*अशोक विश्वकर्मा ✍️


पन्ना / /  जिले में अवैध रूप से संचालित खाद बीज की दुकानों के संचालन पर अबतक कृषि विभाग ने एक भी कार्यवाई नही की है इसका लाभ व्यापारी व विभिन्न कंपनियों के एजेंट उठा रहे है। क्षेत्र में आबाद खाद-बीज की दुकानों के संचालक कृषि विभाग के अधिकारियों से साठगांठ कर अवैध रूप से किसानों के पास से खाद बीज में मनमानी कीमत वसूल कर रहे हैं। इसके एवज में अधिकारियो द्वारा जिले मे संचालित सैकड़ो दुकानों से एक मोटी रकम वसूल कर रहे है। कृषि विभाग की लापरवाही के कारण बीज की दुकानें बिना लाइसेंस के खुल रही हैं। किसानों के दिनदहाड़े जेब काटा जा रहा है। अफसरों के कार्रवाई न करने से दुकानदारों के हौसले दिन प्रतिदिन बुलंद हो रहे हैं। दुकानदार बीज, खाद, रासायनिक व कीटनाशक दवाईयों को अधिक दाम में बेच रहे हैं।

दरअसल आपको बता दे की गैर लाइसेंसी खाद बीज की दुकानों में नकली खाद का भी कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है लेकिन इस पर नकेल कसने वाला कोई नहीं है। नकली खाद के कारण किसान त्रस्त हो रहे हैं, वहीं कारोबारी माला माल होते जा रहे हैं। बताते चले कि डीलर के माध्यम से बीज दुकानों पर बीज, रासायनिक खाद व कीटनाशक दवाओं की आपूर्ति की जाती है। इसके बाद बीज दुकानदार किसानों को माल बेचते हैं। डीलर व दुकानदारों को इसकी बिक्री करने के लिए कृषि विभाग लाइसेंस जारी करता है। वर्तमान में पन्ना जिले में सैकड़ों दुकानें अवैध रूप से बीज, रासायनिक खाद, कीटनाशक व कृषि संबंधी उपकरण की खुलेआम बिक्री कर रही हैं। इनकी संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। इसका खामियाजा किसानों को उठाना पड़ रहा है। अशिक्षा व जागरूकता के अभाव में दुकानदार इनसे मनमर्जी रकम वसूल रहे हैं। इसकी जानकारी अफसरों को भी है लेकिन सब अनजान बने हुए हैं। नतीजन मासूम किसान का हाल दिन प्रतिदिन बद से बदतर होते जा रहा है।

विभाग नहीं रख रहा निगरानी

 अवैध रूप से चलने वाले खाद व बीजों के दुकानों की निगरानी कृषि विभाग नहीं कर रहा है। रासायनिक खाद बेचने के लिए लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया लंबी है। बतादे कि हर वह व्यक्ति जो दुकान संचालित कर रहा है। वह लाइसेंस प्राप्त नहीं कर सकता। इसके बावजूद लोग खाद-बीज की दुकान जिले में ऐसे खोल रखे हैं जैसे किराने की दुकान हो। ऐसा नहीं है कि जिले में संचालित इतने अधिक दुकानों की जानकारी कृषि विभाग को नहीं है। विभाग के फील्ड कर्मचारी से लेकर अधिकारियों को भी ऐसी दुकानों की जानकारी है,पर विभाग अब तक ऐसी अवैध दुकानों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। अब देखना दिलचस्प होगा क्या जिले में संचालित अबैध खाद बीज की दुकानों को चिंन्हित कर छापामार कार्यवाही की जाती है या भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले विभाग के सम्बन्धित अधिकारियों को भ्रष्टाचार करने के लिए ऐसे ही छोड़ दिया जाता है।

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