उतरौला (बलरामपुर) 
मिनी विधान सभा कहा जाने वाला तहसील क्षेत्र की सबसे बड़ी ग्राम सभा इटईरामपुर में राष्ट्रीय स्वच्छ पेयजल योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। लगभग दस करोड़ रुपए की लागत से बने दो ओवरहेड टैंक व गांव में बिछाई गई पाइप लाइन एक वर्ष से क्षतिग्रस्त है।
 जल निगम ने पंचायत विभाग को एक वर्ष पहले हस्तांतरित कर दिया था। किये जाने के बाद ग्रामसभा भी  पेयजल आपूर्ति शुरू नहीं हो सकी। इस ग्राम सभा में लगभग 120 मजरे हैं। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वच्छ पेयजल अभियान में पानी की टंकी का निर्माण कराकर पाइप लाइन से ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध कराने की योजना को मंजूरी मिली थी। ग्रामसभा में दो स्थानों पर ओवरहेड टैंक बनाकर पूरी ग्रामसभा में पाइप लाइन बिछाकर ग्रामीणों को निशुल्क कनेक्शन दिया जाना था। जल निगम ने गड़रहिया व राज बहादुरपुर में टैंक का निर्माण कराकर पाइप लाइन बिछाया। इसका संचालन करने लिए निगम ने ग्राम सभा को हस्तांतरित कर दिया। प्रधान फखरूद्दीन का आरोप है कि जल निगम के अधिकारियों ने पानी की टंकी के निर्माण व पाइप लाइन बिछाने में मानक की धज्जियां उड़ाई। सप्लाई जाने पर जगह-जगह पाइप लाइन डैमेज हो गई है। लाइन डैमेज होने से लगभग एक वर्ष से पेयजल आपूर्ति नहीं हो सकी है। इसके अतिरिक्त टंकी चलाने के लिए ट्यूबवेल आपरेटर की तैनाती नहीं की। इसको चलाने के लिए ट्यूबवेल आपरेटर का वेतन व पाइप लाइन के मरम्मत के लिए धन का कोई इंतजाम नहीं है। इससे वर्षों से ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
 जल निगम के मुख्य अभियंता मनोज कुमार ने बताया कि पेयजल योजना में बने पानी की टंकी का निर्माण व गांव में पाइप लाइन बिछाकर ग्राम सभा को एक वर्ष पहले दिया जा चुका है। इसके संचालन की व्यवस्था ग्राम प्रधान को करनी है।
असगर अली
उतरौला

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