पहले सोमवार पर काशी पुराधिपति की नगरी हर-हर महादेव और बोल बम के जयघोष से गुंजायमान है। हर-हर, बम-बम के बोल संग गूंजती कांवड़ियों की बोली के साथ आस्थावानों की टोली लगातार आगे बढ़ रही है। कोरोना के कारण दो साल बाद सावन की रौनक लौटी है।   सावन में पहली बार शिवभक्त गंगद्वार से गंगाजल लेकर बाबा विश्वनाथ के धाम पहुंच रहे हैं। तेज धूप के बीच ललिता घाट पर लंबी कतार लगी है। इसके अलावा कैथी मार्केंडय मंदिर, सारनाथ स्थित सारंगदेव महादेव, गौरी केदारेश्वर, महामृत्युंजय, जागेश्वर महादेव, शूल टंकेश्वर, तिल भांडेश्वर, बैजनत्था मंदिर, रामकुंड स्थित रामेश्वर महादेव समेत अन्य शिवालयों में भक्तों का सैलाब उमड़ा है। हर हर महादेव के गगनभेदी जयकारे गूंज रहे हैं। रविवार शाम से ही बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने के लिए कतारें लगना शुरू हो गई थी। सभी शिवभक्त मंगला आरती की प्रतीक्षा कर रहे थे, जिससे उनके लिए काशी विश्वनाथ मंदिर के कपाट खुलें और जिलाभिषेक कर दर्शन करें। मंगला आरती होते ही दर्शन-पूजन का सिलसिला शुरू हुआ जो अनवरत जारी है।  चितरंजन पार्क में कांवड़ियों के लिए शिविर की शुरुआत भी हो गई है। कांवड़ियों की कतार गेट नंबर एक ढुंढिराज गणेश से होते हुए बांसफाटक से आगे गोदौलिया तक लगी है।

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