औरैया // गेहूं की फसल पर मौसम की मार की हकीकत जिधर भी जाओ किसान निराश और बेबस दिखाई देते हैं फसल में नुकसान का जिक्र करते ही किसान परेशान हो उठते हैं किसानों का कहना है कि मुआवजे को लेकर वह संशय में है खेतों में गिरे गेहूं को देखने कोई मौके पर नहीं आया तो फिर नुकसान की भरपाई के लिए किए जाने वाले दावों का काम कैसे निपटाया जा रहा है जिले में बारिश और कुछ इलाकों में ओलावृष्टि से फसलों को खासा नुकसान हुआ है किसान 20 प्रतिशत नुकसान बता रहे हैं उनका कहना है कि प्रशासन सात से आठ प्रतिशत नुकसान की बात कर रहा है, लेकिन जब फसलों का सर्वे ही नहीं कराया गया है तो नुकसान का आकलन कैसे कर लिया गया मार्च महीने में तेज हवाओं के साथ करीब 15 मिली मीटर बारिश हुई अधिकांश गेहूं की फसल खेतों में बिछ गई किसानों का कहना है कि फसल में नुकसान के बारे में सभी को पता है, लेकिन असलियत को माना नहीं जा रहा है सर्वे के लिए कृषि विभाग के कर्मचारी नहीं आए हैं, सर्वे के नाम पर कर्मचारी एक-दो जगह पर जाकर खानापूर्ति कर रहे हैं। ब्लॉक भाग्यनगर में ओलावृष्टि से सबसे अधिक नुकसान हुआ है विभागीय अधिकारी सर्वे कराए जाने की बात कर रहे हैं इसके अलावा औरैया, अजीतमल, अछल्दा, एरवाकटरा, बिधूना व सहार ब्लॉक में तेज हवा और बारिश से गेहूं की फसल खेतों में बिछ गई है किसानो का कहना है गेहूं की फसल में नुकसान देखने के लिए किसी भी कर्मचारी के मौके पर न आने से भ्रम की स्थिति बनी हुई है दफ्तर में बैठकर ही अफसर आकलन कर लेते है जिससे नुकसान के हिसाब से सभी को मुआवजा नहीं मिल पाएगा मौसम की मार से किसानों को होने वाले नुकसान को लेकर अफसरों को हकीकत पर गौर करना चाहिए नुकसान तो सभी किसानों का हुआ है किसी का कम तो किसी का अधिक लेकिन मुआवजा सभी को बराबर दे दिया जाता है। जो हकीकत हो उसके हिसाब से सही आकलन कर मुआवजा दिया जाना चाहिए। 


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