युवक/युवतियों व कृषकों को खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र दिया जायेगा प्रशिक्षण
राजकीय खाद्य विज्ञान प्रशिक्षण केन्द्रों एवं सामुदायिक फल संरक्षण एवं प्रशिक्षण केन्द्रों पर दिया जायेगा प्रशिक्षण
प्रशिक्षण हेतु लक्ष्य किये गये निर्धारित
प्रशिक्षण प्राप्त कर प्रशिक्षणार्थी कर सकेंगे फूड प्रोसेसिंग का कार्य,
बढ़ेगी आमदनी
प्रशिक्षित लोग अपनी यूनिट लगाकर उठाएं अनुदान व अन्य
सुविधाओं का लाभ
लखनऊ: 24 अप्रैल, 2025
उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा जिलों में स्थापित राजकीय खाद्य विज्ञान प्रशिक्षण केन्द्रों एवं सामुदायिक फल संरक्षण एवं प्रशिक्षण केन्द्रों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशों के क्रम में विभाग द्वारा जिलों के लिए लक्ष्य का निर्धारण कर दिया गया है। इन केन्द्रो पर युवक/युवतियों व कृषकों खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र प्रशिक्षण दिया जाएगा। उप मुख्यमंत्री ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह प्रभावी कार्ययोजना व रूपरेखा तैयार कर इच्छित नवयुवकों, नवयुवतियों व किसानों को बेहतर से बेहतर प्रशिक्षण दिलाना सुनिश्चित करें।
प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षण कार्यों की लगातार निगरानी भी जाय और प्रशिक्षण प्राप्त करने पर प्रशिक्षणार्थियों को रोजगार से जोड़ने के प्रभावी प्रयास किए जाएं। प्रशिक्षण प्राप्त कर प्रशिक्षणार्थी फूड प्रोसेसिंग का कार्य कर अपनी आमदनी बढ़ा सकेंगे प्रशिक्षित लोग अपनी यूनिट लगाकर अनुदान व अन्य सुविधाओं का लाभ भी ले सकेंगे।
विभाग द्वारा आगरा/अलीगढ़,मेरठ, मुरादाबाद, बरेली, कानपुर, झांसी, प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या व गोरखपुर के राजकीय खाद्य विज्ञान प्रशिक्षण केंद्रो के प्रधानाचार्याे, मिर्जापुर, देवीपाटन, बस्ती, आजमगढ़, सहारनपुर व चित्रकूट धाम के खाद्य प्रसंस्करण अधिकारियों तथा फल संरक्षण अधिकारी लखनऊ को निर्देश दिए गए हैं कि वह निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप प्रशिक्षण दिलाना सुनिश्चित करें। निर्देश दिए गए हैं कि नियमानुसार प्रवेश प्रक्रिया अपनाकर प्रशिक्षण दिलाया जाए। वित्तीय वर्ष 2025-26 में खाद्य प्रसंस्करण में 150 लोगों, बेकरी एवं कन्फेक्शनरीमे 150 लोगों और कुकरी (पाक-कला) में 150 लोगों को एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स कराया जायेगा। इसी तरह बेकरी एवं कन्फेक्शनरी में 250 लोगों, कुकरी (पाक-कला) में 250 लोगों व सम्मिलित कोर्स में 500 लोगों को एक मासीय अंशकालीन प्रशिक्षण दिया जाएगा। मण्डल/जनपद स्तर पर स्थापित राजकीय सामुदायिक फल संरक्षण एवं प्रशिक्षण केन्द्रों पर फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में 15402 प्रशिक्षणार्थियों को 15 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य के मार्गदर्शन में प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में उद्यमियों को प्रोत्साहन व सुविधाएं देने के हर सम्भव प्रयास किए जा रहे हैं। इस सेक्टर में प्रदेश में बहुत तेजी से काम करते हुए जहां किसानों के उत्पादों को प्रसंस्कृत कराते हुए उन्हें सुविधाएं मुहैय्या कराने के साथ उनके भण्डारण आदि के बारे में भी सार्थक कदम उठाए गए हैं, वहीं स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को इससे जोड़कर महिला सशक्तीकरण की दिशा में प्रभावी व ठोस कार्य किये गये हैं, यही नहीं खाद्य प्रसंस्करण के माध्यम से लोगों को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराने के क्रांतिकारी कदम उठाए गए हैं।
नतीजा है कि उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में देश में अग्रणी स्थान पर है, सबसे अधिक खाद्य प्रसंस्करण के उद्योग उत्तर प्रदेश में स्थापित हैं।
उप मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि उ०प्र० खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 एवं पीएम एफएमई योजना के अन्तर्गत प्रत्येक जनपद से 1000 इकाईयां स्थापित कराने के प्रयास कराये जायें। निर्देश दिए गए हैं कि जिला मुख्यालय, तहसील मुख्यालय, ब्लॉक मुख्यालय आदि पर विभिन्न स्तरों पर होने वाले जागरूकता कार्यक्रमों में सार्थक रूप से योजना का प्रचार-प्रसार कराते हुए महिला स्वयं सहायता समूहों, किसानों को आत्म निर्भर बनाया जाये। जो लोग अच्छा कार्य कर रहे हैं, उन्हें सम्मानित किया जाये। एग्रो प्रोसेसिंग कलस्टर्स का चिन्हांकन करते हुए जनपदों में मूल्य संवर्द्धन एवं प्रसंस्करण इकाईयां स्थापित करायी जायें। इन कार्यों से प्रदेश में अधिक से अधिक रोजगार सृजन होगें।
उप मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में उत्तर प्रदेश शासन, खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा समस्त मुख्य विकास अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति का व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए अधिक से अधिक खाद्य प्रसंस्करण आधारित उद्योगों के प्रस्ताव निवेश पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजनान्तर्गत लक्ष्यों का निर्धारण करते हुए समस्त जिला उद्यान अधिकारियों निर्देशित किया गया है कि योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार निर्धारित लक्ष्यों की शत-प्रतिशत पूर्ति कराना सुनिश्चित करें।
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