काशी विश्वनाथ मंदिर में 21 फर्जी पंडों पर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, श्रद्धालुओं से ठगी का भंडाफोड़


वाराणसी, 12 जून 2025: श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं के साथ ठगी करने वाले 21 फर्जी पंडों को वाराणसी पुलिस ने धर दबोचा है। ये ठग VIP और सुगम दर्शन के नाम पर भोले-भाले भक्तों से मोटी रकम वसूल रहे थे और कई बार उनके साथ बदसलूकी भी कर रहे थे। पुलिस ने दशाश्वमेध और चौक थाना क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाकर इन फर्जी पुजारियों को गिरफ्तार किया।


पुलिस सूत्रों के अनुसार, इनमें से 15 ठग वाराणसी के स्थानीय निवासी हैं, जबकि 6 चंदौली और मिर्जापुर जिले के रहने वाले हैं। ये लोग मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में सक्रिय थे, जहां वे श्रद्धालुओं को झूठे दावों और आकर्षक ऑफर के जरिए लूट रहे थे। कई मामलों में, इन फर्जी पंडों ने मंदिर के आधिकारिक पुजारियों का नाम लेकर भक्तों का विश्वास जीता और फिर मोटी रकम ऐंठ ली।


पुलिस की सतर्कता और सीसीटीवी का सहारा


वाराणसी पुलिस ने इस कार्रवाई को अंजाम देने के लिए सीसीटीवी फुटेज और श्रद्धालुओं की शिकायतों का सहारा लिया। पिछले कुछ समय से मंदिर में बढ़ती शिकायतों के बाद पुलिस ने विशेष निगरानी शुरू की थी। दशाश्वमेध थाना प्रभारी ने बताया, "हमने मंदिर परिसर में संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी और सीसीटीवी फुटेज के विश्लेषण के बाद इन ठगों की पहचान की। यह कार्रवाई श्रद्धालुओं की सुरक्षा और मंदिर की पवित्रता को बनाए रखने के लिए की गई है।"


श्रद्धालुओं से सावधानी बरतने की अपील**  


पुलिस ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे मंदिर में दर्शन के लिए केवल अधिकृत पुजारियों और मंदिर प्रशासन के माध्यम से संपर्क करें। साथ ही, किसी भी तरह की ठगी या संदिग्ध गतिविधि दिखने पर तुरंत नजदीकी पुलिस चौकी को सूचित करें। मंदिर प्रशासन ने भी इस कार्रवाई का स्वागत किया और कहा कि वे भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए और सख्त कदम उठाएंगे।


आगे की कार्रवाई और निगरानी


पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए सभी 21 फर्जी पंडों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है और जांच जारी है। यह भी आशंका जताई जा रही है कि इस रैकेट में और लोग शामिल हो सकते हैं। पुलिस ने मंदिर परिसर में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए हैं और नियमित निगरानी बढ़ा दी है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।


यह कार्रवाई न केवल काशी विश्वनाथ मंदिर की गरिमा को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह श्रद्धालुओं को सुरक्षित और निष्पक्ष दर्शन का विश्वास भी दिलाती है।

   रिपोर्टर,सौरभ

हिंदी संवाद न्यूज़,जौनपुर

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