मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा से देश की सर्वाधिक आबादी वाला राज्य उत्तर प्रदेश समग्र विकास के नए प्रतिमान स्थापित कर रहा है। कृषि और उससे सम्बन्धित सेक्टर में भी यह प्रगति स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। आज का यह कार्यक्रम इसी अभियान का एक हिस्सा है, जिसके अन्तर्गत यूपी-एग्रीज (उत्तर प्रदेश एग्रीकल्चर ग्रोथ एण्ड रूरल एण्टरप्राइज ईको-सिस्टम स्ट्रेंथनिंग) परियोजना का शुभारम्भ किया जा रहा है। साथ ही, जनपद उन्नाव में यूपीडा के इण्टीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग एण्ड लॉजिस्टिक क्लस्टर में कैनपैक इण्डिया द्वारा 1,300 करोड़ रुपये लागत की एक ग्रीन फील्ड मैन्युफैक्चरिंग इकाई के शिलान्यास का कार्यक्रम भी यहां सम्पन्न हुआ है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां आयोजित कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश एग्रीकल्चर ग्रोथ एण्ड रूरल एण्टरप्राइज ईको-सिस्टम स्ट्रेंथनिंग (यूपी-एग्रीज) प्रोजेक्ट का शुभारम्भ करने के उपरान्त अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने यूपीडा के उन्नाव इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर में 1,300 करोड़ रुपये लागत के कैनपैक इण्डिया के ग्रीनफील्ड मैन्युफैक्चरिंग प्लाण्ट का वर्चुअल माध्यम से शिलान्यास किया। यू0ए0ई0 के एक्वाब्रिज ग्रुप द्वारा उत्तर प्रदेश के मत्स्य पालन क्षेत्र को आधुनिक बनाने के लिए लगभग 4,000 करोड़ रुपये का निवेश पत्र मुख्यमंत्री जी को प्रदान किया गया। कार्यक्रम में यूपी-एग्रीज से सम्बन्धित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस कार्यक्रम में एक्वाब्रिज के चेयरमैन द्वारा उत्तर प्रदेश में मत्स्य पालन के क्षेत्र की सम्भावनाओं के दृष्टिगत 4,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की गई है। प्रदेश में ग्लोबल लीड डाटा डिजिटल एग्रीकल्चर वर्ल्ड बैंक के अभियान को आगे बढ़ाकर किसानों के जीवन में परिवर्तन लाने के लिए यहां पर डाटा बैंक की उपयोगिता की दृष्टि से एक विजन प्रस्तुत किया गया है। यह आने वाले समय में किसानों के जीवन में व्यापक परिवर्तन का कारक बनेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की आबादी लगभग 25 करोड़ है। इसका कारण यह है कि यहां इतनी बड़ी आबादी के लिए एक अच्छा वातावरण और भूमि पहले से ही मौजूद है। प्रकृति और परमात्मा की कृपा से प्रदेश में दुनिया की सबसे अच्छी भूमि और सबसे अच्छे जल संसाधन मौजूद हैं। प्रदेश में बहुत सम्भावनाएं हैं। भारत में लगभग 45 प्रतिशत भूमि कृषि योग्य है। जबकि उत्तर प्रदेश की लगभग 75 प्रतिशत भूमि कृषि योग्य है। यह सबसे उपयोगी और उर्वरा भूमि में से एक मानी जाती है। इसी का परिणाम है कि प्रदेश गेहूं, दूध, गन्ना ,आलू, आम, अमरूद, मटर, मशरूम, तरबूज और शहद के उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश के कुल सब्जी उत्पादन में 15 प्रतिशत तथा फल उत्पादन में 11 प्रतिशत हिस्सेदारी राज्य की है। प्रदेश में देश की 16 से 17 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है, लेकिन यहां देश के खाद्यान्न उत्पादन का 23 प्रतिशत से अधिक का उत्पादन होता है। उत्तर प्रदेश देश की फूड बास्केट के रूप में भी जाना जाता है। देश से कुल खाद्यान्न निर्यात में प्रदेश का तीसरा स्थान है। प्रदेश में कृषि एक्सपोर्ट की बहुत सी सम्भावनाएं मौजूद हैं। यूपी-एग्रीज का शुभारम्भ इन सम्भावनाओं को आगे बढ़ाने में एक मील का पत्थर साबित होगा। राज्य के अन्नदाता किसानों और कृषि के क्षेत्र में कार्य करने वाले सभी महानुभावों के लिए यह एक अच्छी शुरुआत है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यूपी-एग्रीज 4,000 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट है। इसमें से 2,737 करोड़ रुपये का ऋण विश्व बैंक द्वारा और 1,166 करोड़ रुपये का अंशदान राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। यूपी-एग्रीज परियोजना का मुख्य उद्देश्य कृषि और उससे सम्बन्धित क्षेत्र में कठिनाइयों को चिन्हित करना, प्रमुख फसलों की उत्पादकता में गुणात्मक वृद्धि करना तथा प्रदेश के विशिष्ट कृषि उत्पादों के पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेण्ट और मार्केट सपोर्ट सिस्टम को विकसित करना है, जिससे अन्नदाता किसानों की आय में वृद्धि हो सके। यह परियोजना कृषि सहवर्ती इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास और स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन के एक नए अभियान को आगे बढ़ाने की शुरुआत है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पहले चरण में उत्तर प्रदेश के 08 मण्डलों के 28 जनपद इस परियोजना में शामिल किए गए हैं। इनमें गोरखपुर, आजमगढ़, बस्ती, देवीपाटन, वाराणसी, विन्ध्याचल, चित्रकूट और झांसी मण्डल शामिल है। यह पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुन्देखलण्ड के मण्डल हैं। इनमें पूर्वी उत्तर प्रदेश के 21 जनपद और बुन्देखलण्ड के 07 जनपद शामिल हैं। इन सभी जनपदों में यह योजना लागू की जा रही है। यह प्रोजेक्ट 06 वर्षों का होगा। यह परियोजना वर्ष 2024-25 से प्रारम्भ होकर वर्ष 2029-30 तक लागू होगी। इस परियोजना के माध्यम से कृषि क्षेत्र की वर्तमान उत्पादकता में 30 प्रतिशत तक की वृद्धि किया जाना है। इसके माध्यम से किसानों को तकनीकी तथा समय पर बीज, खाद, सिंचाई और मार्केट जैसी अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। फसलों की गुणवत्ता को बनाए रखते हुए वैल्यू एडिशन के साथ जोड़ा जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यदि किसान को समय पर अच्छी क्वॉलिटी के बीज, मौसम के बारे में जानकारी और तकनीक की जानकारी एवं अन्य सभी सुविधाएं मिल जाए, तो उत्पादकता में वृद्धि होगी। जो किसान अभी तक एक एकड़ में 10 कुन्टल का उत्पादन कर रहा है। इस योजना से जुड़ने के बाद 14 से 15 कुन्टल तक का उत्पादन करने का सामर्थ्य रखेगा। इससे किसानों का खर्चा कम होगा और उत्पादकता ज्यादा हो जाएगी। इससे उनकी आय में भी वृद्धि होगी। इस डिजिटल एग्रीकल्चरल ईको-सिस्टम प्लेटफॉर्म के माध्यम से इस पूरे कार्यक्रम को सम्पूर्ण राज्य में आगे बढ़ाया जाएगा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश इस दिशा में अच्छा प्रयास कर रहा है, लेकिन लेकिन पूर्वी उत्तर प्रदेश, विन्ध्य तथा बुन्देखलण्ड में इस दिशा में प्रयास किए जाने की आवश्यकता थी। यूपी-एग्रीज परियोजना इस दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश को एग्रीकल्चर का एक्सपोर्ट हब बनाने की दिशा में प्रदेश सरकार एक नया इण्टरनेशनल एयरपोर्ट जनपद गौतमबुद्धनगर के जेवर में बना रही है। आगामी अप्रैल माह में इसका शुभारम्भ होगा। इससे किसानों को उनके उत्पादों के निर्यात की सुविधा मिलेगी। विगत सीजन में आम का उत्पादन करने वाले किसानों को उनके आम के निर्यात से अच्छी आय हुई है। स्थानीय बाजारों में उनके आम का मूल्य यदि 40 से 50 रुपये प्रति किलो था, वहीं यूरोपीय या अमेरिका के बाजार में उनके आम का दाम 800 से 1000 रुपये प्रति किलो था। इन उत्पादों की क्वालिटी को बनाए रखने के लिए डबल इंजन सरकार द्वारा प्रयास आगे बढ़ाए गए हैं। यूपी-एग्रीज इसी का हिस्सा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश एक लैण्ड लॉक्ड राज्य है। उत्तर प्रदेश में मत्स्य उत्पादन और उसके प्रसंस्करण में वृद्धि के लिए तथा टैंक और बायोफ्लॉक में
मत्स्य पालन के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जा सके, इसके लिए यूपी-एग्रीज परियोजना में 500 किसानों को उन्नत तकनीक देने और विदेश भ्रमण की कार्रवाई के साथ जोड़ा गया है, जिससे वह अन्य जगहों की सक्सेस स्टोरी को देख सके। यह किसानों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में एक नया प्रयास है। परियोजना के क्रियान्वयन से प्रत्यक्ष रूप से 10 लाख किसानों को सहायता दी जाएगी। हमारा प्रयास होगा कि 30 से 50 प्रतिशत तक महिला किसानों को इसके साथ जोड़ा जाए। 01 लाख से अधिक मछुआरा परिवारों को भी इस परियोजना से सहायता मिलेगी। इसके माध्यम से कुछ अच्छे सेण्टर ऑफ एक्सीलेंस विकसित किए जाएंगे। इससे किसानों की आय एवं फसलों की उत्पादकता में वृद्धि होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कैनपैक इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा उन्नाव में यूपीडा के मैन्युफैक्चरिंग एण्ड लॉजिस्टिक क्लस्टर में 1,300 करोड रुपये की लागत की आज शिलान्यास की गयी ग्रीनफील्ड परियोजना में 100 करोड़ रुपये का एफ0डी0आई0 है। यह परियोजना उत्तर प्रदेश की एफ0डी0आई0 पॉलिसी-2023 से आच्छादित है। यह रोजगार सृजन की दृष्टि से महत्वपूर्ण परियोजना है। इसके माध्यम से प्रदेश व देश की मांग की पूर्ति करने में सफलता मिलेगी। यहां एक्वाब्रिज द्वारा 4,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा हुई है। इसी के साथ, ग्लोबल लीड डाटा डिजिटल एग्रीकल्चरल वर्ल्ड बैंक द्वारा अपने कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया गया है। यह सभी कार्यक्रम समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ेंगे। यह सभी कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के पोटेंशियल का लाभ राज्य के नागरिकों को देने और प्रदेश के युवाओं के लिए अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में आगे बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री जी ने सभी निवेशकों को आश्वस्त किया कि प्रदेश में उनका निवेश पूरी तरह सुरक्षित है। निवेशकों द्वारा जितना निवेश उत्तर प्रदेश में किया जाएगा, उससे कई गुना यह निवेशकों के लिए लाभदायी होगा।
श्रम एवं सेवायोजन मंत्री श्री अनिल राजभर ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सर्वोत्तम प्रदेश बना है। वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री जी ने विरासत भी और विकास भी का नारा दिया था। प्रयागराज महाकुम्भ के माध्यम से आज पूरी दुनिया हमारी सनातन संस्कृति और आध्यात्मिक ताकत से परिचित हो रही है। आज लाखों-करोड़ों लोग प्रयागराज की धरती पर उपस्थित हैं। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री जी ने प्रयागराज महाकुम्भ को विश्व समारोह बना दिया है।
मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एग्रीकल्चर का पावर हाउस है। यहां 01 वर्ष में लगभग 600 लाख टन खाद्यान्न तथा 400 लाख टन सब्जियों का उत्पादन होता है। आज यहां जिन परियोजनाओं का शुभारम्भ हो रहा है, वह उत्तर प्रदेश के कृषि क्षेत्र को और ऊंचाइयों पर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
इस अवसर पर मत्स्य मंत्री श्री संजय निषाद, उद्यान, कृषि विपणन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दिनेश प्रताप सिंह, औद्योगिक विकास राज्य मंत्री श्री जसवंत सिंह सैनी, कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती मोनिका एस0 गर्ग, प्रमुख सचिव एम0एस0एम0ई0 श्री आलोक कुमार सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी तथा यू0ए0ई0, पोलैण्ड एवं वर्ल्ड बैंक के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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