जौनपुर। मातृभाषा पर गर्व करें नागरिक- सुरेश शुक्ल

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में शुक्रवार को विदेशों में हिंदी की बढ़ती लोकप्रियतारू विश्व भाषा के रूप में हिंदी के बढ़ते कदम विषयक एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह संगोष्ठी आइक्यूएसी प्रकोष्ठ, भाषा केंद्र एवं जनसंचार विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई।
              
संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि भारतीय-नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम, नार्वे के अध्यक्ष, लब्धप्रतिष्ठ साहित्यकार  सुरेश चंद शुक्ल श्शरद आलोकश् ने कहा कि मातृभाषा के प्रति हीन भावना के शिकार नहीं हों नागरिक। हमें अपनी मातृभाषा  पर गर्व करना चाहिए. उन्होंने कहा कि नॉर्वे में भारतीय रोजगार के लिए गए थे, उनके साथ उनकी मातृभाषा हिंदी भी वहाँ पहुँच गई जो आज खूब फल- फूल रही है। उन्होंने कहा कि नार्वे के श्रमदान की परंपरा से हमें सीख लेने की जरूरत है। इससे व्यक्ति में देश प्रेम की भावना जागृत होती है। उन्होंने विद्यार्थियों के लिए कहा कि गूगल के ज्ञान से हट कर मौलिक ज्ञान पर ध्यान केंद्रित करें।
      
अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि वैश्विक स्तर पर हिंदी  बाजार की मजबूरी बन गई है। दुनिया के देश घूमने के स्थान हो सकते हैं लेकिन रहने के लिए सिर्फ भारत ही उपयुक्त है। यहां की हिंदी भाषा और संस्कृति लोगों को एक दूसरे से बांधे रहती है। उन्होंने कहा कि हर देश की अपनी एक विशेषता और सौंदर्य होता है जो लोगों को एक दूसरे से जोड़ता और आकर्षित करता है। परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह, प्रो बीबी तिवारी,प्रो. वंदना राय, प्रो.अजय द्विवेदी, प्रो. देवराज सिंह, प्रो. अशोक श्रीवास्तव, प्रो नुपूर तिवारी, प्रो.रजनीश भास्कर, प्रो.अविनाश पाथर्डीकर, प्रो. राजेश शर्मा, डॉ. प्रमोद यादव, डॉ अमरेंद्र सिंह, डॉ सुनील कुमार, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ अवध बिहारी सिंह, सहायक कुलसचिव गण अमृतलाल, बबिता सिंह, अजीत सिंह. दिव्येंदु मिश्र आदि उपस्थित थे।

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