बलरामपुर पुलिस द्वारा तुलसीपुर क्षेत्रांतर्गत जंगल से चोरी से बेशकीमती खैर की लकड़ी काटने वाले 02 वांछित अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया।
घटना का संक्षिप्त विवरणः वनरक्षक यूनिट तुलसीपुर विद्यासागर पुत्र स्व इन्दल प्रसाद ग्राम हरदी निचलौल जनपद महाराजगंज द्वारा थाना तुलसीपुर पर इस आशय की तहरीर दी गयी कि दिनांक 28.01.2025 समय 4.00 AM एसएसबी टीम द्वारा सूचना दी गयी कि सिरिया नाले के पास एक अदद पिकप व एक अदद स्कार्पियो पकड़ी गयी है और स्कार्पियो का चालक मौके से भाग गया है स्कार्पियो पर लदे सात अदद खैर बोटा व पिकप पर लदे चार अदद खैर बोटा लदा मिला और घटना में सलिप्त अभियुक्त शंकरलाल पुत्र प्यारेलाल आदि 04 नफर को पकड़ा गया है इस सूचना के आधार पर थाना तुलसीपुर पर भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा के अंतर्गत आवश्यक विधिक कार्यवाही अमल में लायी गयी।
पुलिस अधीक्षक बलरामपुर श्री विकास कुमार द्वारा बेशकीमती जंगली वृक्ष खैर के अवैध कटान की घटना के रोकथाम व घटना में संलिप्त अभियुक्तो की गिरफ्तारी हेतु दिये गये सख्त निर्देश के क्रम में अपर पुलिस अधीक्षक उत्तरी श्री योगेश कुमार व क्षेत्राधिकारी तुलसीपर श्री बृजनन्दन राय के कुशल पर्यवेक्षण में तथा प्रभारी निरीक्षक श्री संजय कुमार दूबे थाना तुलसीपुर जनपद बलरामपुर के कुशल नेतृत्व में आज दिनांक 05.04,25 को अभियुक्त गण श्रीमन नारायण शुक्ला उर्फ पिंटू शुक्ला पुत्र त्रिलोकीनाथ नि. पुरानी बाजार कहारन मोहल्ला थाना तुलसीपुर जनपद बलरामपुर मूल निवास गोदहना थाना गौरा चौराहा बलरामपुर, गुड्डू पाण्डेय पुत्र कृष्ण मुरारी पाण्डेय नि. कोलवा थाना को. देहात जनपद बलरामपुर की उक्त घटना में संलिप्त होने व वन विभाग के बेशकीमती वृक्षों के कटान कर उसे बेचने के जुर्म में गनवरिया तिराहा के पास से गिरफ्तार किया गया जिनके कब्जे से 02 अदद मोबाइल फोन व 12450 रुपये नगद बरामद किया गया। अभियुक्त श्रीमन नरायन शुक्ला के ऊपर 25000/- रुपये व अभियुक्त गुड्डू पाण्डेय के ऊपर 15000/- रुपये का पुरस्कार घोषित किया गया था।
_उल्लेखनीय है कि वैज्ञानिक विधि/सर्विलांस से संकलित साक्ष्यों से भी अभियुक्तों की घटना में संलिप्तता होना पाया गया है। गिरफ्तार अभियक्तो को मा. न्यायालय रवाना किया जा रहा है ।
ज्ञातव्य है कि उपरोक्त मुकदमे से संबंधित पूर्व में ही 12 अभियुक्तो को गिरफ्तार किया जा चुका है। जिनमें
शंकरलाल पुत्र रामप्यारे नि.ग्रा. सिरिया थाना कोतवाली नगर बलरामपुर, राजेश पुत्र मुन्नालाल नि.ग्रा. मध्यनगरी थाना तुलसीपुर जनपद बलरामपुर, मुबारक पुत्र अब्दुल अजीज उर्फ अजीम नि.ग्रा. मध्यनगरी थाना तुलसीपुर जनपद बलरामपुर, शंकर पुत्र रामसमुझ नि. पुरानी बाजार थाना तुलसीपुर जनपद बलरामपुर, अनूप कुमार शुक्ला पुत्र त्रिलोकीनाथ शुक्ला नि. ग्रा. गोदहना थाना गौरा चौराहा जनपद बलरामपुर हाल पता कस्बा तुलसीपुर थाना तुलसीपुर जनपद बलरामपुर, आजाद चौहान पुत्र मंगतराम निवासी पुरानी बाजार रामलीला पोखरा कस्बा व थाना तुलसीपुर बलरामपुर, सुहेल मिस्त्री पुत्र बचऊ निवासी हनुमान गढ़ी पुरानी बाजार थाना तुलसीपुर बलरामपुर, बोश पाण्डेय उर्फ विमल कुमार पाण्डेय पुत्र रूद्रनरायन पाण्डेय निवासी लाल नगर सिपहिया थाना तुलसीपुर बलरामपुर,
मुकेश मौर्य पुत्र नंगे निवासी गंगापुर थाना हर्रैया बलरामपुर, ननके उर्फ शिवकुमार पुत्र सतगुरू पासी निवासी गंगापुर थाना हर्रैया बलरामपुर, विकास यादव पुत्र दिनेश यादव नि. लालपुर धौरी कलां थाना हर्रैय्या बलरामपुर,
रेन्जर राकेश पाठक (रेन्जर बरहवां रेन्ज) पुत्र श्री जगदम्बा प्रसाद पाठक नि. माधोकुन्ज पुराना कटरा थाना करनैलगंज जनपद प्रयागराज स्थाई पता ग्रा. पठकौली थाना बीकापुर जनपद अयोध्या वर्तमान तैनाती रेन्जर बरहवां रेन्ज बलरामपुर।
गिरफ्तार अभियुक्तो से गहन पूछताछ की गयी तो उनके द्वारा बताया गया कि हम लोगो का एक समूह है जो लगभग पिछले 15 वर्ष से खैर लकड़ी काटने का धंधा कर रहे है हम लोग वन विभाग के रेन्जर राकेश पाठक व अन्य वन कर्मियों की मिली भगत से खैर के पेड़ो की अवैध कटान कर व उसे बाजार में ऊंचे दामों में बेंच देते है तथा ठीक ठाक धन अर्जित कर लेते है और उसी से अपनी शानो शौकत व अपने परिवार का भरण पोषण भी करते है। वर्तमान समय में ग्राम चरनगहिया में अन्नू सिंह की बाग में उनकी मिली भगत से खैर की लकड़ी का आढ़त बनाया था जहां पर हमने लकड़ी खरीदने के लिये शंकर मुंशी को मैनेजर के रूप में रखा था, जंगल से लकड़ी कटवा कर लाने का मुख्य कार्य मेरे भाई अनूप शुक्ला, सुहेल मिस्त्री, विमल पाण्डेय उर्फ बोस पाण्डेय व कलाम बाबा आदि लोग करते थे जो जंगल से लकड़ी काटने वालो से खैर की लकड़ी लेकर मेरे पास तक पहुंचाते थे। जंगल में लकड़ी जो लोग काटते थे तथा वे लकड़ियाँ जंगल से गाड़ियो में लाई जाती थी तथा भाड़े पर ट्रक लेकर चोरी की लकड़ी को हरियाणा व हिमांचल भेजा जाता था,जहां लकड़ी 6500/- रुपये प्रति कुन्तल के हिसाब से बेंच कर पैसा मिल जाता था।
हिन्दी संवाद न्यूज से
रिपोर्टर वी. संघर्ष
बलरामपुर।
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