शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर प्रोफेसर हरिहरनाथ त्रिपाठी फाउंडेशन तत्वावधान में छात्र कल्याण केंद्र,बीएचयू के सभागार में "वर्तमान शिक्षा व्यवस्था के समक्ष चुनौतियां एवं समाधान" विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में फाउंडेशन की ओर से वाराणसी, आजमगढ़, बलिया के कुल 90 शिक्षकगणों को विशिष्ट अध्यापक सम्मान एवं स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया।कार्यक्रम में प्रमुख वक्ताओं में विज्ञान संस्थान के पूर्व डीन प्रो. मल्लिकार्जुन जोशी, डॉ आरके उपाध्याय, पूर्व कुलसचिव, तिब्बती संस्थान, डॉ एसके. पाण्डेय (आईएमएस., बीएचयू ) डॉ कविता शाह (पर्यावरण एवं धारणीय विकास केंद्र, बीएचयू), डॉ सीमा तिवारी (महिला महाविद्यालय, बीएचयू), सनबीम भगवानपुर की हेड मिस्ट्रेस विभा राय रहीं। वक्ताओं ने छात्रों के शैक्षणिक, सामाजिक एवं चारित्रिक निर्माण में शिक्षकों की भूमिका को अतुलनीय माना। कहा कि प्राचीन काल से आधुनिक काल तक शिक्षकों के समक्ष कर्तव्यबोध एवं चुनौतियां सदैव रही हैं। अधिकांश शिक्षकगण अपने इस दायित्व को सफलता के साथ पूरा करने में प्रयासरत हैं। शिक्षकों के प्रति भी समाज को संवेदनशील होना चाहिए।

कार्यक्रम में प्रो. एन. के दुबे,डॉ एम. आर. पाठक,प्रो रजनीश पटेल, डॉ राजू माझी, डॉ विवेक पाठक, प्रो किशोर पटवर्धन,श्री संजीव सिंह,श्री दीपेश चौधरी, डॉ ओ.पी. राय, डॉ पवन दुबे,श्री विनोद जी आदि की गरिमामय उपस्थिति रही। संयोजन और संचालन डॉ क्षेमेन्द्र मणि त्रिपाठी(विधि संकाय, बीएचयू) ने किया।

कार्यक्रम के आयोजन में श्रीमती कुमकुम पाठक, गौरव पांडेय,वैभव त्रिपाठी, आर.डी. सोनकर, आदेश, गौरव, आशीष कुमार,एमिल खालको,गोल्डेन कुमार, शिवम कुशवाहा,सलोनी, साक्षी,स्मृति स्मिता, तनुश्री सिंह,शानू कुमार,विवेक राज,विवेक गुप्ता, विद्या राय,विश्वजीत चतुर्वेदी, सौरभ उपाध्याय, यश दवे, सोनू कुमार, उज्ज्वल सिंह, वैभव कुमार, सौरभ कुमार पाठक, सुशांत कुमार, यश कुमार, सर्वेश, विशाल, विवेक, सागर आदि की महती भूमिका रही।

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