मुख्यमंत्री ने भारत रत्न, बोधिसत्व बाबा साहब भीमराव रामजी आंबेडकर
की जयन्ती और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय
के स्थापना दिवस समारोह को सम्बोधित किया
विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों तथा एन0सी0सी0 कैडेट्स को सम्मानित किया
डॉ0 आंबेडकर भारत के संविधान के शिल्पी, उनके द्वारा बनाया गया संविधान
हमारे लिए प्रेरणास्रोत, यह स्वतंत्र भारत के लिए एक मार्गदर्शिका : मुख्यमंत्री
भारत में वर्ष 1952 में हुए पहले आम चुनाव में देश के हर नागरिक को
एक समान मताधिकार का उपयोग करने की स्वतंत्रता मिली, यह
कार्य डॉ0 भीमराव आंबेडकर जी के कारण हुआ
देश संविधान लागू करने की 75 वर्षों की शानदार यात्रा को
‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना के रूप में आगे बढ़ा रहा
विगत 10 वर्षों में प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में चलाए गए अभियानों के
परिणामस्वरूप देश ने सभी क्षेत्रों में प्रगति की, प्रधानमंत्री जी ने
इसके लिए विरासत को विकास के साथ जोड़ा
भारत आज अत्याधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ दुनिया में उभर रहा,
देश में संचालित गरीब कल्याणकारी योजनाएं नई क्रान्ति का प्रतीक बनी
सरकार का तंत्र वही, चुनाव की प्रक्रिया से जुड़े लोग भी वही, केवल नेतृत्व बदला
बिना भेदभाव के सभी योजनाओं का लाभ भारत के नागरिकों और पात्रता
की श्रेणी में आने वाले लोगों को उपलब्ध कराया गया, यही बाबा साहब का सपना भी
एक जनपद, एक उत्पाद योजना देश की सबसे लोकप्रिय
योजना बन गई, यह योजना आत्मनिर्भर भारत की आधारशिला
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के तहत प्रत्येक वर्ष 01 लाख
युवाओं को नये उद्यमियों के रूप में तैयार किया जाना, इससे हम
उ0प्र0 को उद्यम प्रदेश के रूप में स्थापित कर सकेंगे
बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय को एम0एस0एम0ई0
क्षेत्र में कौशल का अच्छा सेण्टर बनाया जाना चाहिए
प्रदेश सरकार देश का पहला फार्मा पार्क ललितपुर जनपद में बना रही,
विश्वविद्यालय को प्रदेश सरकार के साथ मिलकर इस क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहिए
लखनऊ : 14 अप्रैल, 2025
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि आज भारत माता के महान सपूत भारत रत्न बाबा साहब भीमराव आंबेडकर जी की पावन जयन्ती है। आज ही बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस भी है। यह एक अद्भुत संयोग है। बाबा साहब का कहना था कि वह आदि से अंत तक एक भारतीय हैं, यही उनकी पहचान है। यह विचार बाबा साहब की महानता के बारे में जानने और समझने के लिए पर्याप्त है।
मुख्यमंत्री जी आज भारत रत्न, बोधिसत्व बाबा साहब भीमराव रामजी आंबेडकर की जयन्ती और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर यहां बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों तथा एन0सी0सी0 कैडेट्स को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री जी ने बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाबा साहब का बचपन अभावों में बीता। उन्हें सामाजिक भेदभावों से गुजरना पड़ा। उन्हें विदेशी गुलामी के चंगुल में फंसे देश में सामाजिक दासता में बंधते हुए अपमान सहने को मजबूर होना पड़ा। बाबा साहब देश के उन विरले लोगों में से थे, जिन्होंने दुनिया की उच्चतम डिग्री हासिल की। वह जहां भी गए, उन्होंने अपनी प्रतिभा की छाप छोड़ी और अपनी एक पहचान बनायी। बड़ौदा के महाराज द्वारा उन्हें विशेष छात्रवृत्ति दी गयी, जिससे बाबा साहब बाहर गए और उच्च शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद वह वापस अपने देश लौटे और आजादी के आन्दोलन से जुड़े। देश गुलामी की बेड़ियों से मुक्त हो, इसके साथ ही समाज को भी दासता से मुक्त कराने के संकल्प को चरितार्थ करने की दिशा में बाबा साहब ने कार्य किया। आज इसके परिणाम हमारे सामने हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि दुनिया के अनेक देशों ने वंचितों तथा महिलाओं को बहुत बाद में मताधिकार दिया, लेकिन भारत में वर्ष 1952 में हुए पहले आम चुनाव में देश के हर नागरिक को एक समान मताधिकार का उपयोग करने की स्वतंत्रता मिली। यह हमारे लोकतंत्र की ताकत बनी। इंग्लैण्ड में भी महिलाओं को बहुत बाद में मताधिकार मिला। हमारे देश में यह कार्य डॉ0 भीमराव आंबेडकर जी के कारण हुआ। डॉ0 आंबेडकर भारत के संविधान के शिल्पी हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह वर्ष अत्यन्त महत्वपूर्ण है। 26 जनवरी, 2025 को हमने देश के संविधान के अमृत महोत्सव कार्यक्रमों को भव्यता के साथ सम्पन्न किया है। संविधान हमें अधिकार देता है। अधिकारों की रक्षा तभी होती है, जब हमें अपने कर्तव्यों का एहसास भी हो। इन कर्तव्यों का निर्वहन करने की प्रेरणा बाबा साहब के संविधान ने हमें प्रदान की है। हमारे उपनिषद कहते हैं कि ‘आ नो भद्राः कृतवो यन्तु विश्वतः’ अर्थात विचारों को और ज्ञान को सभी ओर से आने के लिए अपने द्वार खुले रखो। बाबा साहब ने यही किया। उन्होंने अच्छी शिक्षा ली और अच्छा ज्ञान ग्रहण किया। उन्होंने डी0एस0सी0 की डिग्री ली। कानून की उच्चतम डिग्री ली। सम्भवतः बाबा साहब देश के पहले पी0एच0डी0 धारक अर्थशास्त्री बने। वह अपने देश की सेवा के लिए वापस आए। बाबा साहब ने शिक्षा के महत्व को समझा था। उन्हें पता था कि शिक्षा सर्वांगीण विकास की पहली आधारशिला है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह वर्ष बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर जी द्वारा बनाए गए संविधान के लागू होने का अमृत वर्ष है। आज ही बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस भी है। देश संविधान लागू करने की 75 वर्षों की शानदार यात्रा को अनेक उतार-चढ़ाव के बावजूद ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना के रूप में आगे बढ़ा रहा है। इस अवसर पर अनेक कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। भारत को हम दुनिया की एक बड़ी आर्थिक शक्ति के रूप में उभरते हुए देख रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाबा साहब के सपनों को साकार करने के लिए विगत 10 वर्षों में प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में चलाए गए अभियानों के परिणामस्वरूप देश ने सभी क्षेत्रों में प्रगति की है। प्रधानमंत्री जी ने इस प्रगति के लिए विरासत को विकास के साथ जोड़ा है। बाबा साहब की स्मृतियों को भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणादायी बनाने की दृष्टि से प्रधानमंत्री जी ने बाबा साहब से जुड़े पंचतीर्थों का विकास कराया है। इनमें बाबा साहब की जन्म भूमि महू मध्य प्रदेश, इंग्लैण्ड का वह भवन, जिसमें रहकर उन्होंने उच्च शिक्षा अर्जित की, बाबा साहब की दीक्षा भूमि नागपुर, दिल्ली में उनकी महापरिनिर्वाण स्थली तथा उनकी चैत्य-भूमि मुम्बई शामिल है। आज यह पंचतीर्थ नयी प्रेरणा के केन्द्र बने हैं। यह बाबा साहब के समग्र विकास तथा शून्य से शिखर के दर्शन को प्रस्तुत करते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाबा साहब का मानना था कि आगे बढ़ने के लिए विकास आवश्यक है, लेकिन इसका माध्यम शिक्षा होनी चाहिए। शिक्षा वही है, जो जीवन को सार्थक बना सके तथा हमें समग्रता का दर्शन करा सके। जो हमें सही-गलत की पहचान करने की ताकत दे सके। भारत बाबा साहब के इन विचारों से जुड़ते हुए आज दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है। जिस ब्रिटेन ने हम पर शासन किया, आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में उसी ब्रिटेन को पछाड़कर भारत दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बना है। भारतीय मूल का एक व्यक्ति आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में ही ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बना था, यह एक दुर्लभ संयोग था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर द्वारा बनाया गया संविधान हमारे लिए प्रेरणास्रोत हैं। यह स्वतंत्र भारत के लिए एक मार्गदर्शिका है। यह संविधान भारत की सभी व्यवस्थाओं का आधार स्तम्भ है। इस पवित्र संविधान के माध्यम से ही हम अपनी आगे की यात्रा को सुगमतापूर्वक बढ़ा पाएंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 में प्रदेश में हमारी सरकार बनी। उस समय हमारे सामने वर्ष 2019 के प्रयागराज कुम्भ के आयोजन के लिए मात्र डेढ़ वर्षों का समय बचा था। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में हमने कुम्भ को दुनिया में एक यूनीक इवेण्ट के रूप में प्रस्तुत करने के लिए कार्य प्रारम्भ किए। इसके पहले कुम्भ गंदगी, भगदड़, अव्यवस्था तथा सामाजिक भेदभाव का प्रतीक था। हमने प्रयागराज कुम्भ-2019 को सफलतापूर्वक आयोजित कराकर एक नई पहचान बनायी। इसके लिए अच्छे कार्मिकों को नियुक्त कर उनका प्रशिक्षण कराया गया। प्रयागराज के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दिया गया। कुम्भ को गंदगी से मुक्त बनाए जाने की व्यवस्था की गयी। पुलिस के व्यवहार पर ध्यान दिया गया। इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ के आयोजन में बहुत पोटेंशियल है। उत्तर प्रदेश जैसे राज्य, जहां पहले पहचान का संकट था, उसके लिए अपनी ब्राण्डिंग करने और पहचान बनाने का कुम्भ एक अच्छा अवसर हो सकता है। इस दृष्टि से हमने वर्ष 2025 के महाकुम्भ में वर्ष 2019 के अनुभवों का लाभ लेते हुए इसे वैश्विक इवेण्ट के रूप में आगे बढ़ाया। भारत के सभी प्रान्तों, वृहत्तर भारत के सभी देशों सहित दुनिया के 100 से अधिक देशों की उपस्थिति महाकुम्भ प्रयागराज-2025 में हुई। 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं का महाकुम्भ में आगमन हुआ। महाकुम्भ में हर जाति, हर मत, हर सम्प्रदाय के अनुयायी एक ही घाट पर एक साथ स्नान कर रहे थे। वहां कोई भेदभाव नहीं था। महिला-पुरुष का भी कोई भेद नहीं था। यह महाकुम्भ का सामाजिक पक्ष है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महाकुम्भ प्रयागराज-2025 का सांस्कृतिक पक्ष यह था कि यहां भारत के हर क्षेत्र से आए साधु-संतों तथा आध्यात्मिक गुरुओं के द्वारा आयोजन किए जा रहे थे। महाकुम्भ का एक मानवीय पक्ष भी था। यहां जो भी आया, वह भूखा नहीं रहा। जो लोग पहले कुम्भ या महाकुम्भ के बारे में नकारात्मक टिप्पणियां करते थे, उन्हें भी महाकुम्भ प्रयागराज में व्यवस्थाएं देखने को मिलीं। गंगा जल और त्रिवेणी संगम में सभी जगह फीकल कॉलिफॉर्म, बी0ओ0डी0 तथा डी0ओ0 की जांच में बेहतर परिणाम आए। यह भारतीय संस्कृति की ताकत है। पहले हमने अपनी संस्कृति को महत्व देने का प्रयास नहीं किया, जिसका परिणाम था कि विदेशी लेखकों ने जो भी लिख दिया, हमने उसे सत्य मान लिया। हमने अपनी ऋषि परम्परा, महात्मा ज्योतिबा फुले तथा सावित्री बाई फुले जी की शिक्षा के विचारों को महत्व नहीं दिया। हमने यह मान लिया कि मैकाले ने जो कहा है, वह ठीक है। परिणाम रहा कि हम हर क्षेत्र में पिछड़ गए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्व की अनुभूति हमें आगे बढ़ने को प्रेरित करती है। अपनी विरासत की परम्परा को आगे बढ़ाना अपने स्व की अनुभूति करना ही है। बाबा साहब ने देश के करोड़ों लोगों को इसी स्व की अनुभूति कराने के लिए अभियान चलाया था। विगत 10 वर्षों में देश में अनेक परिवर्तन हुए हैं। 10 वर्ष पूर्व यही भारत पहचान का मोहताज था, यहां अविश्वास का वातावरण था। दुनिया में भारत के लोगों का सम्मान नहीं होता था, नौजवानों के सामने रोजगार की समस्या थी। विगत 10 वर्षों में किए गए कार्यों से आज भारत दुनिया की आर्थिक ताकत बना है। भारत आज अत्याधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ दुनिया में उभर रहा है। देश में संचालित गरीब कल्याणकारी योजनाएं नई क्रान्ति का प्रतीक बनी हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जब दुनिया वैश्विक महामारी कोरोना की चपेट में थी, तब भारत राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध था। सरकार को अपने प्रबन्धन पर विश्वास था। उस समय देश में निःशुल्क टेस्ट, ट्रीटमेण्ट, वैक्सीन उपलब्ध कराने के साथ ही 80 करोड़ लोगों को निःशुल्क राशन की सुविधा का लाभ दिया गया। आज भी लोगों को निःशुल्क राशन की सुविधा का लाभ मिल रहा है। यह कार्य दुनिया में किसी अन्य देश में नहीं हुए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश के 50 करोड़ लोगों को आयुष्मान भारत योजना के तहत 05 लाख रुपये का चिकित्सा बीमा कवर मिल रहा है। यह दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है। विगत 10 वर्षों में 45 करोड़ लोगों के जनधन एकाउण्ट खोले गए हैं। 12 करोड़ गरीबों के घर में शौचालय बनाए गए हैं। 10 करोड़ गरीबों को उज्ज्वला योजना के तहत रसोई गैस के निःशुल्क कनेक्शन दिए गए हैं। 04 करोड़ गरीबों को एक-एक आवास उपलब्ध कराया गया है। 03 करोड़ गरीबों के घर में विद्युत के निःशुल्क कनेक्शन दिए गए हैं। पी0एम0 स्वामित्व योजना के अन्तर्गत लगभग 03 करोड़ परिवारों को, जहां पर उनका आवास है, उस जमीन का मालिकाना हक दिया गया है। पहले इन कार्यों के लिए लोगों को जूझना पड़ता था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज सरकार का तंत्र वही है, चुनाव की प्रक्रिया से जुड़े लोग भी वही हैं, केवल नेतृत्व बदला है। नेतृत्व बदलने से कितना परिवर्तन हो सकता है, यह सभी देख रहे हैं। यह सभी योजनाएं किसी व्यक्ति, जाति, मत अथवा सम्प्रदाय को केन्द्रित करते हुए नहीं बनायी गयी हैं, बल्कि ‘सबका साथ सबका विकास’ के मंत्र से बिना भेदभाव के सभी योजनाओं का लाभ भारत के नागरिकों और पात्रता की श्रेणी में आने वाले लोगों को उपलब्ध कराया गया है। यही बाबा साहब का सपना भी था। यही हमारे महापुरुषों का भी सपना था कि सामाजिक न्याय प्रत्येक व्यक्ति को बिना भेदभाव के प्राप्त हो सके।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पहले देश में लोगों के घरों में शौचालय नहीं थे, जिससे अनेक बीमारियां होती थीं। पूर्वी उत्तर प्रदेश के जनपदों में इन्सेफेलाइटिस से प्रतिवर्ष हजारों बच्चों की मृत्यु होती थी। 40 वर्षों में लगभग 50 हजार बच्चों की मृत्यु हुई। इसके अलावा, डेंगू व मलेरिया से भी मृत्यु होती थी। कभी भी बीमारी के मूल पर प्रहार करने का प्रयास नहीं किया गया। लोगों के घरों में शौचालय नहीं थे। आज हम स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्य को प्राप्त कर चुके हैं। शौचालय न केवल नारी गरिमा के प्रतीक बने हैं, बल्कि अनेक वेक्टर बॉर्न डिजीज़ से मुक्ति का माध्यम भी बने हैं। अकेले उत्तर प्रदेश में पौने तीन करोड़ शौचालय बनाए गए हैं। हर घर नल योजना कार्यरूप ले रही है। आज हम इन्सेफेलाइटिस से होने वाली मृत्यु को नियंत्रित कर चुके हैं। डेंगू तथा मलेरिया को भी काफी हद तक नियंत्रित करने में हमें सफलता प्राप्त हुई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पहले हमने अपने परम्परागत कारीगरों व हस्तशिल्पियों के हुनर को महत्व नहीं दिया था। वर्ष 2017 में प्रदेश की बेरोजगारी दर 19 प्रतिशत से अधिक थी। हमने अपने परम्परागत उद्यमों की मैपिंग करायी। 75 में से 57 जनपदों के कोई न कोई यूनीक प्रोडक्ट थे, जो प्रोत्साहन के अभाव में बन्दी के कगार पर थे। हमने प्रदेश के हर जनपद के यूनीक प्रोडक्ट की पहचान की। प्रदेश के परम्परागत उत्पादों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से वर्ष 2018 में एक जनपद, एक उत्पाद योजना की शुरूआत की गई। आज यह देश की सबसे लोकप्रिय योजना बन गई है। यह योजना आत्मनिर्भर भारत की आधारशिला बन गई है और वोकल फॉर लोकल के प्रधानमंत्री जी के मंत्र को साकार कर रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 के पहले पर्व और त्यौहारों के अवसर पर हमारे बाजार चीन निर्मित वस्तुओं से भरे रहते थे। आज लोग ओ0डी0ओ0पी0 उत्पादों को खरीद रहे हैं। लोग गिफ्ट में फिरोजाबाद की ग्लास की मूर्तियां, मुरादाबाद के ब्रास उत्पाद, मेरठ के खेल उत्पाद, खुर्जा की क्रॉकरी, आजमगढ़ की ब्लैक पॉटरी, लखनऊ की चिकनकारी, वाराणसी के सिल्क उत्पाद, भदोही के कारपेट, आगरा व कानपुर के लेदर उत्पाद तथा गोरखपुर के टेराकोटा जैसे ओ0डी0ओ0पी0 उत्पाद भेंट कर रहे हैं। आगरा का पेठा, सिद्धार्थनगर का काला नमक चावल तथा जौनपुर की इमरती लोगों को प्रदेश के स्वाद से परिचित करा रहे हैं। उत्तर प्रदेश ने प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से पहल की। जिसका परिणाम है कि आज प्रदेश के उत्पाद वैश्विक पटल पर छा रहे हैं। आज देश में उत्तर प्रदेश के 77 उत्पादों को जी0आई0 टैग मिला है। इनमें पीलीभीत की बांसुरी, अमरोहा की ढोलक और काशी की शहनाई शामिल है। अब लखीमपुर के थारू समुदाय द्वारा बनाए गए उत्पादों को भी जी0आई0 टैग प्राप्त हो चुका है। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन हुआ है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश की ओ0डी0ओ0पी0 योजना और एम0एस0एम0ई0 इकाइयों ने कोरोना महामारी के दौरान प्रदेश में वापस आए लगभग 40 लाख कामगारों और श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय को अपने परिसर में ओ0डी0ओ0पी0 से जुड़े उत्पादों की शोकेसिंग की व्यवस्था करनी चाहिए। इससे विद्यार्थियों को प्रेरणा मिलेगी। विद्यार्थियों को इस क्षेत्र में प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। इससे उन्हें नई स्किल सीखने को मिलेगी और एक प्लेटफॉर्म भी मिलेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि युवाओं के पास विजन होता है। वह कार्य करना चाहते हैं, लेकिन उनके पास पूंजी नहीं होती। इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान की शुरुआत की है। इसके तहत प्रत्येक वर्ष 01 लाख युवाओं को नये उद्यमियों के रूप में तैयार किया जाना है। अनुसूचित जाति, जनजाति तथा अति पिछड़ी जाति के युवाओं को इस अभियान में प्राथमिकता दी गई है। इसमें मार्जिन मनी में छूट का प्राविधान है। युवाओं को बिना गारण्टी तथा ब्याजमुक्त 05 लाख रुपये ऋण की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। यह अभियान 24 जनवरी, 2025 को लॉन्च किया गया था। 31 मार्च, 2025 तक 30,000 युवाओं को इस योजना से जोड़ा जा चुका है। 02 लाख युवाओं ने आवेदन भी कर लिया है। प्रथम चरण में युवाओं को 05 लाख रुपये तथा द्वितीय चरण में 10 लाख रुपये का ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। इसके बाद इसकी सीमा बढ़ायी जाएगी। इससे हम उत्तर प्रदेश को उद्यम प्रदेश के रूप में स्थापित कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश निवेश का ड्रीम डेस्टिनेशन बनकर उभरा है। देश और दुनिया के निवेशक प्रदेश में निवेश करने के इच्छुक हैं। इसके लिए सरकार ने अनेक प्रयास करते हुए विशेष अभियान चलाए हैं। प्रदेश में कानून का राज वास्तविक धरातल पर उतारा गया है। अलग-अलग सेक्टर से जुड़ी नीतियां बनायी गई हैं। निवेशकों तथा उद्यमियों को किसी प्रकार की समस्या न हो, इसके लिए सिंगल विण्डो की परिकल्पना को साकार किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि किसी भी बड़े उद्यम के लिए एम0एस0एम0ई0 इकाइयां बेस का काम करती हैं। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय को एम0एस0एम0ई0 क्षेत्र में कौशल का अच्छा सेण्टर बनाया जाना चाहिए। हमारे युवाओं में प्रतिभा और विजन दोनों हैं। वह इसका लाभ लेकर एम0एस0एम0ई0 के क्षेत्र में बहुत कुछ कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने देश की आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष-2022 में आगामी 25 वर्षों का एक रोडमैप देशवासियों के समक्ष प्रस्तुत किया है। प्रधानमंत्री जी ने एक विकसित और आत्मनिर्भर भारत, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती से आगे बढ़ाने वाले भारत, देश की अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी अधिक से अधिक करने वाले भारत, मेड इन इण्डिया की संकल्पना को पूरा करने वाले भारत तथा हर दृष्टि से दुनिया को नेतृत्व प्रदान करने वाले भारत बनाए जाने की संकल्पना दी थी। इसके लिए उन्होंने देशवासियों को पंचप्रण भी दिए थे। यह पंचप्रण हमारे जीवन का हिस्सा बनने चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय अपनी स्थापना के बाद से एक शानदार यात्रा का प्रतीक बना है। इसे नैक की ए$$ ग्रेड प्राप्त हुई है। एन0आई0आर0एफ0 की रैंकिंग में विश्वविद्यालय को 33वां स्थान मिला है। इसे शीर्ष 10 में किए जाने का प्रयास किया जाना चाहिए। यह उत्तर प्रदेश के लिए भी गौरव की बात होगी। इसके लिए अभी से प्रयास करें। विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में हजारों पुस्तकें हैं। विश्वविद्यालय के विधि संकाय को 10वीं रैंकिंग मिली है। फार्मेसी में विश्वविद्यालय को 21वां स्थान मिला है। फार्मेसी के क्षेत्र में अनन्त सम्भावनाएं हैं। प्रदेश सरकार देश का पहला फार्मा पार्क ललितपुर जनपद में बनाने जा रही है। विश्वविद्यालय को प्रदेश सरकार के साथ मिलकर इस क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहिए। आप किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़िए, सम्भावनाएं आपका इंतजार कर रही हैं।
इस अवसर पर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 राजकुमार मित्तल, विश्वविद्यालय के शिक्षक तथा विद्यार्थी उपस्थित थे।
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