सादुल्लाह नगर/ बलरामपुर 
अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरा में देश भर से आए कवियों व शायरों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्र मुग्ध व भाव विभोर कर दिया 
सादुल्लाह नगर के ग्राम पंचायत नेवादा में शफीकुल ईमान कासमी के संयोजन में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सपा नेता जावेद परवेज उपस्थित रहे 
उक्त अखिल भारतीय मुशायरा में गाजियाबाद से आई कवित्री राधिका मित्तल ने पढा कि 
"तमन्ना है यही दिल की तेरा दीदार हो जाए। 
तुझे देखू मैं पल भर को तुझी से प्यार हो जाए। 
मुहब्बत के समंदर में अकेली है मेरी कश्ती। 
तुम्हारा साथ हो तो मेरी कश्ती पार हो जाए।।"
नागपुर महाराष्ट्र से आए शायर इमरान फैज ने पढा कि 

"हर दिल का मेहमान बना दे या अल्लाह 
चोट लगे हिंदू को तो मुस्लिम चीख पड़े 
ऐसा हिंदुस्तान बना दे या अल्लाह। "
सलमान तालिब खलीलाबादी ने पढ़ा के 
"रूसवा चारों तरफ हो रहा मुल्क है ।
अपनी हर आबरू खो रहा मुल्क है। 
एक मासूम गुड़िया जला दी गई 
फिर भी बेशर्मी से सो रहा मुल्क है। 
शादाब आजमी ने 
पढ़ा कि 
"रात का आलम दर्द जुदाई और मेरी तंहाई है 
जाने वाले लौट के आ जा याद तेरी फिर आई है 
तरह तालुक करने वाले तुझको ए भी याद नहीं 
साथ जीएंगे साथ मरेंगे हमने कसम यह खाई है"
अफजल इलाहाबादी ने पढ़ा कि
 "अधूरे पन से मुहब्बत सी हो गई है मुझे। 
मुझे डर है कि मुकम्मल कही न हो जाऊ।।"
"उसके बुझने का दुख बहुत है मुझे।
 जिसने जलना मुझे सिखाया था।। "
 मुशायरा में अली फ़ाजिल मुम्बई, फलक सुल्तानपुरी, इसरार सिद्धार्थ नगरी, वजीहुददीन जलाल संत कबीर नगर, इमरान वफा प्रतापगढ़,अरशद सिद्धार्थ नगर ,मुहम्मद आवेस बलरामपुर, आदि शायरों ने गजल, गीत, नात, हम्द, सामाजिक,धार्मिक ,राजनीतिक, नैतिक सुधार पर आधारित रचनाएं पढ कर अखिल भारतीय मुशायरा एवं कवि सम्मेलन को सफल बनाया 
 मुशायरे का संचालन प्रख्यात शायर नसीम फैजी पूणे ने किया 
अध्यक्षता मौलाना अब्दुल्लाह राही  ने किया 
इस अवसर पर इम्तियाजुल हक, इसरारारूल हक,जियाऊलहक ,नदीम, मुहम्मद वसीम, सददाम, शकील अहमद, शफीक अहमद, सुल्तान मुहम्मद आरिफ, मसूदुल हसन, शहीम, गुडडू, पिंटू, फुरकान, तौफीक अहमद ,तफज्जुल हुसैन, मोहतशिम तौकीर, तफसीर अहमद, हाशिर तौकीर, हंजला, ताबिश ,दानिश।
असग़र अली
उतरौला

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने