अंशु की हत्या उसकी मां के प्रेमी ने अपने साथी की मदद से की थी। असल में गांव के विक्रम सिंह नामक शख्स से अंशु की मां के प्रेम संबंध थे। घटना वाली रात विक्रम अंशु की मां से बाग में मिलने पहुंचा। अंशु ने मां को प्रेमी के साथ आपत्तिजनक हालत में देख लिया। अंशु के पहुंचने पर उसकी मां तो जल्दबाजी में भाग गई लेकिन बिटिया को वहीं छोड़ गई। राज खुल जाने के डर से विक्रम ने अंशु को एक गड्ढे में पटक दिया और अपने साथी अर्जुन की मदद से गला घोंट दिया। इसके बाद शव पानी में फेंककर भाग गए। एसपी गंगापार धवल जायसवाल के मुताबिक गंदे पानी में पड़े रहने से शव सड़ गया था। इसी वजह से हाथ गल गया था। पुलिस ने विक्रम सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। उसका साथी अर्जुन उर्फ राजेंद्र फरार है। उसकी तलाश चल रही है। हत्या का खुलासा होने पर पुलिस ने राहत की सांस ली है। दरअसल मामले को लेकर भीम आर्मी, बसपा और कांग्रेस के नेता लगातार प्रदर्शन कर रहे थे सहसों के एक गांव की 11 वर्षीय अंशु तीन जुलाई को मां के साथ बाग गई और लापता हो गई थी। घरवालों ने सरायइनायत थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई तो पुलिस ने तलाश शुरू की। इसके बाद बिटिया की लाश एक गड्ढे में सड़ी गली हालत में मिली। माना गया कि दुष्कर्म के बाद हत्या की गई। मामले को लेकर प्रदर्शन शुरू हो गया। पुलिस ने डॉक्टरों के पैनल से शव का पोस्टमार्टम कराया तो दुष्कर्म की बात सामने नहीं आई। घरवालों ने किसी पर शक नहीं जताया था।

शुरू से करीबी का हाथ होने का शक

पुलिस शुरू से ही इस घटना के पीछे करीबी का हाथ होने का दावा कर रही थी। मामला हॉररकिलिंग से जोड़कर देखा जाने लगा। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए पुलिस ने गांव के विक्रम सिंह को उठा लिया। सख्ती होने पर उसने सारी कहानी बयां कर दी। एसपी धवल जायसवाल के मुताबिक, चकिया घरहरा गांव के विक्रम सिंह (52) कस बालिका की मां से संबंध था। विक्रम ने उसे बाग में मिलने बुलाया तो वह लड़की को लेकर पहुंच गई। लड़की आम बीनने लगी तो विक्रम और महिला पेड़ के पीछे चले गए। इसी बीच लड़की टार्च लेकर पहुंच गई। बेटी को देख मां तो घर भाग गई लेकिन विक्रम ने उसे दबोच लिया और साथी चकिया घरहरा निवासी अर्जुन उर्फ राजेंद्र उर्फ राजू पटवा के साथ मिलकर हत्या कर दी

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