केंद्र की मोदी सरकार ने जहाँ एक ओर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गरीब जनता के लिए खाद्यान्न वितरण व्यवस्था सुनिश्चित की है और लॉक डाउन में प्रवासी मजदूरों को निशुल्क राशन उपलब्ध कराने का निर्देश जारी किया है। वहीं उतरौला तहसील अंतर्गत ग्राम गायडीह में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली की हालत बहुत ही खराब है।
यहाँ कोटेदारों की मनमानी के साथ दबंगई चरम पर है। कोटेदारों द्वारा कईयों को राशन न देने, कम राशन देने और घटतौली की शिकायतें मिल रही हैं।
गायडीह निवासी मजीदुननिशा,जैबुननिशा,आमिना,बैतुल रजा,रशीदा खातून, फ़हमीदा खातून ने उप जिलाधिकारी उतरौला डॉ नगेंद्र नाथ यादव को लिखित शिकायत कर कोटेदार फारुक के विरुद्ध विधिक कार्रवाई किए जाने की मांग करी है।
आरोप है कि कोटेदार कुछ लोगों को दो तथा कुछ लोगों को एक वर्ष से राशन नहीं दिया है । राशन न मिलने से गांव के कई परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। जिन लोगों को राशन देता है उनका भी सूची में दर्ज यूनिट से कम देता है। यूनिट से कटौती करने, राशन ना देने एवं अपना राशन मांगने पर गाली गलौज पर आमादा हो जाता है।
उप जिलाधिकारी डॉ नगेंद्र नाथ यादव ने पूर्ति निरीक्षक को जांच कर नियमानुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
असगर अली
उतरौला
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