कोरोना काल में सुकन्या समृद्धि के 60% खाते हुए बंद

         गिरजा शंकर गुप्ता (ब्यूरों)
अम्बेडकरनगर। कोरोना केवल वायरस के तौर पर ही नहीं अन्य तरह से भी संकट का कारण बना हुआ है। इसकी एक बानगी साल 2014 में शुरू हुई सुकन्या समृद्धि योजना के बंद होते खाते हैं। अपनी बेटियों के भविष्य के लिए अभिभावकों की ओर से खोले गए सुकन्या समृद्धि के 60 प्रतिशत खाते कोरोना काल में तेजी से बंद होते गए।
प्रधान डाकघर अकबरपुर से मिले आंकड़े पर गौर करें तो साल 2014 में शुरू हुई सुकन्या समृद्धि योजना में वित्तीय वर्ष 2019-20 तक कुल 40168 खाते खुले थे। सुकन्या समृद्धि योजना का खाता खोलकर अभिभावकों ने अपनी बेटियों का भविष्य सुरक्षित करने का प्रयास किया था। जब कोरोना का संकट आया तो अभिभावकों ने बेटियों के भविष्य के लिए तेजी से खाता खुलवाया। इसी का परिणाम है कि बीते वित्तीय 2020-21 में लगभग उतने ही खाते खुले जितने साल 2014 से 2019-20 तक खुले थे। 2019-20 के वित्तीय वर्ष के अंत तक जिले में कुल 40168 खाते खुले थे। वहीं बीते वित्तीय वर्ष 2020-21 में ही 35243 सुकन्या समृद्धि योजना के खाते खोले गए। 

कोरोना संकट और बढ़ा तथा दूसरी लहर आई तो जिस तेजी से खाते खुल रहे थे, उसी तेजी से सुकन्या समृद्धि योजना का खाता बंद भी होने लगा। संकट ने अभिभावकों को खाता बंद करने पर भी मजबूर कर दिया। केवल वित्तीय वर्ष 2020-21 में ही 26237 सुकन्या समृद्धि योजना के खाते बंद हो गए। प्रधान डाकघर अकबरपुर की विपणन अधिकारी नूतन सिंह बताती हैं कि अधिकांश खातों के बंद होने का कारण अभिभावकों का बेरोजगार हो जाना है।

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