जलालपुर। श्री वेद माता गायत्री मंदिर के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित त्रिदिवसीय महोत्सव का शुभारंभ रविवार को एक अत्यंत भव्य एवं भक्तिमय कलश यात्रा के साथ हुआ। गोरखपुर गायत्री शक्तिपीठ से पधारे विशिष्ट आचार्यों ने इस पावन उत्सव की श्रंखला को वैदिक विधि-विधान से प्रारंभ किया।
दिव्य आरंभ: आचार्यों ने किया पूजन-अर्चन
गोरखपुर सेपधारे आचार्य राजदेव, आचार्य उमेश, योगाचार्य नरेंद्र पांडेय एवं आचार्य रविंद्र कुमार ने मंदिर परिसर में स्नान-ध्यान के पश्चात विधिवत पूजन किया। उन्होंने मंगल कलश स्थापित करके यात्रा के प्रस्थान की दिव्य घड़ी को संपन्न किया, जिससे पूरा वातावरण आध्यात्मिक उल्लास से स्पंदित हो उठा।
मनमोहक दृश्य: त्रिदेवी के रूप में नन्हीं गौरैयाँ
कलश यात्राका सबसे मनमोहक और हृदयस्पर्शी पल तब आया जब त्रिदेवियों के पावन स्वरूप में सजी नन्हीं बालिकाएँ यात्रा में शामिल हुईं। इन नन्हीं गौरैयों की मनोहर छवि ने सभी श्रद्धालुओं के मन को मोह लिया और वे आकर्षण का केंद्र बनी रहीं।
भक्ति का सैलाब: गूँज उठा नगर ‘गायत्री मंत्र’ से
यात्रामें गायत्री परिवार, जलालपुर के सदस्यों के साथ-साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालु-भक्तजन उमड़ पड़े। पूरे नगर की गलियाँ और मार्ग ‘ॐ भूर्भुवः स्वः’ और ‘गायत्री मंत्र’ की दिव्य ध्वनि तथा भक्ति गीतों की मधुर स्वरलहरियों से गूँज उठे। एक तरफ जहाँ भक्तिमय गीतों ने श्रद्धा का संचार किया, वहीं गायत्री मंत्र के जप ने वातावरण को पवित्रता और आध्यात्मिक शांति से सराबोर कर दिया।
लक्ष्य पर पहुँच: यात्रा का हुआ संपन्न
यह भव्य व भक्तिमय शोभायात्रारामगढ़ रोड स्थित गायत्री शक्तिपीठ पहुँचकर अपने लक्ष्य पर संपन्न हुई। जहाँ पहुँचकर सभी ने सामूहिक रूप से आरती एवं मंगल कामनाओं का अनुष्ठान किया।
उपस्थिति: प्रमुख सहयोगी एवं भक्तगण
इस पावन कार्यक्रम मेंश्री घनश्याम दास, बाबूराम, कृष्ण कुमार, श्याम जी, अनिल कुमार, सुनील कुमार, विपिन कुमार सहित अनेक गणमान्य नागरिकों एवं श्रद्धालुओं ने उपस्थित होकर इसके महत्व को और अधिक बढ़ा दिया।
इस प्रकार, भक्ति, श्रद्धा और उल्लास के संगम के साथ त्रिदिवसीय गायत्री महोत्सव का शुभारंभ हुआ, जो आने वाले दो दिनों तक आध्यात्मिक ज्ञान और सद्भाव का संदेश देता रहेगा।
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know