मुख्यमंत्री ने विधान सभा में अपने विचार व्यक्त किये
भारत दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका, सर्वाधिक ग्रोथ रेट
के साथ भारत आज दुनिया की तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था: मुख्यमंत्री
प्रदेश विगत 08 वर्षों में डबल इंजन सरकार
के प्रयास से देश की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बना
वर्ष 2029 में प्रदेश वन ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और
देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा, इसके अनुरूप सरकार ने
तेजी के साथ 10 सेक्टर्स में विभिन्न कार्यक्रमों को प्रारम्भ किया
प्रदेश की अर्थव्यवस्था इस वित्तीय वर्ष के अंत में
साढ़े 27 लाख करोड़ रु0 की अर्थव्यवस्था बनकर उभरेगी
प्रदेश के पोटेंशियल को देश और दुनिया देख रही, महाकुम्भ के आयोजन से उ0प्र0 की इकोनॉमी में 03 लाख करोड़ रु0 से अधिक की वृद्धि होने की सम्भावना
प्रदेश में महिलाओं के स्वावलंबन की दिशा में अनेक कार्य हुए,
उ0प्र0 पुलिस में 20 प्रतिशत महिलाओं की अनिवार्य रूप से भर्ती की गई
उ0प्र0 देश में निवेश का सबसे अच्छा डेस्टिनेशन बनकर उभरा
प्रदेश में पहली बार 7.5 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई
प्रदेश में एम0एस0एम0ई0 सेक्टर के अन्तर्गत 02 करोड़ से
अधिक लोगों को रोजगार और नौकरी प्राप्त हुई
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के अन्तर्गत नए उद्यमी को
05 लाख रु0 तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराने की व्यवस्था
गन्ना किसानों को एक सप्ताह से 10 दिन के अंदर गन्ना मूल्य का भुगतान हो रहा
सर्वाधिक एथेनॉल उत्पादन करने वाले राज्यों में उ0प्र0 प्रथम स्थान पर
फूड बास्केट के रूप में प्रदेश ने फिर से अपना
स्थान बनाया, यह एग्रीकल्चर ग्रोथ को प्रदर्शित करता
लखनऊ: 21 फरवरी, 2025
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि भारत दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। सर्वाधिक ग्रोथ रेट के साथ भारत आज दुनिया की तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था के रूप में आगे बढ़ रहा है। वर्ष 2027 तक भारत निःसंदेह पांच ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनेगा। 140 करोड़ भारतवासियों को इस पर गौरव की अनुभूति होनी चाहिए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा व उनके विजन के अनुरूप उत्तर प्रदेश ने भी 01 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने की दिशा में एक बड़े कार्यक्रम को आगे बढ़ाया है। वर्ष 2022 से इसके लिए व्यवस्थित कार्य योजना तय की गई है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां विधान सभा में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संसाधनों से भरपूर व प्रकृति और परमात्मा की कृपा से ओतप्रोत प्रदेश विगत 08 वर्षों में डबल इंजन सरकार के प्रयास से देश की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बना है। वर्ष 2029 में प्रदेश वन ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। राज्य 05 वर्षों में इस टारगेट को अचीव करेगा। इसके अनुरूप सरकार ने तेजी के साथ 10 सेक्टर्स में विभिन्न कार्यक्रमों को प्रारम्भ किया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इन 10 सेक्टर्स में अवस्थापना और औद्योगिक विकास सेक्टर के अन्तर्गत अवस्थापना व औद्योगिक विकास, एम0एस0एम0ई0, हथकरघा व वस्त्र उद्योग, आई0टी0 एंड इलेक्ट्रॉनिक्स, सिविल एविएशन, पी0डब्ल्यू0डी0 तथा एन0आर0आई0 से सम्बन्धित विभाग हैं। जिनकी समीक्षा ए0पी0सी0 के स्तर पर होती है। दूसरे सेक्टर में कृषि और कृषि से जुड़े हुए अन्य सहयोगी संस्थान हैं। इसके अन्तर्गत उद्यान, खाद्य प्रसंस्करण, रेशम विकास, पशुधन, डेयरी, सिंचाईं, जल संसाधन तथा कोऑपरेटिव सम्मिलित हैं। तीसरा सेक्टर सामाजिक सुरक्षा से जुड़ा है। समाज कल्याण तथा सोशल सेक्टर से जुड़े हुए विभागों को इसके साथ जोड़ा गया है।
चैथा सेक्टर नगरीय विकास से सम्बन्धित है, जिसमें आवास और शहरी विकास, रोजगार और गरीबी उन्मूलन, वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन से जुड़े हुए क्षेत्रों को इस सेक्टर के साथ जोड़ा गया है। पांचवा सेक्टर ग्राम्य विकास से सम्बन्धित है, जिसमें ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, ग्रामीण अभियंत्रण सेवा, नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति तथा राजस्व आदि विभागों को रखा गया है। छठवां सेक्टर राजस्व संग्रह से सम्बन्धित है जिसमें राजस्व, कर और निबंधन, स्टाम्प और रजिस्ट्रेशन, एक्साइज, परिवहन तथा कर व करेत्तर राजस्व से जुड़े हुए विभागों को सम्मिलित किया गया गया है। सातवां सेक्टर शिक्षा का है, जिसमें बेसिक, माध्यमिक, उच्च, टेक्निकल और वोकेशनल एजुकेशन को सम्मिलित किया गया है।
आठवें सेक्टर में गृह, कारागार तथा इससे सम्बन्धित अन्य विभाग रखे गए हैं। नवां सेक्टर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य से सम्बन्धित है, जिसमें चिकित्सा, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, मेडिकल एजुकेशन, आयुष, महिला और बाल विकास विभाग हैं। दसवां सेक्टर, सर्विस सेक्टर से सम्बंधित है, जिसमें टूरिज्म आदि विभागों को रखा गया है। इन सभी सेक्टर्स को जोड़कर व्यवस्थित कार्य योजना को आगे बढ़ाने का कार्य किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव स्तर का अधिकारी प्रत्येक सेक्टर की नियमित मॉनीटरिंग करता है। सम्बन्धित सेक्टर से जुड़े हुए किसी वरिष्ठ मंत्री द्वारा उसकी मासिक रूप से समीक्षा की जाती है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत टारगेट अचीव करने के लिए कुछ सुनिश्चित पैरामीटर और इंडिकेटर तय किए गए हैं। सी0एम0 डैशबोर्ड के माध्यम से इसकी मासिक रूप से समीक्षा होती है। प्रत्येक तीसरे महीने मैं स्वयं भी इसकी समीक्षा करता हूं।
मुख्यमंत्री जी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि विगत तीन वर्षों में हमने तय लक्ष्य को सफलतापूर्वक प्राप्त किया है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था 12 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर इस वित्तीय वर्ष के अंत में साढ़े 27 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था बनकर उभरेगी। यह उन परिस्थितियों में हो रहा है जब पूरी दुनिया वैश्विक महामारी कोरोना के बाद आर्थिक मंदी के दौर से गुजरी थी। उत्तर प्रदेश की वर्तमान ग्रोथ रेट देश की सबसे अच्छी ग्रोथ रेट है।
प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में विगत 10 वर्षों में इस देश में 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से उबारने में सफलता प्राप्त हुई है। पिछले 08 वर्षों में हमारी सरकार ने 06 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाने में सफलता प्राप्त की है। यह चीजें दिखातीं हैं कि हर एक सेक्टर में बदलाव हुआ है। प्रदेश के पोटेंशियल को देश और दुनिया देख रही है। हम इसे महाकुम्भ-2025 के आयोजन के साथ जोड़कर देख सकते हैं। महाकुम्भ आयोजन से उत्तर प्रदेश की इकोनॉमी में 03 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि होने वाली है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं के स्वावलंबन की दिशा में अनेक कार्य हुए हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस में 20 प्रतिशत महिलाओं की अनिवार्य रूप से भर्ती की गई है। प्रत्येक सेक्टर में उन्हें रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं। उत्तर प्रदेश देश में निवेश का सबसे अच्छा डेस्टिनेशन बनकर उभरा है। फरवरी, 2023 में प्रदेश में आयोजित यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। जिनमें से 15 लाख करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्तावों का ग्राउंड ब्रेकिंग भी किया जा चुका है। इनमें से बहुत सारे उद्योगों ने अपना प्रोडक्शन भी प्रारम्भ कर दिया है। इससे 60 लाख नौजवानों को सीधे-सीधे नौकरी की गारंटी प्राप्त होगी।
प्रदेश सरकार द्वारा पहली बार साढ़े सात लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई हैं। एम0एस0एम0ई0 सेक्टर में सर्वाधिक रोजगार प्राप्त होता है। देश में उत्तर प्रदेश सबसे अधिक एम0एस0एम0ई0 यूनिट रखने वाला राज्य था। इस सेक्टर में प्रदेश में अनन्त सम्भावनाएं थीं। यह सेक्टर हमें सैकड़ों वर्षों से विरासत में प्राप्त हुआ था, लेकिन उपेक्षा के कारण यह दम तोड़ चुका था। प्रदेश सरकार ने एक जनपद, एक उत्पाद योजना के माध्यम से इसको फिर से आगे बढ़ाया। कोविड कालखण्ड के दौरान 40 लाख कामगार और श्रमिक राज्य में वापस आये थे। इन सभी लोगों की स्किल मैपिंग कर उनको सम्बन्धित सेक्टर्स के अन्तर्गत उन्हीं के जनपदों में समायोजित करने का काम किया गया था। अधिकतर लोगों को उसी जगह पर नौकरी और रोजगार भी प्राप्त हुआ था।
प्रदेश में एम0एस0एम0ई0 सेक्टर के अन्तर्गत 02 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार और नौकरी प्राप्त हुई है। इस कार्य में सरकार को अतिरिक्त लैंड व इंसेन्टिव की व्यवस्था नहीं करनी पड़ती है। 24 जनवरी, 2025 को उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस के कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान नामक नई योजना प्रारम्भ की गई है। इस योजना को एम0एस0एम0ई0 विभाग संचालित कर रहा है। इसके अन्तर्गत नए उद्यमी को 05 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। पहले चरण में 05 लाख रुपये तथा दूसरे चरण में 10 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। अभी तक 96 हजार से अधिक युवाओं ने इसके लिए आवेदन किया है। यह चीज दिखाती है कि उत्तर प्रदेश एक नई दिशा में आगे बढ़ा है।
मध्यम आय वर्गीय लोगों की ग्रोथ जानने के लिए सी0डी0 रेशियो का उपयोग किया जा सकता है। यह वही प्रदेश है जहां पर पहले 44 प्रतिशत सी0डी0 रेशियो था आज यह 60 प्रतिशत की सीमा पार कर चुका है। अर्थात प्रदेश का पैसा प्रदेश के विकास में ही लग रहा है। यह रिजर्व बैंक की ही रिपोर्ट है कि पिछली पंचवर्षीय योजना में उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने बैंकों से सर्वाधिक लेनदेन किया है। जनधन खाते इसके उदाहरण हैं। जिन लोगों के पास पहले बैंक में अकाउंट नहीं हुआ करता था आज उनके खाते में लाखों-करोड़ रुपये जमा हैं। यह इस बात का उदाहरण है कि व्यक्ति की क्रय और जमा करने की सामथ्र्य भी बढ़ी है। यह प्रधानमंत्री जी के विजन के कारण सम्भव हो पाया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह वही प्रदेश है जहां वर्ष 2017 के पहले किसान आत्महत्या के लिए मजबूर थे। आज प्रदेश का किसान आत्महत्या नहीं कर रहा है। आज उसकी उपज की लागत का डेढ़ गुना दाम एम0एस0पी0 के माध्यम से प्राप्त हो रहा है। गन्ना किसानों को एक सप्ताह से 10 दिन के अंदर गन्ना मूल्य का भुगतान हो रहा है। प्रत्येक सेक्टर में एक नया परिवर्तन देखने को मिला रहा है। प्रदेश फिर से सर्वाधिक गन्ना व चीनी उत्पादन करने वाले राज्यों में शामिल हो चुका है। सर्वाधिक एथेनॉल उत्पादन करने वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। फूड बास्केट के रूप में प्रदेश ने फिर से अपना स्थान बनाया है। यह एग्रीकल्चर ग्रोथ को प्रदर्शित करता है।
हर एक सेक्टर के विकास को ध्यान में रखते हुए कार्यों की समीक्षा की जाती है। उसके अनुरूप सरकार अपनी नीतियों को आगे बढ़ाती है। जहां आवश्यकता पड़ती है वहां सरकार टेक्नोलॉजी व निःशुल्क बीज उपलब्ध करवाने में सहायता करती है। पहले राज्य दलहन और तिलहन उत्पादन में पीछे था। प्रदेश में फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स का अभाव था। प्रदेश में वैल्यू एडिशन का उदाहरण देखने को मिल रहा है। इससे किसानों की आमदनी में कई गुना वृद्धि हो रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महाकुम्भ-2025 60 करोड़ श्रद्धालुओं व पर्यटकों की संख्या पूरी करने जा रहा है। केवल एक आयोजन देश और दुनिया के 60 करोड़ पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल हो चुका है। आज प्रदेश अपनी सम्भावनाओं को फिर से उजागर कर रहा है। देश और दुनिया प्रदेश के प्रति पूरी सद्भावना के साथ इस विकास में योगदान देने को तत्पर है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में एक एकड़ क्षेत्रफल में एक कुन्तल धान पैदा करने में कुल 1,100 रुपये लागत आती है। सरकार किसानों को 2,300 रुपये एम0एस0पी0 के रूप में दे रही है। एक एकड़ में प्रति कुन्तल गेहूं उत्पादन में 1,100 से 1,200 रुपये लागत आ रही है। सरकार किसानों को 2,300 से 2,400 रुपये दे रही है। सरकार उन्हें प्रोक्योरमेंट सेंटर उपलब्ध करवा रही है। प्रोक्योरमेंट सेंटर द्वारा सीधे डी0बी0टी0 के माध्यम से किसानों के खाते में पैसा जा रहा है। पहली बार किसानों को सम्मान मिला है। किसानों की दलहन व तिलहन के माध्यम से भी अतिरिक्त आमदनी हो रही है। दलहन व तिलहन के लिए किसानों को निःशुल्क बीज उपलब्ध कराने का काम किया गया है। किसानों को लागत का डेढ़ गुना से ज्यादा दाम मिल रहा है। सरकार इसको आगे भी बढ़ाने का काम करेगी।
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