विविधता – संप्रभुता – टिकाऊपन – शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व
किसान स्वराज सम्मेलन 2026
किसानों और खेती से जुड़े शुभचिंतकों का संगम
(पश्चिमी और उत्तरी भारत का)
दिनांक: 11, 12 और 13 जनवरी 2026 (रविवार–सोमवार–मंगलवार)
लोक निकेतन, रतनपुर (पालनपुर के पास, बनासकांठा ज़िला, गुजरात)
आयोजक: आशा – किसान स्वराज (सतत और समग्र कृषि के लिए गठबंधन)
सह-आयोजक: लोक निकेतन ट्रस्ट और जतन
पंजीकरण के लिए आमंत्रण!
“आशा” (ASHA - Alliance for Sustainable and Holistic Agriculture - टिकाऊ और समग्र कृषि के लिए गठबंधन) एक ऐसा नेटवर्क है जो भारत की कृषि को टिकाऊ और सर्वांगी बनाने के लिए प्रयत्नशील है। आशा–किसान स्वराज पूरे भारत का एक अनौपचारिक नागरिक–स्वयंसेवी मंच है, जिसका उद्देश्य किसानों की आजीविका को टिकाऊ बनाना और उनके अधिकारों की रक्षा करना है। आशा–किसान स्वराज के बारे में और जानकारी www.kisanswaraj.in पर उपलब्ध है।
आशा- किसान स्वराज गठबंधन सहर्ष अपने छठे किसान स्वराज सम्मेलन की घोषणा करता है। यह सम्मेलन पश्चिमी और उत्तरी क्षेत्रों के लिए 11, 12 और 13 जनवरी, 2026 (रविवार, सोमवार, मंगलवार) को लोक निकेतन, रतनपुर (पालनपुर से 6 किलोमीटर, बनासकांठा ज़िला, गुजरात) में आयोजित होगा। इस सम्मेलन के सह-आयोजक हैं लोक निकेतन ट्रस्ट और जतन।
किसान स्वराज सम्मेलन के बारे में
आशा गठबंधन समय–समय पर किसान स्वराज सम्मेलन आयोजित करता रहा है, ताकि हम सब मिलकर खेती और गांवों के सामने खड़ी जटिल चुनौतियों को बेहतर ढंग से समझ सकें और आपसी रिश्तों को मज़बूत कर सकें, ताकि अलग–अलग मोर्चों पर काम करते हुए भी हमारी सोच और काम में तालमेल बना रहे। ये सम्मेलन नए लोगों, नए विचारों, विश्लेषणों, ऊर्जा और योजनाओं को साथ लाने का मौका भी होते हैं, ताकि मिल जुलकर भारत के किसानों की आजीविका को बेहतर बनाया जा सके।
अब तक ऐसे सम्मेलन भोपाल (2013), हैदराबाद (2016), अहमदाबाद (2018) और मैसूरु (2022) में आयोजित हो चुके हैं। आशा ने 2015 में चंडीगढ़ में एक जैविक किसान सम्मेलन आयोजित करने के लिए भारत के ऑर्गेनिक फार्मिंग एसोसिएशन (OFAI) के साथ मिलकर काम किया, जो OFAI के दो साल में होने वाले जैविक खेती सम्मेलनों की परंपरा के अनुरूप था।
किसान स्वराज सम्मेलन (KSS) का उद्देश्य भारत के कृषि–पारिस्थितिकी (एग्रोइकोलॉजी) से जुड़े लोगों और किसानों के अधिकारों के लिए काम करने वाले दूसरे साथियों को आपस में जोड़ना भी है। इसमें अग्रणी किसान–प्रयोगकर्ता, नागरिक एवं सामाजिक संगठन, कार्यकर्ता, शोधकर्ता, वैज्ञानिक, सामाजिक उद्यमी, लेखक–पत्रकार, कलाकार आदि शामिल होते हैं।
हमारा यह अभियान उपभोक्ताओं की पसंद और सुरक्षित, पर्याप्त, विविधतापूर्ण और पोषक भोजन के अधिकार को लेकर भी चिंतित है, इसलिए उपभोक्ता भी बड़ी संख्या में किसान स्वराज सम्मेलनों में शरीक होते हैं। हमारे सम्मेलन नागरिक आंदोलन के उन मूल्यों, नज़रियों, अनुभव और ज्ञान को दर्शाते हैं जो किसानों/खेती समुदायों की स्वायत्तता और अधिकारों को मज़बूत करने पर केंद्रित हैं, ताकि उपभोक्ताओं को भी लाभ हो और आर्थिक समृद्धि, सामाजिक न्याय और पर्यावरणीय टिकाऊपन का भी ध्यान रखा जा सके। ये सम्मेलन लोगों को एक दूसरे से जोड़ते हैं, नए–उभरते मुद्दों पर बातचीत के अवसर पैदा कराते हैं, ज़मीनी स्तर की समस्याओं के हलों को साझा कर के सीखने का मौका देते हैं और ज़रूरी नीतिगत बदलावों की योजना बनाने में मदद करते हैं।
इस बार हम एक नया प्रारूप अपना रहे हैं, जिसमें एक राष्ट्रीय सम्मेलन की जगह तीन क्षेत्रीय सम्मेलन होंगे। लोक निकेतन, रतनपुर में होने वाले इस सम्मेलन के बाद दक्षिणी और पूर्वी क्षेत्रों के सम्मेलन भी होंगे । जनवरी 2026 का यह सम्मेलन गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, गोवा, मध्य प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के प्रतिभागियों को जोड़ेगा।
KSS 2026 में चार उभरते मुद्दों पर खास ध्यान रहेगा
1. बीज स्वायत्तता: बीज विधेयक 2025, पौध विविधता और किसान अधिकार संरक्षण (PPV&FR) अधिनियम 2001 में प्रस्तावित संशोधन और अंतरराष्ट्रीय पौध आनुवंशिक संसाधन संधि (ITPGRFA) में बदलाव जैसे कदम हमारे किसानों/देश की बीज स्वायत्तता और उससे जुड़ी खाद्य स्वायत्तता को खतरे में डाल रहे हैं।
2. एचटी फसलें/खर-पतवार प्रबंधन: भारत के बीज बाज़ार में अब 3 गैर–GM खरपतवारनाशी सहनशील (हर्बिसाइड टॉलरेंट-HT) फसलें और जीनोम एडिटेड धान की किस्में आ चुकी हैं, जिस के लिए कमज़ोर नियमन, बेईमान विज्ञान और अलोकतांत्रिक नीति निर्माण ज़िम्मेदार हैं। इससे प्राकृतिक/जैविक खेती की मूल भावना, मानकों और क्रियान्वयन पर गंभीर असर पड़ेगा।
3. खेती में मज़दूरी : खेती में इंसानी और पशु–शक्ति से जुड़ा काम तेज़ी से बदल रहा है और इसके लिए ऐसे व्यावहारिक और नीतिगत उपायों की ज़रूरत है, जिनसे कृषि मज़दूरों, किसानों, पर्यावरण और पशुओं–पक्षियों – सब का भला हो।
4. मानव–वन्यजीव टकराव : जंगली जानवरों द्वारा किसानों की जान, फसलों और पशुधन को नुकसान पहुँचाने की घटनाएँ बढ़ रही हैं, जिससे तनाव और हानि दोनों बढ़ रहे हैं, और इन के लिए भी नीतिगत और ज़मीनी दोनों स्तर के हल निकालने की ज़रूरत है।
सम्मेलन का प्रारूप
सम्मेलन में मुख्य सत्र और समानांतर चलने वाले कई सत्र होंगे, जिनमें प्रतिभागी, वक्ता और चर्चा–सहभागी के रूप में शामिल रहेंगे। इसके अलावा बीज विविधता महोत्सव, जैविक भोजन, प्रदर्शनियाँ और ज़मीनी काम के व्यावहारिक प्रदर्शन, सार्वजनिक व्याख्यान और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। समानांतर सत्र सम्मेलन की मुख्य गतिविधि होंगी, ताकि बातचीत ज़्यादा भागीदारीपूर्ण और खुली रहे। अनौपचारिक संवाद के लिए खुले मंच भी रखे जाएंगे, जहाँ लोग एक दूसरे से बात–चीत कर सकें। ऐसे सम्मेलन आपसी विमर्श, सीखने–सिखाने, नेटवर्किंग और बाज़ार से जुड़ने के अवसर भी बनाते हैं।
सम्मेलन में शामिल होने के लिए पंजीकरण अनिवार्य
व्यक्तिगत प्रतिभागिता
“आशा” सरकार, प्रोजेक्ट फंड, विदेशी फंड या कॉर्पोरेट समर्थन पर निर्भर नहीं है। “आशा” किसान स्वराज कार्यक्रम को अधिक से अधिक आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश करता है। इसलिए सम्मेलन में शामिल होने के लिए प्रत्येक व्यक्ति के लिए, चाहे वे वक्ता हों या आयोजन सहयोगी, पंजीकरण करना और पंजीकरण शुल्क देना अनिवार्य है। पंजीकरण “पहले-आओ, पहले-पाओ” के आधार पर होगा। इस पश्चिमी और उत्तरी क्षेत्र के सम्मेलन में केवल 750 प्रतिभागियों के लिए स्थान उपलब्ध है। (अन्य राज्यों के इच्छुक प्रतिभागी कृपया अन्य क्षेत्रों होनेवाले सम्मेलनों की घोषणा का इंतजार करें।)
1. हम ध्यान रखतें हैं कि पंजीकरण शुल्क के चलते कोई सम्मेलन में भागीदारी से वंचित न हो जाए।
2. पंजीकरण शुल्क में सम्मेलन किट, साझा आवास, सम्मेलन के दौरान जैविक भोजन, सम्मेलन के सभी सत्रों में भागीदारी शामिल है परन्तु इस में यात्रा खर्च शामिल नहीं है।
3. जिन लोगों को रहने की सुविधा अपने तरीके से करनी हो, वे पालनपुर के किसी होटल में अपने स्तर पर व्यवस्था कर सकतें हैं, मगर इस से शुल्क में कोई राहत नहीं मिलेगी और न ही आयोजकों की तरफ यातायात की कोई व्यवस्था होगी।
4. व्यक्तिगत प्रतिभागिता के लिए पंजीकरण शुल्क और पेमेंट की जानकारी अंतिम पृष्ठ पर दी गई है।
सम्मेलन के दौरान प्रदर्शनी / प्रदर्शनी के लिए पंजीकरण
कुछ प्रदर्शनी स्टॉल जैविक/प्राकृतिक किसान, किसान समूहों, गैर-लाभकारी संगठनों, निजी उद्यमियों और अर्ध-सरकारी विभागों के लिए लगाए जाएंगे। यहां वे अपने जैविक कृषि उत्पाद बेच सकेंगे, अपनी गतिविधियां और परियोजनाएं दिखा सकेंगे, खेती से जुड़े उपकरण, छोटे प्रसंस्करण यूनिट, पुस्तकें, साहित्य और अन्य सामग्री प्रदर्शित कर सकेंगे, और टिकाऊ खेती का प्रचार कर सकेंगे ।
1. आवश्यक दस्तावेज, उत्पाद के नमूनों, वास्तविक लागत, बिक्री मूल्य और अन्य जानकारियों की समीक्षा कर के संतुष्ट होने के बाद ही तकनीकी समिति स्टॉल आवंटित करेगी।
2. स्टॉल का आकार 50 से 70 वर्ग फुट होगा, जिसमें दो कुर्सियां, दो मेज, लाइट और 5 एम्पियर का प्लग पॉइंट होगा। किसान हाट के लिए एक टेबल स्थान मिलेगा।
3. कृषि आदानों/इनपुट्स को प्रदर्शित और बेचने की अनुमति केवल असली प्राकृतिक/जैविक किसान, छोटे एफपीओ या सरकारी कृषि विश्वविद्यालय/संस्थान को ही होगी, अन्य को नहीं ।
4. आयोजकों के पास बिना कोई कारण बताए स्टॉल या टेबल की जगह न देने का और स्टॉल या जगह देने के बाद भी वापिस ले लेने का अधिकार सुरक्षित है।
5. प्रत्येक स्टॉल/टेबल पर पंजीकरण शुल्क तालिका में आगे दी गई श्रेणी 1 और 2 के लिए दो लोग और श्रेणी 3 और 4 के तहत एक व्यक्ति सम्मेलन में भाग ले सकेगा।
6. प्रदर्शनी के लिए पंजीकरण शुल्क और पेमेंट की जानकारी अंतिम पृष्ठ पर दी गई है।
सम्मेलन और प्रदर्शनी में प्लास्टिक की कैरी बैग, फलेक्स बैनर और थर्माकोल का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता । कूड़ा-करकट फैलाने की अनुमति भी नहीं है।
कृपया ध्यान दें कि जब पंजीकरण करने वाले अपनी पूरी, सही जानकारी देंगे और सही शुल्क भरेंगे, तब ही पंजीकरण हो पायेगा। अगर सम्मेलन के लिए तय की गई क्षमता 24 दिसंबर 2025 से पहले भर जाती है, तो आयोजक पंजीकरण पहले बंद करने का अधिकार रखते हैं।
आवास सुविधा की समय सीमा: सम्मेलन 11 जनवरी 2026 सुबह 9.30 बजे से 13 जनवरी दोपहर 3 बजे तक, 3 दिन का है। आयोजक 10 जनवरी 2026 को शाम 6 बजे से 13 जनवरी 2026 को शाम 6 बजे तक लोक निकेतन रतनपुर में 3 दिन रहने और खाने का इंतज़ाम करेंगे। जब तक कि साफ़ तौर पर हमें जानकारी न दी गई हो, और इसके लिए कोई विशेष इंतज़ाम न किया गया हो, तो सम्मेलन के सभी प्रतिभागियों को 13 जनवरी 2026 को शाम 6 बजे तक अपना निवास खाली करना होगा। ट्रेन शेड्यूल को देखते हुए किसानों के लिए इस समय सीमा से पहले और बाद में रहने की सुविधा देने पर विचार किया जा सकता है। ऐसे में किसानों को किसी दूसरे स्थान पर जाना पड़ सकता है और/या ज़्यादा पैसे देने पड़ सकते हैं। आयोजक किसानों पर ज़्यादा पैसे का बोझ न डालने की पूरी कोशिश करेंगे, लेकिन इसकी गारंटी नहीं है। तय समय सीमा से पहले या बाद में आवास की व्यवस्था के लिए पंजीकरण के समय सूचना देना आवश्यक है।
पंजीकरण पुष्टि पत्र: प्रत्येक पंजीकरण आवेदन के विवरण और किए गए भुगतान की पुष्टि करने के बाद, आयोजक 5 जनवरी, 2026 से पहले पंजीकरण पुष्टि पत्र और व्यवस्था संबंधी अन्य जानकारी भेजेंगे। सब से अनुरोध है कि पंजीकरण पुष्टि पत्र का इंतज़ार किए बिना अपनी टिकट बुक कर लें।
धूम्रपान/ तंबाकू के सेवन पर पूरे लोक निकेतन परिसर में मनाही है।
लोक निकेतन जाने के लिए पालनपुर कैसे पहुँचे
पालनपुर जंक्शन (स्टेशन कोड PNU) देहरादून, हिसार, फिरोजपुर, जोधपुर, दिल्ली, जयपुर, मुंबई, पुणे, चेन्नई, बैंगलोर, नागपुर, अहमदाबाद जैसे स्थानों से ट्रेन से सीधा जुड़ा हुआ है।
लोक निकेतन, रतनपुर अहमदाबाद से सड़क के रास्ते 150 किलोमीटर दूर है। दक्षिणी राजस्थान में उदयपुर से सड़क के रास्ते 200 किलोमीटर दूर हैं। मध्य प्रदेश के लोग वडोदरा/अहमदाबाद में ट्रेन बदलकर पहुँच सकते हैं। महाराष्ट्र के लोगों को अगर सीधी ट्रेन उपलब्ध न हो तो वे मुंबई/सूरत में ट्रेन बदलकर भी पहुँच सकते हैं।
सबसे पास का एयरपोर्ट अहमदाबाद में सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। इस एयरपोर्ट से सबसे पास का रेलवे स्टेशन साबरमती है, जहाँ से हवाई यात्री पालनपुर के लिए ट्रेन पकड़ सकते हैं।
पालनपुर से सम्मेलन स्थान पर पहुँचने की जानकारी पंजीकरण पुष्टि पत्र में भेजी जाएगी।
किसी भी प्रश्न और सूझाव के लिए संपर्क करें।
ईमेल: kisanswaraj...@gmail.com
फोन: 9962043710 (दोपहर 2 बजे से शाम 8:30 बजे तक)
पूर्व के किसान स्वराज सम्मेलनों की झलकियाँ
2018 में अहमदाबाद के गूजरात विद्यापीठ में हुए सम्मेलन के कार्यक्रम https://tinyurl.com/
और तस्वीरें
https://photos.app.goo.gl/
पर उपलब्ध हैं।
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2022 में मैसूर के कर्नाटक राज्य मुक्त विश्वविद्यालय में हुए सम्मेलन के कार्यक्रम
https://tinyurl.com/
और तस्वीरें
https://photos.app.goo.gl/
पर उपलब्ध हैं।
अंतिम तारीख : 24 दिसंबर
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