“तेरी मिट्टी - सेलेब्रेटिंग तिरंगा” में डॉ. राजेश्वर सिंह का प्रेरणादायी संदेश : कहा मिट्टी का कर्ज कभी चुकाया नहीं जा सकता


भारतीय स्वाधीनता की लड़ाई रणभूमि के साथ-साथ साहित्य, कविता और गीतों के सहारे भी लड़ी गई - डॉ. राजेश्वर सिंह


तिरंगा हमारे अतीत का गौरव, वर्तमान की प्रतिबद्धता और भविष्य का प्रतिबिंब - डॉ. राजेश्वर सिंह


डॉ. राजेश्वर सिंह ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के जीवन को बताया प्रेरणा का स्तंभ कहा नारी शक्ति, शिक्षा और विकास के स्वर्ण अध्याय की रचयिता


लखनऊ। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश भर में मनाए जा रहे देश भक्ति कार्यक्रमों की कड़ी में मंगलवार को राजधानी लखनऊ की एलडीए कॉलोनी स्थित डॉ. बी.आर. अंबेडकर ऑडिटोरियम में “तेरी मिट्टी – सेलेब्रेटिंग तिरंगा” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल मौजूद रहीं। देश भक्ति के गीतों से सजी इस संगीतमयी संध्या की शुरुआत  राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, पद्मश्री मालिनी अवस्थी और डॉ. राजेश्वर सिंह द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर की गयी।


कार्यक्रम के दौरान सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने राष्ट्रभक्ति और सांस्कृतिक विविधता का भावपूर्ण संदेश दिया। अपने संबोधन में डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा, "तेरी मिट्टी सिर्फ एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि संकल्प और सम्मान का पर्व है। यह उस मिट्टी को नमन है, जिसने हमें जन्म दिया और जिसकी रक्षा के लिए अनगिनत वीरों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए।" उन्होंने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के नारी सशक्तिकरण, शिक्षा और जनकल्याण के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि गुजरात में ‘शाला प्रवेशोत्सव’ जैसी पहल से लेकर उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों को A++ और A+ NAAC ग्रेड दिलाने तक, उनका योगदान अद्वितीय है।


डॉ. सिंह ने स्वतंत्रता संग्राम में साहित्य और संगीत के योगदान को रेखांकित करते हुए बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय, कवि प्रदीप, सुभद्रा कुमारी चौहान और राम प्रसाद बिस्मिल जैसे महान रचनाकारों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि “साहित्य ने विचार दिया, संगीत ने भावना दी और सिनेमा ने इन भावनाओं को घर-घर पहुंचाया।” विशेष रूप से उन्होंने गीतकार मनोज मुंतशिर शुक्ला और पद्मश्री मालिनी अवस्थी का अभिनंदन किया। मनोज मुंतशिर के “तेरी मिट्टी में मिल जावां” गीत को उन्होंने हर भारतीय के दिल की धड़कन बताया, वहीं मालिनी अवस्थी के लोकसंगीत संरक्षण को गंगा-जमुनी तहज़ीब का अमूल्य योगदान बताया।


कार्यक्रम में मनोज मुंतशिर शुक्ला, मालिनी अवस्थी, आशीष कुलकर्णी और इशिता विश्वकर्मा की देशभक्ति से ओत-प्रोत प्रस्तुतियों ने वातावरण को भावविभोर कर दिया।कार्यक्रम का समापन “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम्” के नारों के बीच हुआ, जहां डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा, "तिरंगा हमारी अस्मिता और बलिदान का प्रतीक है। इसकी रक्षा और इसे ऊँचा रखना, हम सबका कर्तव्य है।"


कार्यक्रम में कार्यकारी अध्यक्ष, JSW गजेन्द्र प्रताप सिंह, अध्यक्ष,  विधायक राकेश प्रताप सिंह, विधायक अभय सिंह, विधायक अजय सिंह, एमएलसी पवन सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश अग्रहरि, अमेठी, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान,

डॉ प्रियंका मौर्या, कर्नल रविकांत एवं अन्य गणमान्य मौजूद रहे।

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