Paytm number .9013387725                                    *🙏जयसरस्वतीदेवी*
*पूजनीय सुरेश शर्मा के पुत्र* V9द कुश
*विशेषज्ञ ज्योतिषाचार्य पंंडित विनोद शर्मा कुश*  💐💐💐👌👍9013387725
 *🕉जय कुश ऋषि की*🔯  *पंडित विनोद शर्मा कुश ने ज्योतिष शास्त्रों का अध्ययन करके आपके लिएकौनसा है आपका आराध्य ज्योतिर्लिंग"*
शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों का अपना अलग ज्योतिषीय
महत्व भी है , जिस तरह पूरा ब्रहमांड बारह
राशियों में विभाजित है और शिव ने भी हमें अपने
बारह ज्योतिर्लिंग दिए ये महज संयोग नहीं. जिस
तरह से हर जन्म कुंडली से जातक के इष्ट
देवता का पता लगाया जा सकता है और उस इष्ट देवता का स्मरण
और जप करने से उसके सारे कष्टों का निवारण होता है वैसे
ही शिव के भक्त अपने इस इष्ट ज्योतिर्लिंग
की जानकारी प्राप्त कर सकते है और
नियमित रूप से उस ज्योतिर्लिंग की आराधना करने से
न सिर्फ हमारे समस्त पापो का नाश होता है अपितु हम
सुखी , सम्रद्ध और शांति पूर्वक जीवन
प्राप्त करते है, चूँकि हमारे इस ज्योतिर्लिंग का सम्बन्ध
सीधे हमारी आत्मा से होता है इसलिए
इसे आत्मलिंग भी कहा जाता है.।।         https://www.youtube.com/channel/UCCqUFVFabDhttngUwalwSYg
ये बारह ज्योतिर्लिंग बारह राशियों से जुड़े होते है जिसका वर्णन
निचे तालिका में दिया है , और फिर एक विशेष
ज्योतिषीय गणना के जरिये इन बारह भावो में से एक
भाव निकाला जाता है और तत्पश्चात उस भाव में उपस्थित
राशी से सम्बंधित ज्योतिर्लिंग
आपका अपना ज्योतिर्लिंग होता है. इस विशेष ज्योतिर्लिंग के
नियमित दर्शन , स्मरण और अभिषेक से शिव
की विशेष कृपा प्राप्त होती है और
हमारे समस्त दुखो का विनाश भी होता है . विशेष
ज्योतिर्लिंग (आत्मलिंग) का स्मरण महामंत्र "ॐ
नमः शिवाय " के आगे "नमः " और फिर उक्त ज्योतिर्लिंग का नाम
लगा कर किया जाता है , *उदहारण के लिए*
किसी का आत्मलिंग रामेश्वरम है तो उनका ज्योतिर्लिंग
मंत्र हुआ "ॐ नमः शिवाय नमः रामेश्वराय"
या किसी का "सोमनाथ" है तो उनका ज्योतिर्लिंग मंत्र
हुआ "ॐ नमः शिवाय नमः सोमनाथाय " .
तालिका :
मेष = रामेश्वरम , वृषभ = सोमनाथ, मिथुन = नागेश्वर,                      कर्क =
ओम्कारेश्वर , सिंह = वैद्यनाथ , कन्या = मल्लिकार्जुन, तुला =
महाकालेश्वर , वृश्चिक = घ्रिशनेश्वर,
धनु = विश्वनाथ, मकर = भीमाशंकर , कुम्भ=
केदारनाथ, मीन = त्र्यम्बकेश्वर .
सिर्फ यही नहीं ग्रह दोष निवारण में  भी सम्बंधित ज्योतिर्लिंग की आराधना न
सिर्फ उस ग्रह के दोष को दूर कराती है अपितु उसे
और प्रबल बना कर श्रेष्ठ फल प्रदान कराती है।
ज्योतिर्लिंगों का ग्रह से सम्बन्ध भी राशियों के जरिये
ही है , जैसे मेष राशी सूर्य
की उच्च की राशी है
अतः सूर्य से सम्बंधित दोष को दूर करने के लिए रामेश्वरम
की आराधना सर्वश्रेष्ठ है वैसे
ही चन्द्रमा की उच्च
की राशी वृषभ है और गुरु
की कर्क जंहा श्री सोमनाथ और
ओम्कारेश्वर , इसी तरह हर ग्रह के निवारण के
लिए सम्बंधित ज्योतिर्लिंग
की आराधना की जा सकती है.
उदहारण की लिए जैसे श्रीराम भगवान्
ने अपने पित्र दोष के निवारण के लिए दक्षिणेश्वर (रामेश्वरम)
की स्थापना की और उससे मुक्ति प्राप्त
की, ठीक इसी प्रकार से
हर राशी का एक ग्रह से और उस ग्रह
का ज्योतिर्लिंग से सम्बन्ध है जो हमारे ग्रहों के निवारण के
साथ हमें सुख और सम्रद्धि प्रदान करता है..
"ॐ नमः शिवाय नमः मल्लिकार्जुनाय "         Paytm number .9013387725                                    *🙏जयसरस्वतीदेवी*
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