मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने बताया कि काशी विश्वनाथ धाम की सुरक्षा को देखते हुए तीन चार मकानों को खरीदने का प्रस्ताव आया है। इसका अध्ययन कराया जा रहा है। इसका प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जाएगा, शासन की अनुमति के बाद इस पर आगे कार्रवाई की जाएगी। श्री काशी विश्वनाथ धाम क्षेत्र के दायरा और बढ़ेगा। धाम क्षेत्र के आसपास के जर्जर भवनों को भी परिसर में शामिल किया जाएगा। भविष्य में संभावना है कि गंगा तट की ओर होने वाले निर्माण में कुछ बदलाव किया जा सकते हैं।  धाम में भवनों की संख्या 316 हो चुकी है। कॉरिडोर क्षेत्र से सटे जर्जर भवनों को धाम में शामिल करने की कवायद शुरू हो चुकी है। मंदिर प्रशासन ने आधा दर्जन और भवनों को धाम में शामिल करने का प्रस्ताव मंडलायुक्त को दिया है।


इसमें गोयनाका छात्रावास के बगल में स्थित राजराजेश्वर मंदिर परिसर समेत अगल-बगल के मकान भी शामिल हैं। मंडलायुक्त और जिलाधिकारी की टीम ने धाम क्षेत्र का पिछले दिनों जायजा भी लिया था। मकानों की स्थिति को देखा था और मंदिर प्रशासन व पीडब्ल्यूडी की टीम से प्रस्ताव मांगा था।बाबा दरबार से लेकर लालिता घाट और मणिकर्णिका घाट के बीच 50 हजार वर्ग मीटर में निर्माणाधीन कॉरिडोर के लिए काम शुरू होने से पहले लगभग 400 करोड़ रुपये से 297 भवनों का अधिग्रहण किया गया था। काम शुरू होने के बाद से लगातार धाम क्षेत्र के भवनों की भी रजिस्ट्री की जा रही है। 

बता दें कि बीते फरवरी में कॉरिडोर का निरीक्षण करने पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कॉरिडोर की सुरक्षा के लिहाज से आसपास के भवनों की जर्जरता को देखते हुए उन्हें भी बातचीत कर लेने का निर्देश दिया था। सीएम के निर्देश के बाद मंदिर प्रशासन ने अब तक 19 भवन खरीद लिए हैं। इसमें मणिकर्णिका घाट, लालिता घाट और लाहौरी टोला के भवन शामिल हैं। इसी हफ्ते मंदिर प्रशासन ने डी-1/43 और डी-1/44 भवनों की रजिस्ट्री कराई गई है।गोयनका छात्रावास के बाद अब गोयनका पुस्तकालय का भी ध्वस्तीकरण किया जाएगा। तकनीकी टीम ने अपनी जांच में कहा है कि गोयनका पुस्तकालय का भवन जर्जर हो चुका है। बता दें कि पहले मंदिर प्रशासन की ओर से पुस्तकालय को संरक्षित करने की तैयारी थी लेकिन जब तकनीकी टीम ने अपनी रिपोर्ट में भवन को जर्जर बताया है तो इसके बाद इसको ढहाए जाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं।

पुस्तकालय के आसपास के भवनों के जमींदोज होने के बाद पुस्तकालय की दीवारें भी जगह-जगह से जर्जर हो गई थीं। पिछले दिनों आई तकनीकी टीम ने अपनी रिपोर्ट में पुस्तकाल को जर्जर करार दिया था। अधिशासी अभियंता संजय गोरे ने बताया कि निर्माण कार्य के लिए पुस्तकालय का भवन भी ढहाया जाएगा। 

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