पिता की जान बचाने के लिए एक बेटा तीन दिनों से डॉक्टर से लेकर नर्स से मिन्नत करता रहा, लेकिन सबने सिर्फ आश्वसन दिया, मदद किसी ने नहीं की। इसका नतीजा यह हुआ कि मंगलवार को उसके पिता ने दम तोड़ दिया। यह मामला कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल का है। बेटा राजेश कुमार ने डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है।

जानकारी के अनुसार राजेश कुमार का परिवार महमूरगंज में किराये के मकान में रहता है। राजेश के पिता को सांस लेने में समस्या हुई तो कबीरचौरा अस्पताल पहुंचे। इस पर चिकित्सकों ने उन्हें कार्डियो विभाग में बने आइसोलेट वार्ड में भर्ती कर दिया। कुछ दिन तक तो वो ठीक थे। बीते रविवार से उन्हें सांस लेने में परेशानी होने लगी। उनका ऑक्सीजन लेवल कभी 70 हो रहा था तो कभी 80 हो रहा था। इस पर राजेश ने कई बार डॉक्टर और नर्स को इसकी जानकारी दी। लगातार तीन दिनों तक वह डॉक्टरों के पास चक्कर लगाता रहा। हर बार डॉक्टर यही कहते रहे कि तुम्हारे पिता ठीक हो जाएंगे परेशान मत हो। मंगलवार को उसके पिता की मौत हो गई।

आइसोलेशन वार्ड के अंदर नहीं जाते डॉक्टर
राजेश ने आरोप लगाया कि आइसोलेशन वार्ड के अंदर डॉक्टर मरीज को देखने नहीं आते हैं। जिस डॉक्टर की डयूटी लगी है, वह बाहर से ही मरीजों का हालचाल और नर्स को दवा बताकर चले जाते हैं।राजेश की मदद के लिए नहीं आया कोई

पोस्टमार्टम हाऊस के सामने अपने पिता के शव को लेकर राजेश लोगों से मदद मांगता रहा। लेकिन उसकी मदद के लिए कोई नहीं आया। कोरोना के भय से वहां कोई रुकने को तैयार नहीं था। जबकि राजेश के पिता को सांस की समस्या थी।

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