मथुरा || इन दिनो मथुरा में चर्चा का विषय बना हुआ है। ऑफ़िसर कॉलोनी स्थित टाइप 1st का आवास जिसमें लोक निर्माण विभाग के जूनियर इंजिनीयर निवास कर रहे हैं। जिसमें बाउंड्री वॉल को ऊँचा कर ऐंगल लगा कर वायर फेंसिंग, आने वाले गेस्टों के लिए अतिरिक्त कक्ष का निर्माण जोरशोर से चल रहा है। जबकि अगल बगल व ऑफ़िसर कॉलोनी के प्रशासनिक अधिकारियों के आवास जीर्णशीर्ण अवस्था में पड़े हैं। लेकिन आश्चर्यजनक है कि अधिशासी अभियंता का आवास जूनियर इंजीनियर स्तर के अभियंता को केसे आवंटित हो गया और आवास में रह रहे जूनियर इंजीनियर को इतने बड़े आवास में इतनी ऊँची बाउंडरी का निर्माण, आवास में इतने कक्ष होने के बाद भी अतिरिक्त कक्ष के निर्माण की क्या आवश्यकता पड़ गयी जो पहले से ही अच्छा बना हुआ है। जबकि बगल के ही न्यायाधीश महोदय व एक आइएएस अधिकारी के आवास की बाउंडरी वाल तो बहुत छोटी बनी हुई हैं। जिसमें आइएएस अधिकारी की बाउंड्री वाल का एक हिस्सा तो गिरने की कगार पर है।क्या लोक निर्माण विभाग में अधिशासी अभियंता का आवास जूनियर इंजीनियर को आवंटित कर दिया जाता है।इन अवर अभियंता को इतनी भारी सुरक्षा की क्या आवश्यकता पड़ गई जो सरकारी धन का दुरुपयोग करने से भी नहीं चूक रहे हैं।अच्छे बने टाइप 1st के मकान में लाखों रुपये से हो रहे अवेध निर्माण को न करके ऑफ़िसर कॉलोनी में प्रशासनिक अधिकारियों के जीर्णशीर्ण पड़े मकनो को भी ठीक कराया जा सकता था।
गजब :: मथुरा में चर्चा का विषय बना हुआ है। ऑफ़िसर कॉलोनी स्थित टाइप 1st का आवास
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