दीपावली पर क्यों करें कृष्ण की पूजा  - जानते हैं क्या कृष्णा हैं डिप्रेशन के देवता, वास्तु शास्त्री डॉ सुमित्रा अग्रवाल से 

सेलिब्रिटी वास्तु शास्त्री डॉ सुमित्रा अग्रवाल, कोलकाता 
इंटरनेशनल वास्तु अकादमी सिटी प्रेजिडेंट कोलकाता 

डिप्रेशन या अवसाद घर घर में पहुंच चूका है , क्या बुजुर्ग ,क्या बड़े , क्या बच्चे, सब अवसाद के शिकार हो रहे हैं।  सब को सब कुछ चाहिए और जल्दी चाहिए और तो और बिना परिश्रम के चाहिए। न मिले तो अवसाद और मज़े की बात ये है की जो चाहिए वो मिलने पर भी छणिक सुख का अनुभव होता है और फिर पुनः कुछ नया पाने की इक्छा।  जीवन का ग्राफ हमेशा ऊपर नहीं होता और इक्छाओ की आपूर्ति से डिप्रेशन का होना स्वाभाविक है।   

नरक चतुर्दशी में लोग यमराज को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय करते हैं। उद्देश्य नरक से मुक्ति पाना है, क्योंकि यमराज के रुष्ट होने से प्राणी को नरक में दी जाने वाली यातनाओं का कष्ट भोगना पड़ता है। दैत्यराज बलि के वामन भगवान् से मांगे वरदान के अनुसार इस दिन जो व्यक्ति यमराज को दीपदान करता है, उसको यम यातना नहीं होती और दीपावली मनाने वाले के घर में लक्ष्मीजी की कृपा बनी रहती है। काफी कम लोग ये जानते हैं की इसी दिन भगवन कृष्णा ने नरकासुर का वध किया था। उसी के उपलक्ष्य में इसे मनाया जाता है। इस तिथि को टिल का तेल सरीर पर लगा कर फिर स्नान करने का बड़ा माहाल्य माना गया है। तेल लगाने के पीछे एक रोचक बात है - इस दिन तिल के तेल में लक्ष्मी जी का और जल में गंगाजी का निवास होता है। 

इसी दिन शक्ति के उपासकों को शक्ति की पूजा करनी चाहिए। इस रात्रि में मंत्र भी सिद्ध किए जा सकते हैं।

 भगवान् श्रीकृष्ण का पूजन करने से मन के ताप दूर हो जाते हैं। श्री कृष्णा की श्रीमद्भगवद गीता भी तभी की रचना है जब अर्जुन अवसाद ग्रस्त थे। डिप्रेशन के मरीज़ो को श्रीमद भगवत गीता रोज पढ़नी चाहिए। श्री कृष्ण की आराधना नरक चतुर्दशी को हर उस व्यक्ति को करनी चाहिए जिसका चन्द्रमा जन्मपत्रिका में ख़राब हो। 
वास्तु उपाय - जिनको भी डिप्रेशन है उनका कोई भी सामान नार्थ वेस्ट में न रखें।

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