*रक्षा बंधन*
इस वर्ष रक्षाबंधन किस दिन मनाएं,इसको लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। राखी 11 अगस्त को बांधे या फिर 12 अगस्त को, राखी बांधने का कौन सा शुभ मुहूर्त रहेगा?
इस वर्ष राखी के त्योहार की तिथि को लेकर लोगों के बीच में बहुत ही असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कुछ ज्योतिषाचार्य रक्षाबंधन का त्योहार 11 अगस्त को बता रहे हैं तो कुछ 12 अगस्त को मनाने की सलाह दे रहे हैं। इस बार रक्षा बंधन पर भद्रा का साया भी मौजूद रहेगा।
*रक्षा बंधन कब मनाएं 11 या 12 अगस्त?*
राखी 11 अगस्त को बांधे या फिर 12 अगस्त को, राखी बांधने का कौन सा शुभ मुहूर्त रहेगा?  
*इस विषय में मोटे तौर पर कहा जाए तो आप अपनी सुविधा एवं आस्थानुसार,दोनों दिन भी यह पर्व मना सकते हैं।* ज्योतिषीय एवं विभिन्न ग्रंथों में दिए गए नियमों के अनुसार हम इसे स्पष्ट करने का प्रयास करेंगे। पंचांग के अनुसार 11 अगस्त,गुरुवार को चंद्रमा मकर राशि एवं भद्रा पाताललोक में होने से भद्रा का परिहार होगा। अतः11अगस्त गुरुवार को भद्रा के बाद प्रदोषकाल में रात्रि 18 बजकर 20 मिनट से लेकर 21 बजकर 50 मिनट तक रक्षाबंधन मनाना चाहिए। *परंतु उत्तर भारत में उदय-व्यापिनी पूर्णिमा के दिन,प्रातःकाल को ही यह त्योहार मनाने का प्रचलन है। अतः 12 अगस्त,शुक्रवार को उदयकालिक पूर्णिमा में भी राखी बांध सकते हैं।*
*12 अगस्त को रक्षाबंधन मनाना बेहद शुभ होगा।*
इस साल सावन मास की पूर्णिमा 11 अगस्त को 10 बजकर 39 मिनट पर शुरू हो रही है। इसी समय से भद्रा भी लग रही है जो रात 08 बजकर 53 मिनट पर समाप्त होगी। 11 अगस्त को प्रदोष काल में शाम 05 बजकर 18 मिनट से 06 बजकर 18 मिनट तक के बीच रक्षा सूत्र बंधवा सकते हैं। इसके बाद भद्रा समाप्त होने पर रात 08 बजकर 54 मिनट से रात 09 बजकर 49 मिनट तक राखी बांध सकते हैं। लेकिन हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार,सूर्यास्त के बाद राखी बांधना वर्जित है। इस कारण से 12 अगस्त को राखी का त्योहार शुभ माना जा रहा है।
11 अगस्त को भी इन मुहूर्तों पर बांध सकते हैं राखी
11 अगस्त पूर्णिमा को चंद्रमा मकर राशि का होने के कारण भद्रावास स्वर्ग में है अर्थात शुभ फलदायी है और यह दिवस पूर्णतया रक्षा बंधन मनाने योग्य है। 12 अगस्त शुक्रवार को पूर्णिमा तिथि सुबह 7 बजकर 17 मिनट तक ही है, इसीलिए रक्षा बंधन  11 अगस्त, बृहस्पतिवार को लगभग सुबह 9.30 बजे के बाद पूर्णिमा तिथि लगने के उपरान्त ही मनाया जाएगा। शास्त्रों के अनुसार जब भद्रा का वास मृत्युलोक(पृथ्वीलोक)में होता है तभी केवल वह अशुभ माना जाता है। पाताल लोक अथवा स्वर्गलोक की भद्रा का वास शुभ फलदायी होता है।
पूर्णिमा तिथि समाप्त - 12 अगस्त सुबह 7 बजकर 17 मिनट तक
शुभ समय - 11 अगस्त को सुबह 10 बजकर 38 मिनट से 12 बजकर 32 मिनट
अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12 बजकर 6 मिनट से 12 बजकर 58 मिनट तक
अमृत काल - दिन में दोपहर 2 बजकर 09 मिनट से 3 बजकर 47 मिनट तक

*बेहतर होगा कि रक्षा बंधन 12 अगस्त को सुबह-सुबह 7 बजे से पहले मनाया जाए। क्योंकि 12 अगस्त को पूर्णिमा तिथि भी होगी और भद्रा भी नहीं रहेगा।*

*जानता हूं बहोत से विद्वान लोग 11 को रक्षा बंधन का समर्थन कर रहे हैं हमे प्रयास करना चाहिए कि हम उदया तिथि को महत्व दे ताकि ऐसी कोई शंका ही न रहे।*

*।।हर हर महादेव।।*

ज्योतिष सेवा केन्द्र
ज्योतिषाचार्य पंडित अतुल शास्त्री
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