लखनऊ, 11 दिसंबर 2025: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोडीन युक्त कफ सिरप (फेंसिडिल) के बड़े तस्करी रैकेट के दो मुख्य आरोपियों को कोर्ट में पेश किए जाने पर बुधवार को भारी हंगामा मचा। कोर्ट परिसर के बाहर सैकड़ों लोगों, वकीलों और स्थानीय नागरिकों ने एकजुट होकर “फांसी दो, फांसी दो!” और “बच्चों के हत्यारों को फांसी दो!” जैसे नारे लगाए।

क्या है पूरा मामला?

पुलिस ने इस रैकेट के दो प्रमुख सदस्यों – बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह और अमित सिंह उर्फ अमित टाटा – को गिरफ्तार किया था।

दोनों को बुधवार को लखनऊ की विशेष एनडीपीएस कोर्ट में पेश किया गया।

कोर्ट ने दोनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

इस दौरान कोर्ट परिसर में तनाव इतना बढ़ गया कि पुलिस को भारी बल और पीएसी की तैनाती करनी पड़ी।

जनता का आक्रोश क्यों?

लोगों का कहना है कि यह रैकेट पिछले कई महीनों से उत्तर प्रदेश के 40 से ज्यादा जिलों में फैला हुआ था। कोडीन युक्त कफ सिरप को नशे के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था और इसे नेपाल, बांग्लादेश, दक्षिण अफ्रीका तक सप्लाई किया जा रहा था।

अब तक 128 से ज्यादा एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं।

32 से अधिक लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

करोड़ों रुपये की अवैध दवाएं जब्त की गई हैं।

मुख्य सरगना शुभम जायसवाल अभी भी फरार है और उसकी तलाश जारी है।

क्या मांग कर रही है जनता?

पूरा रैकेट उजागर हो।

असली सरगनाओं को सामने लाया जाए।

ऐसे अपराधियों को सख्त से सख्त सजा, यहां तक कि फांसी की मांग।

कई लोग इसे “बच्चों और युवाओं की मौत का जिम्मेदार” मान रहे हैं।

सरकार और विपक्ष की प्रतिक्रिया

उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) गठित किया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है।

वहीं विपक्षी दल (सपा, कांग्रेस) इसे सरकार की नाकामी बता रहे हैं और सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं।

यह मामला अब पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन चुका है। लोग चाहते हैं कि ऐसे नशा तस्करी के रैकेट को जड़ से खत्म किया जाए ताकि आने वाली पीढ़ी सुरक्षित रहे।

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