राजकुमार गुप्ता
मथुरा। वृंदावन में केशीघाट सहित सात घाटों पर बहुप्रतीक्षित वृंदावन रिवर फ्रंट का कार्य आठ वर्षों के बाद जल्द शुरू होगा। 177 करोड़ रुपये की लागत से सात घाटों का विस्तार होने के साथ ही उनका सौंदर्यीकरण किया जाएगा। इसे लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा हरी झंडी मिलने के बाद सिंचाई विभाग अलीगढ़ की कार्यदायी एजेंसी से वार्ता कर रहा है। 2014 में वृंदावन में रिवर फ्रंट की कार्ययोजना तैयार हुई थी। उस समय घाटों के आगे कटान रोकने के साथ ही प्राचीन घाटों को यमुना में आने वाली बाढ़ से सुरक्षित करने के लिए रिटेन वाॅल (लेंटर और लोहे की शीट की दीवार) बनाई गई थी। इसके अलावा घाटों के सामने से इंटर सेप्टर सीवर लाइन (अंडरग्राउंड लाइन) डालने का कार्य किया गया था। इसी बीच वृंदावन के सामाजिक कार्यकर्ता मधुमंगल शुक्ला ने नालों के प्रदूषित जल के यमुना में प्रवाहित होने और रिवर फ्रंट कार्ययोजना में इसका प्रवाह रोकने का कोई प्रबंध न किए जाने का तर्क देते हुए 2016 में हाई कोर्ट में याचिका दायर की। मथुरा-वृंदावन में 23 नाले टेप होने थे, जिनमें से 19 नाले टेप हो चुके, जबकि शेष नालों को टेप किए जाने की प्रक्रिया जारी है। इनमें वृंदावन में एक नाला पूर्णत: और एक आंशिक रूप से टेप किया जाना है, जिस पर काम चल रहा है। इस मामले में सिंचाई विभाग ने जल निगम की ओर से हाईकोर्ट में शपथ पत्र दिया कि वृंदावन में रिवर फ्रंट निर्माण से पहले ही वृंदावन के शेष नालों की टेपिंग हो जाएगी। इस पर हाईकोर्ट ने रिवर फ्रंट निर्माण पर लगा स्टे हटा दिया है। सिंचाई विभाग ने आठ वर्षों से रुके कार्य को फिर से शुरू कराने के लिए कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए वर्ष 2016 में इस कार्य को कर रही कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल से वार्ता की जा रही है। इस संबंध में पिछले दिनों सिंचाई विभाग के एसई वीएस तोमर ने प्राेजेक्ट मैनेजर से बात की और कार्य शुरू करने को कहा है। रिवर फ्रंट परियोजना में चयनित आठ घाटों पर स्थान की उपलब्धता के अनुसार पक्के घाट बनाए जाएंगे। घाटों का विस्तार किया जाएगा। यहां श्रद्धालुओं के बैठने के लिए कलात्मक लाइट, बैठने के लिए बैंच लगाने के साथ ही लैंड स्कैपिंग की जाएगी। रिवर फ्रंट सबसे ज्यादा केशीघाट पर चौड़ा होगा, जहां प्रतिदिन आरती-स्नान के अलावा अन्य धार्मिक क्रियाकलाप होंगे। साथ ही रिवर फ्रंट के समीप वाहनों की पार्किंग बनाई जाएगी। इसके लिए जगह की तलाश की जा रही है। जिन घाटों पर रिवर फ्रंट विकसित किया जाना है, उनमें केशीघाट, जुगल घाट, गोविंद घाट, राधाबाग घाट, वराह घाट, कालिया दमन घाट, चीर घाट और शृंगार वट घाट शामिल हैं।

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