औरैया // महाकालेश्वर देवकली मंदिर की बेशकीमती जमीन के फर्जीवाड़े के मामले में 3 लेखपालों को निलंबित किया गया है इन लेखपालों समेत 10 के खिलाफ सदर कोतवाली में रिपोर्ट भी दर्ज हुई है प्रशासन की इस कड़ी कार्रवाई से लेखपालों ने नाराजगी जताई है SDM को इस संबंध में लेखपाल संघ की ओर से ज्ञापन भेजा गया है उधर, निलंबित किए गए लेखपाल शशांक दुबे, अंकित तिवारी और अवनीश कुमार ने अपने बचाव के लिए कोर्ट की शरण ली, दो दिन पहले कानूनगो लालाराम ने सदर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, इसमें बताया था कि कस्बा खानपुर में जालौन रोड पर गाटा संख्या 1283 व 1040 आपस में सटे हुए हैं दोनों गाटा में महाकालेश्वर मंदिर की जमीन है 11 जनवरी 2013 को सीतू तिवारी ने यहां दो प्लॉट खरीदे थे। 17 जनवरी 2013 को उनके परिवार की प्रभा देवी ने भी एक प्लॉट खरीदा था सीतू ने एक जनवरी 2025 को तहसील दिवस में शिकायत की, शिकायत में तत्कालीन लेखपाल अवनीश कुमार, सुमन शुक्ला, जितेंद्र, लेखपाल शशांक दुबे, लेखपाल अंकित तिवारी पर गलत पैमाइश कर उनके प्लॉट में नींव खोदने का आरोप लगाया था, मामले में 4 जनवरी को दोबारा शिकायत होने पर नायब तहसीलदार औरैया की मौजूदगी में मिशन समाधान में दोबारा पैमाइश की गई जांच में उन्हें मौके पर एक नींव पहले से ही खुदी मिली साथ ही दोनों गाटा संख्या की सीमा मेल भी न खाती मिली, पक्षों में सहमति न बनने पर मामला सिविल कोर्ट में पहुंच गया तत्कालीन लेखपाल ने तथ्यों को छिपाकर भ्रामक आख्या नायब तहसीलदार औरैया की जगह नायब तहसीलदार फफूंद से जन सुनवाई पोर्टल पर अपलोड करा दी, उधर, 12 जुलाई 2024 को अरुण शुक्ला ने अपनी जमीन का सुमन देवी पत्नी रामेंद्र प्रसाद व मयंक तिवारी के नाम इकरार नामा कर दिया, जांच में पता चला कि सुमन देवी लेखपाल शशांक दुबे की मां हैं जबकि मयंक तिवारी लेखपाल अंकित तिवारी का साला है।
इन आरोपियों ने गाटा संख्या में पड़ने वाली महाकालेश्वर मंदिर की जमीन अपने नाम दर्ज करवा ली। सोमवार देर रात सीतू तिवारी, प्रभा देवी, सुमन शुक्ला, जितेंद्र कुमार, लेखपाल शशांक दुबे, लेखपाल अंकित तिवारी, लेखपाल अवनीश कुमार, अरुण कुमार शुक्ला, सुमन देवी व मयंक तिवारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था, वहीं निलंबित लेखपाल शशांक दुबे, अंकित तिवारी और अवनीश कुमार ने कोर्ट की शरण ली है इस मामले को लेकर लेखपाल संघ की तहसील इकाई ने एसडीएम को ज्ञापन भेजा है, जिसमें प्रशासन की इस कार्रवाई को लेकर नाराजगी व्यक्त की गई है अधिकारियों व लेखपालों के बीच सीधे तौर पर तकरार अब सामने आने लगी है उधर पुलिस ने भी विवेचना शुरू की है।

ब्यूरो रिपोर्ट :- जितेन्द्र कुमार

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने