बलरामपुर /वीरेंद्र सिंह ने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड मे दर्ज कराया अपना नाम 


बलरामपुर पंचम अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस पखवाड़ा  2019 पर आयोजित कार्यक्रम में 65 वर्ष की उम्र में "शंख प्रछालन क्रिया "का प्रदर्शन कर इंडिया  बुक ऑफ  रिकॉर्ड मे अपना नाम दर्ज कराया ।

सबसे पहले यह जान लेना आवश्यक है कि शंख प्रछालन क्रिया है क्या?   
        
 शंख प्रछालन को वारिसार क्रिया भी कहते है ।
शंख प्रछालन दो शब्दों से मिलकर बना है, शंख जिसका प्रयोग आंतों के लिए किया गया है क्यों कि आंतें भी शंख के भीतरी भाग के समान जटिल होती है'प्रछालन 'का अर्थ होता है साफ करना या धोना ।

इस तरह देखा जाए तो शंख प्रछालन एक ऐसी शोधन क्रिया है जो आंतों को साफ करता है ।इसको कायाकल्प की क्रिया भी कहते है ।वीरेंद्र ने गति वर्ष 28 जून 2019 को सी एम ओ आफिस कैम्पस बलरामपुर मे सी एम ओ डॉक्टर धन श्याम सिंह, प्रान्तीय आयुर्वेदिक एवं युनानी अधिकारी डॉक्टर दिग्विजय नाथ एवं अन्य डॉक्टर तथा नान मेडिकल स्टाफ के समक्ष  शंख प्रछालन का प्रदर्शन किया था।  जिसमें लगभग पांच लीटर हल्का गर्म नमकीन युक्त पानी पी कर 50 मिनट के भीतर आंतों की सफाई करते हुए गुदा द्वार से  पानी को  बाहर निकाल दिया था ।
इस शंख प्रछालन क्रिया की सबसे मुख्य विशेषता यह है कि इस क्रिया में किसी भी योग आसन का प्रयोग नहीं किया गया है जबकि अभी तक प्रचलित शंख प्रछालन क्रिया के लिए पाँच आसन करने अनिवार्य होते है । इस तरह क़े शंख प्रछालन क्रिया करक़े  व्यक्ति अपने को कैसे चुस्त-दुरुस्त रख सकता है यह कला अपने-आप में अद्भुत है ।योग गुरू वीरेंद्र का कहना है कि व्यक्ति योग एवम योगिक षटकर्म से दीर्घआयु बन सकता है । इस बात मे कोई शक नहीं ।यह रिकॉर्ड गोल्डेन  बुक ऑफ वर्ड  रिकॉर्ड 2020 मे भी दर्ज हो चुका है ।इनका अगला लक्ष्य इस क्रिया को "युनीक वर्ल्ड रिकॉर्ड "मे दर्ज कराने का है ।इन्होंने अपनी प्रविष्टि वहाँ भेज भी दी है ।शीघ्र ही इन्हें इसकी अच्छी उपलब्धि हासिल हो सकती है ।इनकी इस कामयाबी पर सीएमओ डॉक्टर धनश्याम सिंह, प्रान्तीय आयुर्वेदिक एवम युनानी अधिकारी डॉक्टर दिग्विजय नाथ, पूर्व प्राचार्य एम एल के महाविद्यालय डॉक्टर पीपी सिह, पूर्व उ प्र शासन मंत्री हनुमंत सिंह, कमलेश प्रताप सिंह, डी पी शर्मा तथा एडवोकेट जय प्रकाश सिंह आदि ने बधाई दी है ।
सीएमओ डॉक्टर धनश्याम सिंह और डिप्टी सीएमओ डॉक्टर ए के सिंघल  ने आज योग गुरु वीरेन्द्र सिंह को मेडल पहनाकर एवम प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। 

आनन्द मिश्रा  
बलरामपुर 

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