पर्यटन नीति-2022 के तहत चिन्हित 12 परिपथों के सभी पर्यटक स्थलों का सौन्दर्यीकरण कार्य गतिमान

लखनऊः 27 जनवरी, 2023
       पर्यटन नीति-2022 के अंतर्गत 12 परिपथों को चिन्हित करके सभी पर्यटक स्थलों के उच्चीकरण, नवीनीकरण तथा सौन्दर्यीकरण का कार्य कराया जा रहा है। इसके अलावा थैमिटिक टूरिज्म के तहत युवा टूरिज्म, वेडिंग टूरिज्म, हेरिटेज कला एवं सांस्कृतिक, वाटर, वेलनेस, मेडिकल, ग्रामीण/टेªवेल, प्राकृतिक एवं आध्यात्मिक तथा स्टेट टूरिज्म एवार्ड विभिन्न श्रेणियों में रखा गया है।
यह जानकारी पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने आज यहां देते हुए बताया कि जिन 12 परिपथों का सौन्दर्यीकरण कराया जा रहा है, उनमें रामायण, बौद्ध, ब्रज, बुन्देलखण्ड, महाभारत, सूफी, क्राफ्ट, स्वतंत्रता संग्राम, जैन, वाइल्ड एवं ईको, शक्तिपीठ और आध्यात्मिक परिपथ शामिल हैं। पर्यटन विभाग इन परिपथों का नवीनीकरण कराकर अधिक से अधिक घरेलू एवं विदेशी सैलानियों को आकर्षित करने की योजना बनायी है।
श्री जयवीर सिंह ने बताया कि ईको टूरिज्म विकास को गन्तव्य के रूप में स्थापित किये जाने के उद्देश्य से ईको टूरिज्म विकास बोर्ड का गठन अगस्त, 2022 में किया जा चुका है। जिसके तहत एक राष्ट्रीय उद्यान दुधवा नेशनल पार्क, 11 वन्य जीव अभ्यारण, 24 पक्षी अभ्यारण तथा 09 ईको टूरिज्म सर्किट भी विकसित किये जा रहे हैं।
ईको टूरिज्म विकास बोर्ड द्वारा गोरखपुर स्थित कुसमही जंगल तथा बटेश्वर को ईको टूरिज्म साइट के रूप में तथा सोनभद्र के ग्राम सलखन फाॅसिल्स पार्क का सौन्दर्यीकरण, चित्रकूट स्थित तुलसी जलप्रपात का टूरिज्म की दृष्टि से विकसित करने की योजना पर काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पर्यटन गतिविधियों के विस्तार के लिए प्रत्येक जनपद के चर्चित पर्यटन स्थलों को भी सजाया और संवारा जा रहा है।

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