सफलता मिलेगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्राकृतिक खेती भारतीय नस्ल के गोवंश के संरक्षण के साथ ही अन्नदाता किसानों की आमदनी को कई गुना बढ़ाने में निर्णायक भूमिका का निर्वहन करेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने भू-मानचित्रों को स्कैन, डिजिटाइज्ड तथा जी0आई0एस0 रेडी कर खतौनी के डाटा (भूलेख) से लिंक करने का 96 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया है। राज्य सरकार ने एन0आर0एस0ए0, हैदराबाद से जियो रेफरेंस्ड कराये जाने तथा मानचित्र उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। यह अन्नदाता किसानों के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण होगा। इससे शासन एवं किसानों के पास रियल टाइम भू-अभिलेख की जानकारी होगी। किसानों के साथ किसी भी स्तर पर धोखाधड़ी को रोकने के लिए यह अत्यन्त महत्वपूर्ण पहल है। दिसम्बर, 2022 तक उत्तर प्रदेश के समस्त भू-मानचित्रों को इस प्रक्रिया से जोड़े जाने की कार्यवाही की जा रही है। इससे सभी को लाभ मिलेगा।
इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही, मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र, सलाहकार मुख्यमंत्री श्री अवनीश कुमार अवस्थी, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव कृषि श्री देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव राजस्व श्री सुधीर गर्ग उपस्थित थे।

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