राजेसुल्तानपुर (अंबेडकरनगर)। सरयू नदी स्थित कम्हरिया घाट पर अभी तक पीपा पुल नहीं बन सका है। नतीजा यह है कि अंबेडकरनगर समेत गोरखपुर व जौनपुर जनपद के यात्रियों को अपने गंतव्य तक आवागमन करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि साइकिल व पैदल यात्री नाव के सहारे किसी तरह आवागमन कर रहे हैं, लेकिन सबसे ज्यादा दिक्कत चार पहिया वाहन सवारों को उठानी पड़ रही है। उन्हें 45 से 50 किलोमीटर की अधिक दूरी तय कर बिडहर पुल से होकर आवागमन करना पड़ रहा है। पीपा पुल न बनने से स्थानीय नागरिकों व यात्रियों में नाराजगी व्याप्त है।
सरयू नदी स्थित कम्हरिया घाट पर जौनपुर, आजमगढ़, गोरखपुर, सिद्धार्थनगर व संतकबीरनगर जाने के लिए पीपा पुल का निर्माण कराया जाता है। यह पुल प्रत्येक वर्ष 15 नवंबर से शुरू होकर 15 जून तक चलता है। इस पीपा पुल से होकर संबंधित जनपदों के लोग अपने गंतव्य तक सुचारु आवागमन करते हैं। लेकिन इस बार घाट पर अब तक पीपा पुल नहीं बन सका है। कारण यह कि नदी की कटान हर वर्ष के सापेक्ष इस बार ज्यादा हो गई है। इससे चौड़ाई काफी बढ़ गई है। चौड़ाई के सापेक्ष पीपे उपलब्ध नहीं हैं। मौके पर कुल 106 पीपे ही उपलब्ध हैं, जो काफी कम हैं। ऐसे में पीपा पुल का निर्माण संभव नहीं हो पा रहा है। नतीजा यह है कि नागरिकों को आवागमन में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।पैदल व साइकिल यात्री तो नाव के सहारे किसी तरह अपने गंतव्य तक पहुंच जा रहे हैं, लेकिन सबसे ज्यादा दिक्कत चार पहिया वाहनों से जुड़े यात्रियों को हो रही है। ऐसे वाहनों को 45 से 50 किलोमीटर की अधिक दूरी तय कर बिड़हर पुल से होकर आवागमन करना पड़ रहा है। जबकि पीपा पुल बना होता तो उन्हें आसानी होती। गोरखपुर जाने वाले यात्रियों को कम्हरिया घाट से 60 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती, लेकिन पुल के अभाव में यात्रियों को अभी 110 किलोमीटर का चक्कर लगाने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
उधर, पीपा पुल न बनने से यात्रियों व स्थानीय नागरिकों ने नाराजगी प्रकट की है। उनका कहना है कि पीपा पुल प्रत्येक वर्ष 15 नवंबर तक शुरू हो जाता था, लेकिन इस बार अब तक पुल की तैयारी शुरू नहीं है। यदि नदी की चौड़ाई बढ़ गई है तो उसी के अनुरूप पीपों की व्यवस्था करनी थी। लेकिन यात्रियों की सुविधाओं को दरकिनार कर सिर्फ अपनी समस्याओं को गिनाया जा रहा है। पीपा पुल न बनने से उन सभी को करीब 50 किलोमीटर की अधिक दूरी तय करनी पड़ रही है। यात्रियों ने घाट पर अविलंब पीपा पुल बनवाने की मांग की है।
जलस्तर कम होने पर बनेगा पुल
इस बार नदी की कटान ज्यादा है। इसके चलते नदी की चौड़ाई काफी बढ़ गई है। मौजूदा समय में 106 पीपे उपलब्ध हैं। लेकिन पुल बनाने के लिए यह पर्याप्त नहीं है। नदी की धारा कम होने पर पीपा पुल का कार्य शुरू कराया जाएगा। यात्रियों को परेशान होने की जरूरत नहीं है।
- गौरव श्रीवास्तव, अवर अभियंता लोक निर्माण विभाग गोरखपुर

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