राजकुमार गुप्ता 
मथुरा। स्कूली बच्चों को परिवहन सेवा उपलब्ध करवाने वाले विद्यालय संचालकों ने आदेश के बावजूद के बावजूद विद्यालय परिवहन समिति का गठन नहीं किया। इस आदेश को जारी हुए करीब चार साल हो गए हैं, लेकिन विद्यालयों के स्तर से इसमें कोई रुचि नहीं दिखाई जा रही है। कहीं, समिति का गठन नहीं है तो कहीं सिर्फ कागजों में ही समिति चल रही है।
शासन की ओर से विद्यालय परिवहन सुरक्षा समिति गठन का प्रारूप जारी किया गया था। इस प्रारूप में एक अध्यक्ष और सात सदस्यों को रखना निर्धारित किया गया है। इनमें विद्यालय का प्राधिकारी अध्यक्ष, डीएम की ओर से नामित नायब तहसीलदार या उससे ऊपर रैंक का अधिकारी, दो अभिभावक, संबंधित थाने का अधिकारी या चौकी प्रभारी, बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से एबीएसए या उससे ऊपर रैंक का अधिकारी, डीआईओएस की ओर से नामित एडीआईओएस या उससे ऊपर रैंक का अधिकारी, विद्यालय वाहन ऑपरेटरों के दो प्रतिनिधि, देहात में जिपं अध्यक्ष और शहर में मेयर द्वारा नामित स्थानीय निकाय का एक प्रतिनिधि रखा जाना तय किया गया।

*क्या है समिति का कार्य

विद्यालय से संबंधित वाहनों के दस्तावेज, रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र, फिटनेस प्रमाण पत्र, बीमा, परमिट, प्रदूषण आदि दस्तावेज की समय-समय पर चेकिंग और परिवहन विभाग की ओर से निर्धारित नियमों का पालन हो रहा है या नहीं, इसकी निगरानी करने का है।
स्कूली वाहनों के संबंध में शासन द्वारा निर्धारित गाइडलाइन का पालन न करने वाले विद्यालय संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। संचालकों को साफ निर्देश हैं कि वह शत-प्रतिशत नियमों का पालन करें।
*शैलेंद्र कुमार सिंह, डीएम*

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