ग्रामीण पर्यटन का केंद्र बनेंगे अमृत सरोवर

आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर प्रत्येक ग्राम पंचायत में अमृत सरोवर का होगा विकास

अमृत सरोवर को ग्राम पंचायत के द्वारा एक रमणीक स्थल के रूप में विकसित व अनुरक्षित किया जाएगा

जिलाधिकारियों को इस संबंध में दिये गये हैं व्यापक दिशा निर्देश
                                -श्री केशव प्रसाद मौर्य
लखनऊ: 04 मई, 2022

देश की आजादी के 75 वर्ष के उपलक्ष्य में आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर  प्रत्येक जनपद में अमृत सरोवरों का विकास किया जायेगा। उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य के कुशल मार्गदर्शन में द्वारा प्रत्येक लोकसभा में 75 अमृत सरोवरों के साथ साथ प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक अमृत सरोवर के विकास का निर्णय लिया गया है। उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि यह यह अमृत सरोवर   जहां पर्यावरण संरक्षण , संवर्धन और वाटर रिचार्जिग के लिए वरदान साबित होंगे, वहीं वहां पर तमाम अवस्थापना सुविधाओं के विकास, व रमणीक स्थल के रूप में विकसित किये जाने से ग्रामीण पर्यटन के केन्द्र भी साबित होंगे।
 इस सम्बन्ध में व्यापक दिशा निर्देश सभी जिला अधिकारियों/जिला कार्यक्रम समन्वयक (मनरेगा) को उत्तर प्रदेश शासन, ग्राम्य विकास विभाग द्वारा दे दिये गये हैं।शासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों के क्रम में जिलों में इसका ताना -बाना बुना जा रहा है और इस दिशा में तेजी से कार्यवाही की जा रही है।
प्रदेश के प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में अमृत सरोवर यानि कि कुल 6000 अमृत सरोवरों का चिन्हांकन उनके प्रगति की रिपोर्टिग व डाकूमेन्टेशन आदि भारत सरकार द्वारा निर्धारित एम.आई. एस./पोर्टल पर किया जाएगा। अमृत सरोवरों के विकास का कार्य ग्राम पंचायतों ,क्षेत्र पंचायतों व जिला पंचायतों को केन्द्रीय वित्त आयोग (टाइड/अनटाइड), राज्य वित्त आयोग व मनरेगा योजना में प्राप्त होने वाली धनराशि से कराया जाएगा।
 प्रत्येक जिला पंचायत अपने जनपद में कम से कम 05 अमृत सरोवरों का निर्माण पूर्ण कराएगी एवं प्रत्येक क्षेत्र पंचायत अपने विकास खण्ड में कम से कम 03 अमृत सरोवरों का विकास मनरेगा/केन्द्रीय वित्त आयोग/राज्य वित्त आयोग की धनराशि से करायेंगे। समस्त अमृत सरोवरों के रखरखाव की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत की होगी।
 अमृत सरोवर में वर्ष पर्यन्त जल की उपलब्धता बनी रहे, इसकी व्यवस्था भी की जाएगी। परन्तु अमृत सरोवर को मुख्यतः वर्षा जल को संचित कर ही भरा जाएगा। अमृत सरोवर के तट पर अथवा आस-पास ( मौके की स्थिति के अनुसार) नीम, पीपल, कटहल, जामुन, बरगद, सहजन, पाकड़, महुआ आदि के पौधे लगाये जाएंगे।
प्रत्येक जनपद में अमृत सरोवरों की एक कार्य योजना बनायी जाएगी, जो विभाग को प्रेषित की जाएगी। कार्य-योजना में साईट के जी.पी.एस. कोआर्डिनेट का वर्णन होगा। अमृत सरोवर वाटर स्टेस्ड विकास खण्डों में चयनित किए जायेंगे। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों व वरिष्ठ नागरिकगण अमृत सरोवर के शुरुआत में भूमि पूजन आदि कार्यक्रम में शामिल होंगे। अमृत सरोवरों के साईट के चयन में भी ऐसे गॉव को वरीयता दी जाएगी जहां स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व शहीदों (आजादी के बाद) के गाँव हैं।
 अमृत सरोवर में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी दशा में गांव की नालियों से होता हुआ गन्दा पानी नहीं पहुंचे। अमृत सरोवर में गन्दा जल (सीवेज) न जाये ,इसके लिए यथा आवश्यक डाइवर्जन नाली आदि का निर्माण किया जाएगा। अमृत सरोवर में वर्षा का जल पूर्ण रूपेण आ सके, इसके लिए समुचित इनलेट की व्यवस्था की जाएगी तथा वर्षा जल वहां तक पहुंच सके ,इसके लिए आवश्यक चौनलाइजेशन भी किया जाएगा। तालाब में साफ पानी अन्दर जाए, इसके लिए पानी के आगमन (इन्ट्री प्वाइन्ट) पर यथा आवश्यक स्क्रीन एवं सिल्ट चौम्बर की व्यवस्था भी की जायेगी, जिस सरोवर में क्षमता से अधिक जल आने की सम्भावना हो, वहां जल निकासी की भी समुचित व्यवस्था बनायी जायेगी।
 पौधों को लगाने के उपरान्त इनके रख-रखाव, सिंचाई आदि की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी। पौधों की सुरक्षा के लिए यथा आवश्यक मौके की स्थिति के अनुसार बाड़ (फेन्सिंग) की व्यवस्था की जाएगी। अमृत सरोवर के निर्माण ,विकास व रख-रखाव पर ग्राम वासियों विशेषकर स्वयं सहायता समूह की विशेष सहभागिता सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा। अमृत सरोवर के विकास का कार्य 15 अगस्त, 2022 तक पूर्ण किया जाएगा।
अमृत सरोवर का न्यूनतम रकबा 1.00 एकड़ होगा और सरोवरो के तटबन्ध पर आवश्यकतानुसार वॉकिंग पथ विकसित किया जाएगा एवं उचित स्थान पर बैंच की भी स्थापना की जाएगी ताकि सुबह -शाम सैर करने के लिए ग्रामीण इसका प्रयोग कर सकें। अमृत सरोवरों में आवश्यक लम्बाई में एवं उचित गहराई तक सीढ़ियों का निर्माण भी किया जाएगा।  अमृत सरोवरों के तटबन्ध/उचित स्थान पर तिरंगा झण्डा रोहण की व्यवस्था भी की जाएगी ताकि राष्ट्रीय पर्व के अवसर पर गाँव के लोग झण्डा रोहण कार्यक्रम आयोजित कर सकें।
 अमृत सरोवर के सौन्दर्यीकरण कार्यों  को गैर शासकीय ,नागरिकगण एवं सी०एस०आर० आदि से कराया जाएगा। अमृत सरोवर के सम्बन्ध में भारत सरकार की गाइडलाइंस भी जिला अधिकारियों को दी गई है।
 ग्राम्य विकास मंत्रालय, भारत सरकार के पोर्टल ूंजमत.दबवह.हवअ.पद/।उतपज ैंतवअंत/सवहपद पर प्रत्येक जनपद के लिए यूजर आई.डी. और पासवर्ड जो प्रारम्भिक रूप से उस जनपद का नाम ( अंग्रेजी में) पहला लेटर कैपिटल के साथ तथा शेष लेटर स्मॉल बनाया गया है। प्रत्येक जनपद में लगभग 100 वाटर वाडीज का एड्रेस / विवरण इस पोर्टल पर दिए गए हैं।
 राजस्व विभाग के पोटर्ल इवत.नच.दपब.पद पर जिलों से प्राप्त वाटरबाडी के सम्बन्ध में अपलोड की गई सूचना से प्रत्येक जनपद के लिए 100 ऐसे वाटर बाडीज, जिनका क्षेत्रफल सबसे अधिक है, उनकी सूची भी इस जिलों को  प्रेषित करते हुते कहा गया है  कि प्रत्येक जनपद में आजादी के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में विकसित किये जाने वाले अमृत सरोवर का चयन  उल्लिखित साईट में से ही यथा सम्भव किया जाए। चयनित अमृत सरोवर के प्रोजेक्ट पर नियमानुसार यथा आवश्यक ग्राम पंचायत क्षेत्र पंचायत / जिला पंचायत का अनुमोदन भी प्राप्त किया जाएगा। प्रत्येक अमृत सरोवर की जियो टैगिंग की जाएगी।
उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने सभी सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अमृत सरोवर को ग्राम पंचायत के द्वारा एक रमणीक स्थल के रूप में विकसित व अनुरक्षित किया जाए। वर्षा ऋतु के पहले अमृत सरोवर के निर्माण का कार्य पूर्ण किया जाना सुनिश्चित किया जाए।

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