रायबरेली । ऊंचाहार कोतवाली क्षेत्र के बटउआपुर मोड़ के पास हुए पत्रकार के ऊपर हमले और लूट के मामले में पुलिस के उच्चाधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद स्थानीय पुलिस ने मामला तो दर्ज कर लिया लेकिन पुलिस के हांथ अभी तक गुनहगारों तक नही पहुंच पा रहे हैं  जिससे ये स्पष्ट होता है कि पत्रकार सुरक्षा और अपराध नियंत्रण के प्रति पुलिस कितना संजीदा है? 

गौरतलब है कि कोतवाली क्षेत्र के पूरे रामबक्स मजरे कोटिया चित्र निवासी पत्रकार सूरज शुक्ल बीती  2 फरवरी की शाम करीब 9 बजे ऊंचाहार से समाचार संकलन कर बाइक से अपने मूल निवास को जा रहे थे तभी बटऊआपुर गांव के मोड़ पर घात लगाए बैठे कार सवार अज्ञात चार सशस्त्र हमलावरों ने पत्रकार सूरज शुक्ल पर धारदार हथियार आदि से हमला कर लहूलुहान कर दिया तथा जेब में रखे पर्स लूट कर मौके से फरार हो गए पर्स में लगभग पांच हजार रुपए थे। ग्रामीणों की मदद से घायल को सीएचसी पहुंचाया गया जहां पर उसका उपचार हुआ,घटना में घायल के सिर पर गंभीर चोटें आई थी।

घटना की सूचना पर पहुंचे तत्कालीन कोतवाल आदर्श कुमार सिंह ने घटना स्थल की जांच की और पीड़ित से कहा कि अब उसे आराम की जरूरत है ,वो स्वयं उसके घर जाकर घटना की तहरीर प्राप्त कर लेंगे लेकिन बावजूद इसके प्रातः पीड़ित ने कोतवाली पहुंच कर मामले की तहरीर दी लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया।

  घटना के लगभग एक सप्ताह बाद यानी 8 फरवरी को आईजी जोन लखनऊ और पुलिस अधीक्षक रायबरेली के मामले में हस्तक्षेप के बाद स्थानीय पुलिस ने मामला दर्ज किया हालाकि मामलों में उदासीन तत्कालीन कोतवाल को उसी समय कोतवाली से हटाकर अपराध शाखा रायबरेली भेज दिया गया था और ऊंचाहार कोतवाली की कमान अनिल कुमार सिंह को सौंपी गई थी।

तमाम विषम परिस्थितियों के बीच पुलिस ने मामला दर्ज तो किया लेकिन अभी तक मामला जैसे का तैसा पड़ा है इससे ये स्पष्ट होता है कि पत्रकार सुरक्षा व अपराध नियंत्रण को  लेकर रायबरेली पुलिस कितना संजीदा है?

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