बलरामपुर/*इस्लाम तलवार से नहीं किरदार से फ़ैला है-डॉ अली अज़हर* उतरौला(बलरामपुर)

 पहली मुहर्रम के साथ ही क्षेत्र में कस्बे से लेकर ग्रामीण इलाकों में मजलिसों का सिलसिला शुरू हो गया है। रेहरा माफ़ी मे इमामबारगाह मरहूम इब्ने हसन में जनाब इरफ़ान हैदर ने मजलिस को संबोधित किया वहीं  इमामबारगाह मरहूम हसन जाफ़र में डॉक्टर अली अज़हर साहब ने मजलिस को संबोधित करते हुए बताया कि हमारे रसुल और इमामों ने दीने इस्लाम को तलवार नहीं किरदार से फ़ैलाया,इस्लाम मुहब्बत भाईचारे अम्न और शान्ति का मज़हब है!
कर्बला की जंग सत्य और असत्य हिंसा और अहिंसा के बीच लड़ी गई थी
वहीं अंतिम मजलिस इमामबारग मरहूम मुहम्मद ज़ाहिद में आयोजित हुई जिसे मौलाना ताहिर अब्बास साहब ने सम्बोधित करते हुए इमाम हुसैन और उनके बहत्तर शहीदों की शहादत का वर्णन किया 
इस अवसर पर अली जाफ़र तौसीफ़ हसन अब्बास जाफ़र तौक़ीर हसन मुहम्मद आलिम मोजिज़ अब्बास अली शहंशाह मुहम्मद आरिफ़ रज़ा अब्बास मुहम्मद सालिम अता अब्बास आदि शामिल रहे!
असगर अली
उतरौला

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