के सभी एक लाख दस हजार से अधिक

राजस्व गांवों के ढाई लाख परिवारों को घरौनी उपलब्ध करा दी जाएगी।

घरौनी प्रमाण पत्र के फायदे

चूंकि ग्रामीण आवास प्रमाण पत्र (घरौनी) ड्रोन सर्वे, पैमाइश और गांवों

की खुली बैठक में शिकायतों के निस्तारण के बाद तैयार होगा, लिहाजा

आवासीय भूमि के विवाद का समाधान होगा। इस प्रमाण के जरिये ग्रामीण भी

शहरों की भांति अपने मकान पर बैंक से ऋण लेकर अपना रोजगार और

व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। मकान बेंच और खरीद भी सकते हैं। वहीं घरौनी

तैयार करने की प्रक्रिया के दौरान 31 मई 22 तक निर्विवाद वरासत के आये

3331417 शिकायतों का निस्तारण किया गया। जबकि विवादित वरासत के

2831417 मामलों में आदेश पारित किये गये।

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