मुख्यमंत्री ने प्रदेश में बायोफ्यूल उत्पादन को बढ़ावा देने की जरूरत पर बल देते हुए जैव ऊर्जा नीति तैयार करने के निर्देश दिए

बायोफ्यूल न केवल हमारी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मददगार, बल्कि अतिरिक्त आय और रोज़गार सृजन में भी सहायक: मुख्यमंत्री

बायोफ्यूल के उपयोग से कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी

प्रधानमंत्री जी की मंशा के अनुरूप राज्य सरकार के कम्प्रेस्ड बायोगैस, बायोकोल, एथेनॉल और बायो डीजल जैसे जैव ऊर्जा प्रकल्पों को प्रोत्साहन के प्रयासों के सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए

नई जैव ऊर्जा नीति में इस क्षेत्र की निवेशकर्ता कम्पनियों के लिए भूमि की सुलभ उपलब्धता, पूंजीगत उपादान सहित सभी जरूरी सहयोग उपलब्ध कराने के प्राविधान किए जाने चाहिए

सभी 75 जनपदों में न्यूनतम एक बायोफ्यूल इकाई की स्थापना की जाए, अगले चरण में प्रदेश की प्रत्येक तहसील में एक बायोफ्यूल इकाई की स्थापना के प्रयास किए जाएं

लखनऊ: 21 अगस्त, 2022

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश में बायोफ्यूल उत्पादन को बढ़ावा देने की जरूरत पर बल देते हुए जैव ऊर्जा नीति तैयार करने के निर्देश दिए हैं। बायोफ्यूल न केवल हमारी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मददगार होगा, बल्कि अतिरिक्त आय और रोज़गार सृजन में भी सहायक होगा।
मुख्यमंत्री जी ने यह निर्देश आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत उच्चस्तरीय बैठक में उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति-2022 के सम्बन्ध में एक प्रस्तुतिकरण के दौरान दिए। उन्होंने कहा कि बायोफ्यूल, कच्चे तेल पर निर्भरता को कम करने और स्वच्छ वातावरण को बढ़ावा देने में सहायक है। बायोफ्यूल के उपयोग से कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। वर्तमान में पूरी दुनिया में कार्बन उत्सर्जन को लेकर अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश के पास इस दिशा में एक मॉडल प्रस्तुत करने का अवसर है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की मंशा के अनुरूप राज्य सरकार के कम्प्रेस्ड बायोगैस, बायोकोल, एथेनॉल और बायो डीजल जैसे जैव ऊर्जा प्रकल्पों को प्रोत्साहन के प्रयासों के सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं। अब तक बायोकोल की 02 इकाइयों में उत्पादन भी प्रारम्भ हो चुका है। कम्प्रेस्ड बायोगैस की 01 इकाई माह जून, 2022 में पूर्ण हो चुकी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नई जैव ऊर्जा नीति में इस क्षेत्र की निवेशकर्ता कम्पनियों के लिए भूमि की सुलभ उपलब्धता, पूंजीगत उपादान सहित सभी जरूरी सहयोग उपलब्ध कराने के प्राविधान किए जाने चाहिए। नवीन जैव ऊर्जा नीति तैयार करते समय औद्योगिक जगत से परामर्श जरूर लिया जाए। संवाद के माध्यम से निवेशकर्ता संस्थाओं/कम्पनियों की जरूरतों को समझते हुए सभी पक्षों की राय लेते हुए व्यापक विमर्श के बाद नवीन नीति तैयार की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आगामी 05 वर्षों में 500 टन सी0बी0जी0 प्रतिदिन कम्प्रेस्ड गैस उत्पादन के लक्ष्य को लेकर प्रयास किए जाएं। इस तरह प्रतिवर्ष 1.5 लाख टन उत्पादन का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकेगा। इसी प्रकार, बायोकोल, बायोडीजल और बायो एथेनॉल के लिए 2000-2000 टन प्रतिदिन के उत्पादन के लक्ष्य को लेकर काम किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अन्नदाता किसानों द्वारा पराली जलाए जाने से पैदा हो रही पर्यावरणीय चुनौतियों के स्थायी समाधान के लिए हमें विशेष प्रयास करना होगा। नई जैव नीति में इस विषय का ध्यान रखा जाए। सभी 75 जनपदों में न्यूनतम एक बायोफ्यूल इकाई की स्थापना की जाए। अगले चरण में प्रदेश की प्रत्येक तहसील में एक बायोफ्यूल इकाई की स्थापना के प्रयास किए जाएं। बायोफ्यूल प्लाण्ट की स्थापना और बायोमास भण्डारण के लिए ग्राम समाज/राजस्व भूमि/चीनी मिल परिसर में खाली भूमि के उपयोग पर विचार किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भविष्य की जरूरतों के लिए हमें बायोमास सप्लाई चेन का विकास करना होगा। ऊर्जा और परिवहन के क्षेत्र में बायोफ्यूल के उपयोग को बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है। विद्युत उत्पादन गृहों में बायोमास पैलेट्स के उपयोग की दिशा में ठोस प्रयास किए जाने चाहिए।
इस अवसर पर कृषि उत्पादन आयुक्त श्री मनोज कुमार सिंह, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री अरविन्द कुमार, अपर मुख्य सचिव ऊर्जा एवं गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एम0एस0एम0ई0 श्री नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री प्रशान्त त्रिवेदी, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, अपर मुख्य सचिव दुग्ध विकास श्री रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना श्री संजय प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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