काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण के अंतिम दिन वहां शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है। दावे के बाद अदालत ने शिवलिंग वाले स्थान को सील करने और सीआरपीएफ की सुरक्षा में देने का आदेश भी दे दिया है। अब नजरें मंगलवार 17 मई की सुनवाई पर टिक गई है। इस दिन सर्वेक्षण करने वाले कोर्ट कमिश्नर अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे। माना जा रहा है कि इसके बाद कोर्ट कोई आदेश जारी कर सकता है। 

मस्जिद में शिवलिंग होने का दावा हिंदू पक्ष की ओर से किया गया है। मामले की वादी राखी सिंह के पैरोकार जितेन्द्र सिंह बिशेन ने सर्वेक्षण खत्म होने के बाद प्रेस कांफ्रेंस भी की और कहा कि बताया कि मस्जिद के अंदर मिले कृत्रिम तालाब में करीब तीन से चार फीट का शिवलिंग मिला है। शिवलिंग का कुछ हिस्सा अभी पानी के अंदर ही डूबा है। ऐसे में उसकी लंबाई और ज्यादा हो सकती है। बिशेन ने कहा कि शिवलिंग का व्यास करीब 12 फीट है। बिशेन ने कहा कि अयोध्या की तरह ज्ञानवापी का मामला लंबा नहीं खींचा जाएगा। बाबा का मंदिर जल्द ही देश के सामने दिखेगा। यह अयोध्या की तरह 50 साल तक नहीं चलेगा। सभी कार्यवाहियां कानून व संविधान के अंतर्गत होगी। उन्होंने यह भी कहा कि उम्मीद से हजार गुना अधिक साक्ष्य मिला है, जो हमें काफी मजबूत करेगा। बिशेन ने कहा कि कानून के तहत ही इसी जीवन में ही ज्ञानवापी मामले का निस्तारण होगा। बिशेन ने यह भी कहा कि ज्ञानवापी के अलावा ताजमहल या कुतुबमीनार आदि अन्य मामलों में भी कोर्ट की कार्यवाही में तेजी लाई जाएगी। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की भी अपील की।

मुस्लिम पक्ष बोला-फव्वारा को बताया जा रहा शिवलिंग
अंजुमन इंतेजामियया मस्जिद कमिटी के वकील ने कहा है कि 'शिवलिंग' पाए जाने का दावा करने वाले पक्षकार केवल गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि वजूखाना में कोई शिवलिंग नहीं पाया गया है। वकील रईस अहमद अंसारी ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाना में केवल एक फव्वारा है। जिस संरचना को शिवलिंग बताया जा रहा है वह फव्वारा है। जानकारी के मुताबिक मस्जिद के ऊपरी हिस्से में नमाज पढ़ी जाती है। वहीं वजू करने की जगह है। इसी तालाब में शिवलिंग मिलने की बात कही गई है। कोर्ट ने इस इलाके को सील करने का और कड़ा पहरा लगाने का आदेश दिया है। इसके अलावा यहां किसी के भी आने जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

रईस ने यह भी कहा कि कोर्ट ने जल्दबाजी में आदेश दे दिया। हम इस आदेश से संतुष्ट नहीं हैं और इसे चुनौती देंगे। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मस्जिद कमिटी ने अपील की है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच मंगलवार को इस याचिका की सुनवाई करेगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोर्ट द्वारा नियुक्त कमिश्नर को ज्ञानवापी में सर्वे करने का आदेश दिया था।

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