जौनपुर उत्तर प्रदेश दिनांक 6.12.2025

उत्तर प्रदेश में पिछले कई महीनों से एक खतरनाक माफिया के चंगुल में फंसता नजर आ रहा है – कोडीन युक्त कफ सिरप माफिया। यह कोई साधारण नशे का कारोबार नहीं है। यह एक सुनियोजित गिरोह है जो नकली और अवैध कोडीन आधारित सिरप को गांव-गांव, कस्बे-कस्बे तक पहुंचा रहा है। सबसे ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि इसका सबसे बड़ा शिकार नौजवान और किशोर हो रहे हैं। कई जिलों में युवाओं की मौतें हो चुकी हैं, हजारों अस्पतालों में भर्ती हैं, लेकिन कार्रवाई नाममात्र की दिख रही है।

सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि जिस उत्तर प्रदेश सरकार को “बुलडोजर बाबा” की सरकार के रूप में जाना जाता है, जहाँ माफिया और अपराधियों के घर रातोंरात ढहा दिए जाते हैं, वहाँ यह कफ सिरप माफिया खुलेआम फल-फूल रहा है। न तो बड़े गोदामों पर बुलडोजर चला, न ही बड़े सप्लायर्स की गिरफ्तारी हुई, और न ही कोई हाई-लेवल जांच कमेटी बनी। सिर्फ छोटे-मोटे केमिस्ट और लोकल डीलर पकड़े जा रहे हैं, जबकि असली मास्टरमाइंड अभी भी खुले घूम रहे हैं।

यह माफिया केवल उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं है, लेकिन यूपी में इसका विस्तार सबसे तेजी से हुआ है। सहारनपुर, मेरठ, मुरादाबाद, बरेली, लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज तक – हर बड़े जिले में कोडीन सिरप की कालाबाजारी जोरों पर है। एक बोतल की कीमत बाजार में 150-200 रुपये है, लेकिन नशेड़ियों को यह 800 से 1500 रुपये में बेची जा रही है। कई कंपनियां तो बिना लाइसेंस के ही कोडीन मिलाकर सिरप बना रही हैं। कुछ केमिकल यूनिट्स तो हरियाणा और हिमाचल से कच्चा माल लाकर यूपी में पैकिंग कर रही हैं।

सवाल यह है कि आखिर ड्रग कंट्रोलर विभाग सोया हुआ है? पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स कहाँ है? एन्टी नारकोटिक्स सेल क्या कर रहा है? जब बात मवेशी तस्करी या अवैध मदिरसा या गौ-हत्या की आती है तो तुरंत एक्शन होता है, लेकिन जब बात नौजवानों की जान की आती है तो खामोशी छा जाती है। क्या इसलिए क्योंकि इस माफिया में कुछ प्रभावशाली लोगों का हाथ है? क्या इसलिए क्योंकि कुछ बड़े फार्मा घराने और राजनेता इसमें शामिल हैं?

लोग पूछ रहे हैं कि आखिर योगी सरकार की वह जीरो टॉलरेंस पॉलिसी कहाँ चली गई? जब बाहुबली अतीक और मुख्तार जैसे माफिया को खत्म किया जा सकता है तो यह कफ सिरप माफिया इतना ताकतवर कैसे हो गया? अगर सचमुच बुलडोजर चलाना है तो उन गोदामों और फैक्ट्रियों पर चलना चाहिए जहाँ टनों कोडीन सिरप तैयार हो रहा है। उन बड़े डिस्ट्रीब्यूटर्स की संपत्ति जब्त होनी चाहिए जो करोड़ों कमा रहे हैं।

युवा पीढ़ी तबाह हो रही है। कई परिवार बर्बाद हो चुके हैं। अगर अभी नहीं चेते तो कुछ सालों में पूरा उत्तर प्रदेश नशे की गिरफ्त में होगा। सरकार को तुरंत हाई-लेवल SIT बनानी चाहिए, ड्रग इंस्पेक्टर और पुलिस की मिलीभगत की जांच होनी चाहिए और दोषियों पर बुलडोजर के साथ-साथ NSA तक लगना चाहिए।

नौजवानों की जान से बड़ा कोई वोटबैंक नहीं होता। अगर आज खामोश रहे तो कल यही नशेड़ी समाज को खोखला कर देंगे। अब वक्त है कि बुलडोजर की गड़गड़ाहट फिर से सुनाई दे, इस बार कफ सिरप माफिया के ठिकानों पर।

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