जलालपुर, अम्बेडकर नगर।
नगर पालिका परिषद में बुधवार को उस समय हड़कंप मच गया जब निर्माण सामग्री में कथित भ्रष्टाचार और गृहकर में मनमानी को लेकर सभासदों का सब्र टूट गया। परिषद परिसर में जमकर हंगामा हुआ और नगर पालिका प्रशासन पर गंभीर आरोपों की झड़ी लग गई।
नगर पालिका द्वारा कराए जा रहे निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार का आरोप
सभासदों का आरोप है कि घटिया सामग्री से कराए जा रहे निर्माण कार्य और गृहकर के नाम पर की जा रही वसूली भ्रष्टाचार की स्पष्ट पुष्टि कर रहे हैं। कस्बे में चल रहे निर्माण कार्यों में पीली ईंट तथा सफेद बालों का उपयोग प्रतिबंध के बावजूद भी सामान्यतया देखा जा सकता है।
जिलाधिकारी से कारवाई की गुहार
पूर्व भाजपा नगर अध्यक्ष एवं सभासद प्रतिनिधि देवेश मिश्रा के नेतृत्व में सभासद आशीष सोनी, रमेश मौर्य, बेचन पांडे, इसरार अहमद, साधु यादव, शुभम जायसवाल सहित अन्य ने कहा कि यदि निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो यह मामला जिलाधिकारी तक ले जाया जाएगा। सभासदों ने मांग की कि निर्माण कार्यों और गृहकर निर्धारण की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।
भ्रष्टाचार की पुष्टि?
कुछ दिन पूर्व उपजिलाधिकारी राहुल गुप्ता द्वारा अधिशासी अधिकारी के साथ कस्बे के विभिन्न स्थानों पर हो रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया गया था।इस निरीक्षण के दौरान कई निर्माण कार्य मानक के विपरीत पाए गए थे, जिसके बाद संबंधित फर्म सूर्या कंस्ट्रक्शन को नोटिस जारी कर भुगतान रोका गया।
जनता की प्रतिक्रिया
गृहकर में बढ़ोतरी और कथित मनमानी से कस्बेवासियों में भी भारी आक्रोश है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि बिना किसी स्पष्ट मापदंड के टैक्स बढ़ा दिया गया है और आपत्ति दर्ज कराने के बावजूद उन्हें बार-बार नगर पालिका के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। जनता का आरोप है कि अधिकारी सुनवाई के बजाय ठेकेदारों और प्रभावशाली लोगों को संरक्षण दे रहे हैं।
“किसकी शह पर खेल?”
सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर यह पूरा खेल किसकी शह पर चल रहा है? लगातार हो रही शिकायतों के बावजूद नाम मात्र की कारवाई से भ्रष्टाचारियों का मनोबल सातवें आसमान पर है। अब सवाल उठ रहा है कि बिना उच्चस्तरीय संरक्षण के इतने बड़े पैमाने पर अनियमितताएं कैसे हो रही हैं?
क्या कहते हैं अधिशाषी अधिकारी
इस पूरे मामले में नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी अरविंद कुमार का कहना है कि गृहकर में आपत्ति होने पर संशोधन किया जा रहा है और भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच जारी है। किसी भी तरह के निर्माण कार्य के उपरांत अधिशासी अभियंता द्वारा ऑडिट कराकर ही भुगतान किया जाता है।
हालांकि सभासदों और जनता का कहना है कि अब केवल आश्वासन नहीं, बल्कि दोषियों पर ठोस और सख्त कार्रवाई ही नगर पालिका की साख बचा सकती है।
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| Jeevan_Prakash |




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