भारत मे शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जो टिक-टॉक (TikTok) को न जानता हो | चार साल से भी कम समय मे इसने दुनियाँ मे अपनी अलग पहचान बनायी है | भारत समेत 154 देशों मे टिक-टॉक का इस्तेमाल किया जा रहा | टिक-टॉक की भारत मे एंट्री होने के समय से ही इस पर प्रतिबंध की मांग उठ रही है | आंशिक अवधि के लिए इस पर प्रतिबंध भी किया गया था | नन्हे बच्चों से लेकर बुजुर्ग, शहर से गाँव तक इसके यूजर मिल जायेगे | कई लोगों का ऐसा मानना है की टिक-टॉक ऐप हमारी संस्कृति को अपमानित कर रहा है। साथ ही अनुचित कंटेंट को प्रोत्साहित कर रहा है । यह बच्चों पर गलत असर भी डाल रहा है । अक्सर समाचार पत्रों मे पढ़ने को मिलता है की  कुछ बच्चों ने इसके कारण आत्महत्या कर ली । कुछ लोग टिकटोक पर ज्यादा लाइक पाने और पोपुलर होने के लिए ऐसे खतरनाक स्टंट करते है की उनके साथ दुर्घटना घटित हो जाती है और उनकी मौत हो जाती है | टिक-टॉक पर ज्यादा लाइक पाने के लिए कुछ लोग अश्लीलता को बढ़ावा भी दे रहें है | कई लोगों का यह भी मानना है की टिक-टॉक यूजर्स की प्राइवेसी पॉलिसी का उल्लंघन भी कर रहा है।

चीन के द्वारा विकसित, टिक-टॉक एक सोशल मीडिया एप है इसके जरिए स्मार्टफोन यूजर छोटे-छोटे वीडियो बनाते और शेयर करते हैं । वर्ष 2018 के पश्चात टिक-टॉक की लोकप्रियता बहुत तेजी से बढ़ी | सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म मे से लोग सबसे ज्यादे समय तक टिक-टॉक पर देते है | भारत मे अभी तक इसे गूगल प्ले स्टोर से 1.96 करोड़ से अधिक बार डाउनलोड किया जा चुका है |

कुछ लोग कम समय मे फेमस होने और पैसा पाने के लिये कुछ भी करने को तैयार रहते है | अशिक्षा, बेरोजगारी, सफलता के अवसरों के कम होने की वजह से भारत मे टिक-टॉक यूजर्स की संख्या तेजी से बढ़ी है | भारत के हर शहर, गाँव मे इसके यूजर्स है | यूजर्स की संख्या अधिक होने की वजह से सभी को अपनी बात कहने और लोगों तक पहुचाने का एक प्लेटफॉर्म मिल गया है, जिसकी लागत भी कुछ नहीं है | नतीजन बॉलीवुड स्टार से लेकर, सरकारी विभाग तक आपको टिक-टॉक पर मिल जायेगे | दिन-प्रतिदिन फेमस लोग इसमे जुड़ते चले जा रहें है |

कोरोनावायरस के भारत मे आने के पश्चात कई ऐसे विडिओज टिक-टॉक पर सामने आयें जिसमें सरकार के निर्देशों के विपरीत बातें कही गयी | जिसकी चारों तरफ आलोचना भी हुई है | सोशल डिस्टेनसिंग का मजाक उड़ाया गया | ऐसे विडिओ भारत के विरोधी देशों द्वारा धार्मिक विवाद को बढ़ावा देने और कोरोनावायरस से देश को नुकशान पहुचाने के उद्देश्य से बनाये गए | ऐसा नहीं है की टिक-टॉक के जरिएं सिर्फ अश्लीलता और गलत विचार ही परोसे जा रहें है | कई लोग इसपर अच्छे वीडियोज़ बनाकर आकर्षक आय भी अर्जित कर रहें है | कई तरह की जानकारी लोगों तक पहुचाने के लिए विभिन्न एजेंसिया इसका सहारा भी ले रही है | समस्त पहलुओं का आंतरिक विवेचन करने पर यह जरूर कहा जा सकता है की लाभ की अपेक्षा टिक-टॉक भारत के समाज को नुकशान अधिक प्रदान कर रहा है जिससे लोगों मे अश्लीलता, धार्मिक उन्माद, सोचने-समझने की शक्ति और बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है | क्योंकि बिना सोचे-समझे, लोग पोपुलर होने के उद्देश्य से कुछ भी कर गुजरने से गुरेज नहीं कर रहें है | हाल की घटनाओं ने टिक-टॉक के जरिए देश को खतरे की दस्तक जरूर दे दिया है |

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