उतरौला (बलरामपुर) एक ओर जहां देश के प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों में स्वच्छता अभियान चलाकर देश वासियों को संक्रमण के खतरे से बचाने का प्रयास किया है वहीं उनके निर्देश पर राज्यों ने भी व्यापक रूप से करोड़ों रुपए खर्च कर आमजन के लिए स्वच्छ मुक्त शहर का मार्ग प्रशस्त किया है। लेकिन उतरौला नगर के जिम्मेदारों ने ने उन सारे अभियानों की हवा निकाल दी है।
       स्वच्छता अभियान के सालों बीतने के बाद भी उतरौला में कूड़ा डंपिंग प्रोजेक्ट की शुरुआत नहीं हो सकी है। जिसका नतीजा नगरपालिका द्वारा कूड़े का सड़कों के किनारे ही निस्तारण करा दिया जा रहा है। जिससे आस पास के लोगों को इस गंदगी से संक्रमित होने का खतरा बना हुआ है।इस सड़ांध से उत्पन्न दुर्गन्ध का दंश आने जाने वाले राहगीर भी झेल रहे हैं। नगरपालिका प्रशासन शहर की गंदगी को कस्बे के व्यस्तम हाटन रोड पचपेड़वा मार्ग पर गुरुदयाल डीह के पास सड़क किनारे कचरा गिराया जा रहा है। जिसके दुर्गन्ध से आमजन के साथ साथ राहगीर भी परेशान हैं। उतरौला विकास मंच अध्यक्ष आदिल हुसैन ने बताया कि करीब एक साल से यहां नगरपालिका द्वारा कचरा गिराया जा रहा है जिससे आसपास के बाशिंदों सहित तमाम राहगीर सड़ांध के साथ नारकीय जीवन जीने को विवश हैं। हमने इस मामले को लेकर जिला प्रशासन को अवगत कराया परन्तु समस्या का समाधान नहीं हो सका।
 इस संबंध में अधिशाषी अधिकारी अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि कूड़ा डंपिंग प्रोजेक्ट के लिए जमीन की तलाश की जा रही है शासनादेश के अनुसार उसके समीप पानी का बहाव व नाला,सुवांव नहीं होना चाहिए क‌ई जगह देखा गया परन्तु कुछ दिक्कतों के कारण उपयुक्त जमीन मिल नहीं पा रही है। जिसके कारण अभी इधर उधर कूड़ा निस्तारण कराया जा रहा है। तलाश जारी है जमीन मिलने पर डंपिंग प्रोजेक्ट शुरू कर दिया जाएगा।

उतरौला से असगर अली की रिपोर्ट।

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