भा0 कृ0 अ0 प0 - केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदूम में किया गया राष्ट्रीय बकरी मेला एवं कृषि-औद्योगिक प्रदर्शनी (राष्ट्रीय बकरी महाकुम्भ) का आयोजन
भा0 कृ0 अ0 प0 - केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदूम द्वारा पशुपालन एव डेयरी विभाग, भारत सरकार, नई दिल्ली के सहयोग से दिनांक 18.11.2024 को राष्ट्रीय बकरी सम्मेलन कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रीय बकरी मेला एवं कृषि-औद्योगिक प्रदर्शिनी-2024 (राष्ट्रीय बकरी महाकुम्भ) का आयोजन किया गया ।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रो0 एस0 पी0 सिंह बघेल जी, केन्द्रीय मंत्री मत्स्य, पशुपालन, डेयरी एवं पंचायतीराज मंत्रालय शामिल रहे । अति विशिष्ट अतिथि के रूप में अरुणाचल प्रदेश के कृषि, पशु चिकित्सा, बागवानी एवं मत्स्य पालन मंत्री श्री गेब्रियल डी. वांगसु उपस्थित रहे । विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ0 राघवेन्द्र भट्टा, उप महानिदेशक (पशु विज्ञान), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली, एवं डॉ0 अभिजीत मित्रा, आयुक्त, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, भारत सरकार, नई दिल्ली, डॉ ए. के गौर, ए.डी.जी, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली ने भी इस कार्यक्रम में सहभागिता की । जनपद के जिलाधिकारी श्री शैलेन्द्र सिंह जी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री शैलेष कार पांडे की गरिमामय उपस्थिति के साथ-साथ विभिन्न आई.सी.ए.आर संस्थानों के निदेशक, पूर्व निदेशक, संस्थान के पूर्व अधिकारी एवं कर्मचारी भी उपस्थित रहे । इस महाकुम्भ में देश के कृषि वैज्ञानिक, शोधार्थियों, विद्यार्थी, कृषि उद्योग जगत से जुड़े उद्यमियों एवं 3000 से अधिक प्रगतिशील किसान एवं बकरी पालकों ने भाग लिया ।
कार्याक्रम की शुरूआत जलभरो कार्यक्रम एवं परिषद के गीत से हुयी उसके उपरांत संस्थान निदेशक डॉ0 मनीष कुमार चेटली ने
मुख्य अतिथि प्रो0 डॉ0 एस. पी. सिंह बघेल, केन्द्रीय मंत्री मत्स्य, पशुपालन, डेयरी एवं पंचायतीराज मंत्रालय, भारत सरकार एवं अन्य अति विशिष्ट अतिथिगण का स्वागत पटुका एवं पगढ़ी पहनाकर व स्मृति चिन्ह भेट कर किया । इस कार्याक्रम में प्रगतिशील बकरी पालकों को सम्मानित किया गया एवं कुल चार प्रतियोगिताओं में विजयी किसानों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।
संस्थान निदेशक डॉ0 चेटली द्वारा अपने स्वागत भाषण में मुख्य अतिथि, अति विशिष्ट एवं विशिष्ट अतिथिगण एवं कार्यक्रम में उपस्थित हुए समस्त आगंतुकों का स्वागत एवं धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि आज दिन का एक एतहासिक दिन है । इस कार्यक्रम में 17 आई.सी.ए,आर के संस्थानों ने स्टाल लगायी है जिससे विभिन्न राज्यों से 3000 से अधिक प्रगतिशील किसान का ज्ञानवर्धन हुआ है । इसके साथ ही संस्थान निदेशक डॉ0 चेटली ने संस्थान में चल रहे विभिन शोध-अनुसंधान कार्य, प्रशिक्षणों एवं परियोजनाओं की जानकारी दी जो कि किसानों के आर्थिक उत्थान एवं आय दोगुनी करने में सहायक है ।
डॉ0 ए. के गौर, ए.डी.जी, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली ने कहा कि संस्थान के कार्यक्रम जिसमें 3000 से अधिक किसानों एवं बकरी पालकों ने सहभागिता की है मैं इसकी सराहना करता हूँ । इसके साथ ही उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए बकरी के दूध उत्पादन और उसकी मेडीशनल प्रोपर्टी के लाभ पर चर्चा की ।
डॉ0 राघवेन्द्र भट्टा, उप महानिदेशक (पशु विज्ञान), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली ने कहा कि आज का दिन एक महत्वपूर्ण दिन है । पहली बार इतने बकरी पालक किसान इस कार्यक्रम में उपस्थित है । इसके साथ ही उन्होंने बकरी के दूध के उपयोग और महत्व पर विस्तृत चर्चा की एवं संस्थान को एक विशाल किसान छात्रावास हेतु निधि उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया ।
श्री अभिजित मित्रा, आयुक्त पशुपालन विभाग, भारत सरकार ने बकरी पालन के उभरते भविष्य के साथ-साथ संस्थान में आयोजित राष्ट्रीय बकरी महाकुंभ की प्रसंशा की ।
श्री गेब्रियल डी. वांगसु, कृषि, पशु चिकित्सा, बागवानी एवं मत्स्य पालन मंत्री, अरुणाचल प्रदेश ने केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदूम के कठिन परिश्रम की सराहना की एवं उपस्थित किसानों से संस्थान में चल रही परियोजनाओं का लाभ लेने की अपील की ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो0 डॉ0 एस.पी. सिंह बघेल ने कहा कि ये मेरा सौभाग्य है कि देश में पहली बार आयोजित राष्ट्रीय बकरी महाकुंभ में सहभागिता करने का मुझे अवसर प्राप्त हुआ है । भारत अब पशुपालकों का भी है, देश की तरक्की का रास्ता खेती-खलिहानी के साथ-साथ पशुपालन से होकर भी जाता है । भारत का किसान वैज्ञानिकों को मानता है लेकिन वैज्ञानिकों की नही मानता है, देश के किसानों को वैज्ञानिक खेती, उन्नत खेती एवं उन्नत पशुपालन का रूख करना पड़ेगा जो कि आय दोगुना करने में सहायक सिद्ध होगा । बकरी आज के समय का ए.टी.एम है, एनी टाइम मनी, एनी टाइम मिल्क, एनी टाइम मीट । इसी के साथ ही उन्होंने इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए संस्थान के शोध एव अनुसंधान कार्यों की भी प्रसंशा की ।
इस कार्यक्रम में किसान-वैज्ञानिक संबंध पर चर्चा, विभिन्न महत्वपूर्ण शोध एवं अनुसंधान पर चर्चा, पशुपालन एवं कृषि तकनीकी प्रदर्शन, उच्च नस्ल के बकरें-बकरियों का प्रदर्शन, प्रगतिशील बकरी पालकों का सम्मान एवं पुरस्कार वितरण के साथ-साथ देश के विभिन्न राज्यों से आयीं प्रदर्शनियों एवं संस्थान की विभिन्न प्रदर्शनियों का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम का मुख्य उदेश्य बकरी पालक किसानों को नई तकनीकियों एवं वैज्ञानिक बकरी प्रबंधन जागरूक करते हुए उनकी आत्मनिर्भर बनने में मदद करना एवं उनकी आय में वृद्धि सुनिश्चित था । इस कार्यक्रम में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के किसानों एवं महिला किसानों के विकास एवं सशक्तिकरण विषय पर भी विशेष ध्यान दिया गया ।
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