तहखाने के अंदर की बनावट, धार्मिक चिन्ह, दीवारों की कलाकृति और खंभों की फोटो व वीडियोग्राफी भी करवाई। पहले दिन की कमीशन की कार्यवाही पूरी होने के बाद कुछ लोगों ने साक्ष्यों को लेकर अपने अपने दावे भी किए।
मगर, टीम को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि सर्वे से जुड़ी कोई भी जानकारी बाहर नहीं आनी चाहिए। ऐसे में सर्वे टीम के किसी भी सदस्य ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। अब कमीशन की कार्यवाही पूरी होने के बाद न्यायालय में प्रस्तुत होने वाली रिपोर्ट की हकीकत बयां करेगी। सूत्रों के अनुसार एक तहखाने में मगरमच्छ का शिल्प, कमल व स्वास्तिक की आकृति, देख सभी दंग रह गए। तहखाने में मंदिर शिखर का अवशेष भरा होने के कारण सर्वे में दिक्कत भी आई। टीम में शामिल कुछ लोगों ने दावा किया कि ज्ञानवापी की दीवारों और पत्थरों पर कई चिह्न मौजूद हैं।  दीवारों पर अंकित आकृतियों की स्थापत्य शैली को रिकॉर्ड में लिया गया। चप्पे-चप्पे की वीडियोग्राफी करवाई गई, लेकिन अंदर क्या मिला है? इसकी अधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है अदालत ने कमीशन की कार्यवाही की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 17 मई की तिथि निर्धारित की है। आज सर्वे के बाद आगे की रणनीति पर मंथन किया जाएगा। कारण, अगर कमीशन की कार्यवाही पूरी हो जाएगी तो 17 मई को विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह, अधिवक्ता आयुक्त अजय कुमार मिश्र और सहायक अधिवक्ता आयुक्त अजय प्रताप सिंह संयुक्त रिपोर्ट न्यायालय को सौंपेंगे।

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