अम्बेडकर नगर जिले तहसील आलापुर अंतर्गत लालमनपुर ऊंचेडीह स्थित श्री आदिशक्ति मां परमेश्वरी धाम पर चल रहे नौ दिवसीय संगीतमय रामकथा के छठवें दिन कथा वाचिका राधिका किशोरी ने राम वन गमन के प्रसंग को श्रद्धालुओं के समक्ष रखते हुए कहा कि माता पिता और गुरु के आदेश को बिना विचारे करना चाहिए प्रभु राम ने सारे राजपाट को पल भर में त्याग कर अपने आदर्श और धर्म को प्रस्तुत किया जो संसार के समक्ष आदर्श और प्रेरणा देने वाला बना । किशोरी ने कहा कि जब सुमंत प्रभु राम को वनगमन के लिए तमसा तट तक पहुंचाने आए तो पूरे अयोध्यावासी उनके साथ हो लिए लोगों ने कहा कि प्रभु राम जहां है वहीं अयोध्या भी हैं राम के बिना अब कहां अयोध्या ।अयोध्या वासी राम से बिछड़ने की पीड़ा और व्यथा को सहन नहीं कर पा रहे थे प्रभु राम ने उन्हें समझा कर वापस भेजा । प्रसिद्ध कथावाचिका ने सीता विदाई के प्रसंग से भक्तों को भावविभोर कर दिया ।सत्संग की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि बिन सत्संग विवेक न होई , राम कृपा बिनु सुलभ न सोई । वहीं दूसरी ओर नौ दिवसीय चल रहे महायज्ञ में वैदिक ब्राह्मणों ने मंत्रों का उच्चारण कर वातावरण को आध्यात्मिक बना दिया। वही उपस्थित श्रद्धालुओं और कथा पान करने वालों की बडी संख्या लोग रहे ।इस मौके पर सूर्य प्रकाश दुबे ,हनुमान दुबे ,रमाकांत दुबे ,बृजेश मिश्रा ,बद्रीनाथ मिश्रा ,सुरेश सिंह ,रामकेश सिंह ,गोपाल विश्वकर्मा ,हरिराम वर्मा ,राम प्रताप सिंह, भानु तिवारी, विजय नारायण मौर्य ,दुर्गेश वर्मा ,कोदई सिंह, बलराम दुबे सहित ग्रामीण व क्षेत्रवासी मौजूद रहे।

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