प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या का प्राचीन गौरव लौटाया : स्वाती सिंह 

अयोध्या। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के यश्स्वी नेतृत्व ने धर्मनगरी अयोध्या को उसका प्राचीन गौरव लौटाया है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में अयोध्या दिव्य-भव्य के साथ नव्य भी हो चुकी है। नव्य व भव्य अयोध्या का स्वरूप देखकर हर रामभक्त का मन हर्षित है। अपने कण-कण में बसे भगवान राम के बिना लगभग 500 वर्षों की प्रतीक्षा के बाद राम की अयोध्या फिर राममय होने जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी के करकमलों से 22 जनवरी को प्रभु श्रीराम अपने दिव्य-भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। प्राण-प्रतिष्ठा से पहले उल्लासमय हो चुकी अयोध्या सनातन धर्म का केंद्र बिंदु बनने जा रही है।

सनातन संस्कृति के अनुसार, विश्व का पहला साम्राज्य वैवस्वत मनु द्वारा स्थापित किया गया था जिसकी राजधानी अयोध्या ही थी। यह अयोध्या नगरी ही थी जिसने राजा शिवि के बलिदान, भगीरथ की तपस्या, हरिश्चंद्र की सत्यवादिता, इक्ष्वाकु और रघु के पराक्रम का प्रतिमान रहे सूर्यवंश का साक्षात्कार किया और बाद में इसी कुल में जन्मे प्रभु श्रीराम द्वारा 'राम राज' के आदर्श को यथार्थ बनते देखा। ऐसी वैभवशाली अयोध्या सदियों की अपेक्षा और पराभव के बाद आज एक बार फिर उठ खड़ी हुई है और तेजी से अपने पुराने वैभव की ओर बढ़ चली है जिसका सारा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल क्रियान्वयन को जाता है।

कभी पुष्पक विमान का संचालन देख चुकी अयोध्या आज एक बार फिर महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में हवाई यातायात से जुड़ने को तैयार है। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज अयोध्या में नवनिर्मित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन किया। इस हवाई अड्डे का वास्तु और डिज़ाइन बेहद ख़ास है। यह पूरी तरह से श्रीराम के जीवन से प्रेरित है तथा ‘नागर शैली' के आधार पर इसका विकास किया गया है। 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने धर्मनगरी में 140 करोड़ देशवासियों से 22 जनवरी को जब अयोध्या में प्रभु श्री राम विराजमान हों, तब अपने घरों में श्री राम ज्योति जलाकर दीपावली मनाने का आग्रह किया। ऐसे में अयोध्या के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ जाएगा। प्रधानमंत्री ने भरोसा दिलाया कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश के विकास को अयोध्या नई दिशा देने वाली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले मिथिला से रामनगरी को रेल मार्ग से जोड़ने की संतों की बहुप्रतीक्षित इच्छा को पूरा किया। अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे, अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन का उद्घाटन, दो अमृत भारत और छह नई वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने समेत 15,700 करोड़ की विकास परियोजनाओं की सौगात दी। प्रधानमंत्री ने तीन बार सियावर राम चंद्र की जय के जयकारे लगवाकर माहौल को राममयी बना दिया।

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