सम्पूर्ण प्रदेश में राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित की गयी

शाम 5 बजे तक प्राप्त सूचना के अनुसार 10 लाख से अधिक वादों का निस्तारण किया गया

लखनऊ: 11 दिसम्बर 2021

माननीय न्यायमूर्ति श्री यू0यू0 ललित, न्यायाधीश, उच्चतम न्यायालय/कार्यपालक अध्यक्ष, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ;छ।स्ै।द्धए माननीय न्यायमूर्ति श्री राजेश बिन्दल, मुख्य न्यायाधीश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय/ मुख्य  संरक्षक, उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ;न्ण्च्ण् ैस्ै।द्ध के निर्देशानुसार व माननीय न्यायमूर्ति श्री प्रीतिंकर दिवाकर, न्यायाधीश, उच्च न्यायालय इलाहाबाद/कार्यपालक अध्यक्ष,  उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ;न्ण्च्ण् ैस्ै।द्ध के कुशल निर्देशन में दिनांक 11.12.2021 को सम्पूर्ण प्रदेश में राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित की गयी।
   
        इस लोक अदालत को सफल बनाने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ;न्ण्च्ण् ैस्ै।द्ध के माननीय न्यायमूर्ति श्री राजेश बिन्दल, मुख्य न्यायाधीश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय/मुख्य संरक्षक, उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ;न्ण्च्ण् ैस्ै।द्ध द्वारा जूम मीटिंग के माध्यम से दिनांक 06.12.2021 को वीडियो कान्फ्रेन्सिग के माध्यम से समस्त उत्तर प्रदेश के जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष व सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों, मोटर दुर्घटना ट्रिब्युनल, पारिवारिक न्यायालय, व्यवसायिक न्यायालय व स्थायी लोक अदालत आदि के पीठासीन अधिकारियों से प्रस्तावित लोक अदालत को सफल बनाने का अह्वान किया गया तथा पुलिस अधिकारियों से अधिकाधिक संख्या में शमनीय वादों के समनों के तामीला का निर्देश दिया।  इसके अतिरक्त परिवार न्यायालय के वादोंएवं पुराने वादों के अधिकाधिक संख्या में निस्तारण पर भी बल दिया।  मोटर दुधर्टना प्रतिकर वादों के निस्तारण हेतु माननीय न्यायमूर्ति श्री प्रीतिंकर दिवाकर, न्यायाधीश, उच्च न्यायालय इलाहाबाद/कार्यपालक अध्यक्ष,  उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ;न्ण्च्ण् ैस्ै।द्ध द्वारा दिनांक 07.12.2021 व 09.12.2021 को प्रदेश भर के समस्त जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष व सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों, पीठासीन अधिकारी, मोटर दुर्घटना ट्रिब्युनल, प्रबन्ध निदेशक, उ0प्र0 राज्य सड़क परिवहन निगम, सभी बीमा कम्पनियों के क्षेत्रीय, जोनल एवं डिवीजनल अधिकारियों को वीडियो कान्फ्रेसिग के माध्यम से मीटिंग कर समस्त सम्बन्धित को निर्देशित किया गया कि मोटर दुर्घटना क्लेम वादों मंे किसी प्रकार का व्यवधान न आने पाये तथा लम्बित वादों व ई-चालान को अधिकाधिक संख्या में निस्तारित किया जाये।

        अपने उद्बोधन में माननीय न्यायमूर्ति श्री राजेश बिन्दल, मुख्य न्यायाधीश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय/मुख्य संरक्षक, उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ;न्ण्च्ण् ैस्ै।द्ध महोदय द्वारा न्यायिक अधिकारियों से अनुरोध किया गया कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से देश व प्रदेश के ऐसे सभी आमजन जो अर्थाभाव व विधिक जानकारी के अभाव में न्यायालय चौखट तक नहीं पहुॅच पाते हैं उनके वादों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित किया जाय।

        इससे पूर्व विभिन्न जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के सम्मानित अध्यक्ष/जनपद न्यायाधीश द्वारा प्रातः 10 बजे दीप प्रज्जलित कर तथा मॉ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष पुष्प  अर्पित कर औपचारिक रूप से शुभारम्भ किया गया।  इस लोक अदालत के दौरान विभिन्न जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों/जनपद न्यायाधीशों व अन्य श्रोतांे से प्राप्त सूचना के अनुसार शाम 5 बजे तक प्राप्त सूचना के अनुसार कुल 10,00,000 (दस लाख) से अधिक वादों का निस्तारण किया गया। जिसमें शमनीय प्रकृति के आपराधिक वाद, धारा 138 एनआई एक्ट के वाद, बैंको के बकाया वसूली, मोटर दुर्घटना प्रतिकर, श्रम एवं रोजगार, वैवाहिक, भू राजस्व वादों का निस्तारण किया गया। साथ ही उत्तर प्रदेश भू सम्पदा प्राधिकरण (यूपी रेरा) व उत्तर प्रदेश भू सम्पदा अपीलेट ट्रिब्यूनल वाद व राज्य उपभोक्ता प्रतितोष आयोग, सभी जिला उपभोक्ता आयोग व प्रदेश भर के राजस्व न्यायालयों में लम्बित वादों का बहुसंख्या में निस्तारण किया गया। अंतिम निस्तारण रिपोर्ट अभी प्राप्त नही हुई है।

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