मुख्यमंत्री ने गीडा, गोरखपुर में सुपर मेगा प्रोजेक्ट के अन्तर्गत केयान डिस्टिलरी प्रा0लि0 के प्लाण्ट का लोकार्पण किया

1,200 करोड़ रु0 निवेश तथा 30 एकड़ क्षेत्रफल में विस्तृत यह प्रोजेक्ट अनाज आधारित

इस प्लाण्ट से पेट्रोल और डीजल की जगह एथेनॉल के इस्तेमाल को बल मिलेगा, जिससे गाड़ियां और हवाई जहाज चल सकेंगे, एथेनॉल के उत्पादन से विदेशी मुद्रा की बचत होगी : मुख्यमंत्री

यहां पर रेक्टिफाइड स्प्रिट का निर्माण होगा, जो मॉडर्न मेडिसिन सहित अन्य दवाओं में उपयोग किया जाएगा

एथेनॉल और स्प्रिट का उत्पादन कर डीजल एवं पेट्रोल के स्थान पर उपयोग से प्रदेश के किसान समृद्ध होंगे

डिस्टिलरी प्लाण्ट से 2,000 लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से नौकरी एवं रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे

प्रधानमंत्री जी ने अन्नदाता किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए देश में वेस्ट खाद्यान्न और सरप्लस गन्ने से एथेनॉल बनाने के कार्यक्रम को अनुमति दी, परिणामस्वरुप उ0प्र0 में एथेनॉल उत्पादन 42 लाख लीटर से बढ़कर आज 177 करोड़ लीटर का हो गया

गेहूं की कटाई के बाद किसानों से गेहूं के उपयोग के बाद बचे हुए डण्ठल को डिस्टिलरी प्लाण्ट खरीदेगी, इसके लिए किसानों को समितियां एवं अन्य माध्यमों से डिस्टिलरी प्लाण्ट से जुड़ना होगा

आज उ0प्र0 एवं गीडा में निवेश के सुरक्षा की गारण्टी, इसलिए निवेशक यहां आकर बड़े-बड़े निवेश कर रहे

विगत 08 वर्षों में गीडा में 15,000 करोड़ रु0 का निवेश हुआ, 50,000 से अधिक लोगों को गीडा में नौकरी प्राप्त हुई

मुख्यमंत्री ने डिस्टिलरी प्लाण्ट के वाहनों का फ्लैग-ऑफ किया, केयान डिस्टिलरी प्रा0लि0 के 05 चयनित कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया

लखनऊ : 06 अप्रैल, 2025

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद गोरखपुर में गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में सुपर मेगा प्रोजेक्ट के अन्तर्गत केयान डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड के प्लाण्ट का लोकार्पण किया। 1,200 करोड़ रुपये निवेश का यह प्रोजेक्ट 30 एकड़ क्षेत्रफल में विस्तृत तथा अनाज आधारित है। उन्होंने नवनिर्मित प्लाण्ट का निरीक्षण भी किया। मुख्यमंत्री जी ने केयान डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड के 05 चयनित कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया। उन्होंने डिस्टिलरी प्लाण्ट के वाहनों का फ्लैग-ऑफ भी किया।
मुख्यमंत्री जी ने कार्यक्रम में प्रदेशवासियों को रामनवमी की बधाई देते हुए कहा कि गोरखपुर में एक नया उद्योग केयान डिस्टिलरी प्लाण्ट के रूप में आज यहां लोकार्पित हो रहा है। यह डिस्टिलरी प्लाण्ट एक एथेनॉल प्लाण्ट है। इससे पेट्रोल और डीजल की जगह एथेनॉल के इस्तेमाल को बल मिलेगा, जिससे गाड़ियां और हवाई जहाज भी चल सकेंगे। यहां फाइन एथेनॉल का उत्पादन भी प्रारम्भ हो गया है। एथेनॉल के उत्पादन से विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी। आज वर्तमान समय में देश 07 से 08 लाख करोड़ रुपये के डीजल एवं पेट्रोल का आयात करता है। एथेनॉल और स्प्रिट का उत्पादन कर डीजल एवं पेट्रोल के स्थान पर उपयोग किया जाए, तो इससे विदेशी मुद्रा की बचत होगी, जिससे प्रदेश के किसान भी समृद्ध होंगे। अन्नदाता किसान समृद्ध होगा, तो देश समृद्ध होगा। युवाओं को अपने घर में नौकरी और रोजगार प्राप्त होंगे। यहां पर रेक्टिफाइड स्प्रिट का निर्माण होगा, जो मॉडर्न मेडिसिन सहित अन्य दवाओं में उपयोग किया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विगत 08 वर्षों से डबल इंजन की सरकार है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अन्नदाता किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए देश में वेस्ट खाद्यान्न और सरप्लस गन्ने से एथेनॉल बनाने के कार्यक्रम को अनुमति दी। परिणामस्वरुप उत्तर प्रदेश में एथेनॉल उत्पादन 42 लाख लीटर से बढ़कर आज 177 करोड़ लीटर का हो गया है। इसका ज्यादातर उपयोग डीजल एवं पेट्रोल के साथ ब्लेण्डिंग करने में हो रहा है। इससे देश को विदेशी मुद्रा की बचत हो रही है। केयान डिस्टिलरी भी इसका एक माध्यम बनेगा। इसमें पहले चरण में 3.50 लाख लीटर प्रतिदिन का उत्पादन होगा और बाद में यह बढ़कर के 05 लाख लीटर प्रतिदिन तक हो जाएगा। मुख्यमंत्री जी ने इसके लिए डिस्टिलरी प्लाण्ट से जुड़े प्रबन्ध समिति के सदस्यों को बधाई दी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस डिस्टिलरी प्लाण्ट में गीडा के आसपास के क्षेत्र में रहने वाले लोगों को नौकरी प्राप्त हो रही है। यहां पर रोजगार प्राप्त स्थानीय लोगों को मेहनत से कार्य करना चाहिए, जिससे उनके रोजी-रोजगार पर कोई प्रश्न चिन्ह न लगने पाए। डिस्टिलरी प्लाण्ट से स्थानीय किसानों को अतिरिक्त आमदनी का एक माध्यम प्राप्त होगा। किसान राइस मिल के टूटे चावल, खराब खाद्यान्न, गेहूं, मक्का तथा पराली इस डिस्टिलरी प्लाण्ट में लेकर आए, तो इन सभी का उपयोग यहां किया जाएगा। यहां किसानों को पराली का 10 रुपये प्रति कुन्तल के हिसाब से दाम प्राप्त होगा। गेहूं की कटाई के बाद किसानों से गेहूं के उपयोग के बाद बचे हुए डण्ठल को डिस्टिलरी प्लाण्ट खरीदेगी। इसके लिए किसानों को समितियां एवं अन्य माध्यमों से डिस्टिलरी प्लाण्ट से जुड़ना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि डिस्टिलरी प्लाण्ट से 2,000 लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से नौकरी एवं रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे। वर्ष 2017 से पूर्व, गीडा में कोई निवेशक उद्योग लगाने को तैयार नहीं होता था। विवाद ज्यादा थे और सुविधा कोई नहीं थी। विगत 08 वर्षों में यहां 15,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। 50,000 से अधिक लोगों को गीडा में नौकरी प्राप्त हुई है। गीडा प्रशासन द्वारा स्किल डेवलपमेण्ट के लिए नाइलेट की एक शाखा भी प्रारम्भ की गई है, जिसमें कम्प्यूटर से सम्बन्धित विभिन्न डिप्लोमा, सर्टिफिकेट कोर्स की व्यवस्था है। जो लोग यहां पर ट्रेनिंग लेंगे उन्हें कैम्पस सेलेक्शन के माध्यम से यहीं पर किसी न किसी उद्योग में लगाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गीडा में प्लास्टिक पार्क, गारमेण्ट पार्क, फ्लैटेड फैक्ट्री के परिसर भी बनने जा रहे हैं। यहां पर अन्य नई चीजें भी आ रही हैं। आज लोग गीडा में निवेश करना चाह रहे हैं। आज उत्तर प्रदेश एवं गीडा में निवेश के सुरक्षा की गारण्टी है। यह व्यक्ति के साथ उसकी पूंजी की भी सुरक्षा की गारण्टी देने वाला क्षेत्र बन चुका है। इसलिए निवेशक यहां आकर बड़े-बड़े निवेश कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज टेक्नोलॉजी बहुत ज्यादा इम्प्रूव हो चुकी है। अगर कोशिश की जाए, तो हर उद्योग जीरो लिक्विड डिस्चार्ज पर जा सकता है। हमें निवेश करने के साथ ही, पर्यावरण को बचाने के लिए भी तकनीक का उपयोग करना है। हमें ग्रीन एनर्जी की ओर भी जाना होगा, जो भी खाली स्थान है, वहां पर सोलर पैनल लगाकर उसके माध्यम से सोलर एनर्जी का उपयोग करना चाहिए। टेक्नोलॉजी का उपयोग करके जीरो लिक्विड डिस्चार्ज के साथ ही, कोजेन प्लाण्ट के साथ जुड़ना चाहिए। इससे ऊर्जा की आवश्यकता की पूर्ति स्वयं की जा सकती है। साथ ही, इसके माध्यम से आसपास के क्षेत्र को भी जगमगा सकते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमें धरती माता की सेहत का भी ध्यान रखना है। जैसे शरीर में धमनियों का कार्य रक्त वहिनियां करती हैं, उसी प्रकार धरती में नदियां संचार का कार्य करती हैं। उन नदियों को भी सुरक्षित एवं संरक्षित रखने का कार्य करना होगा। गीडा के सामने सबसे बड़ा चैलेंज है कि सी0टी0पी0 को समय से लगाना है, जिससे आमी नदी की अविरलता और निर्मलता हर-हाल में बनी रहे। आमी नदी यहां के पशुपालकों, किसानों के लिए जीवन रेखा है। इस जीवन रेखा को बनाए रखने के प्रयास होने चाहिए। उन्होंने कहा कि गीडा क्षेत्र में आ रहे निवेश से युवाओं को रोजगार प्राप्त हो रहा है। इसके लिए यहां के जनप्रतिनिधिगण के साथ ही, गीडा प्रशासन का प्रयास अत्यन्त सराहनीय है।
कार्यक्रम को सांसद श्री रवि किशन शुक्ल तथा विधायक सहजनवां श्री प्रदीप शुक्ला ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर महापौर डॉ0 मंगलेश श्रीवास्तव सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, डिस्टिलरी प्लाण्ट से जुड़े पदाधिकारी उपस्थित थे।
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