सहकारी सप्ताह के चतुर्थ दिवस नवाचार को बढ़ावा देने में

सहकारिता की भूमिका पर आयोजित हुयी गोष्ठी

 

सहकारिता क्षेत्र में नवाचार एवं प्रौद्योगिकी उन्नयन के लिए नयी सहकारिता पॉलिसी

 

सहकारिता को आधुनिकता से जोड़ने के लिए इससे जुड़े लोगों

को आई.टी. की ट्रेनिंग दी जायेगी

लखनऊ: 17 नवम्बर, 2022

 

69वें अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह के चतुर्थ दिवस पर आज सहकारिता भवन के पीसीयू सभागार में इण्डियन फारमर्स फर्टिलाइजर को-ऑपरेटिव लि0 (इफको) द्वारा "नवाचार को बढ़ावा देने में सहकारिता की भूमिका, प्रौद्योगिकी उन्नयन और स्टार्ट-अप को बढ़ावा देना" विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी का शुभारम्भ मुख्य अतिथि/प्रमुख सचिव, सहकारिता श्री बी.एल.मीणा ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।

गोष्ठी को संबोधित करते हुए श्री मीणा ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र में नवाचार एवं प्रौद्योगिकी उन्नयन के लिए भारत सरकार नयी सहकारिता पॉलिसी लाने जा रही है। उन्होने कहा कि सहकारिता को आधुनिकता से जोड़ने के लिए इससे जुड़े लोगों को आई.टी. की ट्रेनिंग दी जायेगी। जब प्रशिक्षित लोग सहकारिता क्षेत्र में होंगे तो इसे और बढ़ावा मिलेगा। श्री मीणा ने कहा नवाचार की शुरूआत नयी सोच से होती है। पहले कुछ नयी सोचिए तथा विश्वास रखिये की हम कुछ नया कर सकते हैं, तब नवाचार की शुरूआत होगी।

गोष्ठी के मुख्य वक्ता डा. के.एन.तिवारी ने सहकारिता क्षेत्र में नवाचार पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नवाचार को को-ऑपरेटिव के माध्यम से तैयार करें तथा इसका प्रचार-प्रसार आम जनमानस में करें। उन्होने कहा कि नवाचार किसानों के हित के लिए तथा उनकी आय बढ़ाने वाला होना चाहिए। श्री तिवारी ने कहा सहकारिता ग्रामीण क्षेत्र के विकास में सहकारिता का महत्वपूर्ण योगदान है। गांवों का भी शहरीकरण किया जाना चाहिए। उन्होने कहा कि जब गांवों में शहरों जैसी सुविधायें मिलेगी तो गांवों से पलायन रूकेगा। श्री तिवारी ने गोष्ठी में मौजूद किसानों को आधुनिक खेती करने के लिए प्रेरित किया। उन्होने किसानों से कहा कि वह अपने फसली चक्र को बदलें तथा दलहनी व नगदी फसलों की उपज करें, तभी किसानों की आर्थिक स्थिति बदलेगी। उन्होने नवाचार को बढ़ावा देने में सहकारिता की भूमिका, प्रौद्योगिकी उन्नयन एवम स्टार्ट अप को बढ़ावा देना पर विस्तार से चर्चा किया। उन्होंने कहा कि इफको अपनी स्थापना के साथ संतुलित उर्वरक के साथ टिकाऊ खेती पर बल दिया। इफको ने ग्रामीण स्तर तक मृदा परीक्षण कार्यक्रम को अपनाया है। इफ़को समय समय पर नवाचार करता रहा है ।

उपाध्यक्ष यू.पी.सी.बी. श्री जीतेन्द्र बहादुर ने कहा कि कृषि पद्धति को विकसित करना जरूरी है, इसके लिए नवाचार अत्यन्त आवश्यक है। उन्होने कहा किसानों को नवाचार एवं उन्नत प्रौद्योगिकी शिक्षा दी जाये।

राज्य विपणन प्रबंधक श्री अभिमन्यु राय ने बताया कि अभी हाल के वर्षों में इफ़को ने कृषि में दो महत्वपूर्ण नवाचार नैनो यूरिया, नैनो डीएपी के रूप में किया है जोकि किसानों के बीच में लोकप्रिय हो रहा है।

गोष्ठी में सभापति पी.सी.एफ. श्री बाल्मीकि त्रिपाठी ने आये अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर उन्होने सहकारी विकास में इफको के योगदान तथा दूरस्थ ग्रामीण अंचलों तक उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु सराहना किया। विभिन्न समितियों के अध्यक्षों ने अपने स्टार्टप कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताया।

इस अवसर पर अध्यक्ष डीसीबी लखनऊ श्री दिनेश तिवारी, वरिष्ठ सहकारी बंधु श्री राज दत्त पांडेय सहित लगभग 275 सहकारी बंधु, कृषक व महिलाओं एवं सहकारिता विभाग के प्रमुख अधिकारियों ने भाग लिया।

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